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23-Aug-2021 3:28:26 am
Posted Date

वित्त वर्ष 2020-21 में नाबार्ड का ऋ ण 25.2 प्रतिशत बढक़र 6 लाख करोड़ रुपये पर पंहुचा

नईदिल्ली । राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने रविवार को अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि 2020-21 वित्त वर्ष के दौरान बैंक का ऋण और अग्रिम पिछले साल की तुलना में 25.2 प्रतिशत बढक़र छह लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
रिपोर्ट में बताया गया कि नाबार्ड ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 34,671.2 करोड़ रुपये की आय कमाई, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 6.1 प्रतिशत अधिक है। कर से पहले चालू वित्त वर्ष में उसका लाभ 6,081.4 करोड़ रुपये रहा, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 5,234.3 करोड़ रुपये था।
वही कर के बाद बीते वित्त वर्ष में बैंक का लाभ 4,320 करोड़ रुपये पहुंच गया। इससे पिछले यानी वित्त वर्ष 2019-20 ने यह 3,859.2 करोड़ रुपये था। 
नाबार्ड ने बताया कि 31 मार्च, 2021 को समाप्त वित्त वर्ष में उसका बही-खाता 6.57 लाख करोड़ रुपये रहा। इसमें से अधिकांश गैर-निष्क्रिय (अर्जित) संपत्तियां है, जिसने बदले में जमीनी स्तर पर निजी और सार्वजनिक निवेश जुटाने में मदद की। 
नाबार्ड के अध्यक्ष जी आर चिंताला ने वार्षिक रिपोर्ट में कहा, हमने सालाना आधार पर अपनी कुल संपत्ति में 24 प्रतिशत की रिकॉर्ड वृद्धि हासिल की और ऋण पोर्टफोलियो में इसी तरह की प्रभावशाली वृद्धि हासिल की है। 
उन्होंने कहा कि सरकार के आत्मानिर्भर भारत पैकेज और किसानों की मेहनत के कारण, कृषि क्षेत्र ने पिछले साल 3.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और चालू वित्त वर्ष में भी इसी प्रदर्शन को दोहराने की संभावना है। 
वही 2020-21 में कृषि ऋण बकाया 12.3 प्रतिशत की दर से बढ़ा, जो सभी क्षेत्रों में सबसे अधिक है। 
चिंताला ने कहा, इससे हमें केंद्रीय बजट 2022 में निर्धारित 16.5 लाख करोड़ रुपये के ग्रामीण ऋण प्रवाह के लक्ष्य को पूरा करने का विश्वास मिलता है, क्योंकि चालू वर्ष के दौरान मानसून भी सामान्य रहने की उम्मीद है।

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