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जल्द ही सरकार दवाओं के दामों में बड़ा फेरबदल कर सकती है। दवा कीमत नियंत्रण आदेश 2013 में इस एक संशोधन पर विचार किया जा रहा है कि दवाओं पर (पांच एमजी, 10 एमजी) जैसी मेडिसिन स्ट्रेंथ बताने वाले संकेतों को हटाया जाए।मौजूदा समय में 850 से अधिक आवश्यक दवाओं की अधिकतम कीमतें सरकार तय करती है। ये दवाएं आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची के अंतर्गत आती हैं। ज़रूरी दवाओं की हर साल थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आधार पर बढ़ोतरी की जा सकती है।सरकार के मुताबिक करीब एक महीने में दवाओं की कीमतों की स्थिति साफ हो पाएगी। भारत में दवा बाज़ार करीब 1.2 लाख करोड़ रुपए का है, जिसमें से करीब 17 फीसदी अब कीमत नियंत्रण के दायरे में है।
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