विज्ञान

13-Nov-2018 12:14:36 pm
Posted Date

विज्ञान कहता है सांप दूध नहीं पी सकते, तो अध्यात्म के नाम पर उनसे क्रूरता क्यों होती है?

विज्ञान के अनुसार साप एक सरीसृप है, इसलिए ये दूध का पाचन नही कर सकते और ये दूध पीने के कुछ दिन बाद मर जाते हैं मतलब उनकी आयु कम हो जाती है।

साँप और दूध का संबंध कहा से आया :

हमारे पुराने ग्रंथों में वराह पुराण में ये ज़िक्र मिलता है कि पूजा करते समय, साँप को दूध से नहलाना चाहिए ।दूध पिलाने का कहीं ज़िक्र नही है।और दूसरा उल्लेख मिलता है एक प्रचलित लोक कहानी में जिसमें एक किसान जिसके दो बेटे और एक बेटी होती है, हल चलाते समय तीन साँपों को मार देता है। और इस घटना से क्रोधित होकर साँपों की माँ उस किसान के परिवार में सबको मार देती है। धोखे से उसकी बेटी बच जाती है। तब उसकी बेटी दूध का कटोरा सामने रख के उस साँप से प्रार्थना करती है की उसे माफ़ करें और सबको जिंदा कर दे। तब वो साँप सबको जिंदा कर देता है।

लोग साँप को दूध क्यो पिलाते हैं:

मेरा मानना है कि भारतीय अपनी सुविधनुसार अपनी अधूरे ज्ञान और अधूरी बुद्धि के हिसाब से प्रचलित मान्यताओं को तोड़ मरोड़ देते हैं। हालाँकि ग्रंथों में कहीं पर ये बात नही कही गयी की साँप को दूध पिलाना चाहिएं लेकिन साँप को दूध से नहलाके पूजा करने का विवरण कई जगह है। लेकिन हमारी होशियार जनता ने सोचा होगा की क्यों न दूध जैसी कीमती चीज़ को साँप को पिला दें तो इस से ज़्यादा पुण्य मिलेगा। लेकिन बेचारे साँप उनके इस अनूठे प्रयोग से अपनी जान गँवा देता है। अब गाँव जहाँ के अशिक्षित लोगों क्या पता होगा की सरीसृप क्या होता है और क्या होता है स्तनधारी। और दूध ना पचा पाने वाली बात उनको पता हो ऐसी उम्मीद मैं नही कर सकता।सरकार को चाहिए की ये बात खुल के बताई जाए और नागपंचमी के दिन जहाँ जहाँ पूजा होती है, वहाँ पर पोस्टर लगाए जाए कारणों के साथ की साँप को क्यों दूध नही पिलाना चाहिए।हालाँकि ये बात सपेरे जानते होंगे, लेकिन हाए ये मानव का स्वार्थी स्वाभाव और ग़रीबी की मार की वो लोग साँप को नागपंचमी से २-३ दिन पहले से खिलाना पिलाना बंद कर देते हैं ताकि नाग पंचमी के दिन जब लोग दर्शन करने आए और दूध पिलाए तो बेचारा भूखा प्यासा साँप बिना कुछ देखे दूध पीने लगे और ये लोग उनसे इसके बदले पैसे ऐंठ ले। वैसे साँप अंडे खा लेता है लेकिन पूजा के समय अंडा खिलाना भारतीयों की भौंहे खड़ी कर देगा इसलिए सपेरा भी दूध ही पिलाने को कहता है अशिक्षित श्रद्धालुओं से।

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