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24-Nov-2018 6:43:17 am
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सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.2-7.9त्न रहने का अंदाजा

नई दिल्ली  । इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में देश की इकनॉमिक ग्रोथ 7.2-7.9 पर्सेंट रह सकती है। अगले हफ्ते आधिकारिक आंकड़ा आने से पहले अर्थशास्त्रियों ने यह अनुमान लगाया है। कच्चे तेल की कीमत बढऩे, रुपये में कमजोरी और मॉनसून सीजन में असमान बारिश के बावजूद ग्रोथ अच्छी रहने की उम्मीद है क्योंकि कंस्ट्रक्शन के साथ कंजम्पशन ग्रोथ बढिय़ा रही है।
अप्रैल-जून क्वॉर्टर में जीडीपी ग्रोथ 8.2 पर्सेंट थी, जो नौ क्वॉर्टर्स में सबसे अधिक थी। अप्रैल-जून क्वॉर्टर में ऊंची ग्रोथ का बड़ा कारण यह था कि पिछले साल की इसी तिमाही में नोटबंदी और गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स के चलते ग्रोथ कम हो गई थी। ऐसे में बेस इफेक्ट के चलते इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ग्रोथ 8 पर्सेंट से ऊपर पहुंच गई। वहीं, जुलाई-सितंबर क्वॉर्टर में चीन की इकनॉमिक ग्रोथ धीमी होकर 6.5 पर्सेंट रही। 
दूसरे क्वॉर्टर की ग्रोथ को मौजूदा फाइनैंशल ईयर के लिए लगभग 7.5 पर्सेंट की ग्रोथ के अनुमान के अनुसार देखा जा रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को इस वित्त वर्ष में ग्रोथ 7.4 पर्सेंट रहने की उम्मीद है। इकनॉमिक टाइम्स को सितंबर तिमाही की जीडीपी ग्रोथ के सात अनुमान मिले हैं, जिनका औसत 7.5 पर्सेंट है। 
कोटक महिंद्रा बैंक की इकनॉमिस्ट उपासना भारद्वाज ने कहा, सितंबर तिमाही में इससे पिछली तिमाही से कम ग्रोथ रहेगी। जून तिमाही में बेस इफेक्ट के चलते ग्रोथ काफी तेज थी। हालांकि, दूसरे क्वॉर्टर में भी ग्रोथ मजबूत रहने के संकेत हैं। कोटक महिंद्रा बैंक ने जीडीपी ग्रोथ 7.9 पर्सेंट रहने का अनुमान दिया है। सेंट्रल स्टैटिस्टिकल ऑफिस सितंबर क्वॉर्टर के लिए जीडीपी आंकड़ा 30 नवंबर को जारी करेगा। 
इंडिया रेटिंग्स के चीफ इकनॉमिस्ट देवेन्द्र पंत का कहना है, मॉनसून औसत रहा है और इससे कृषि पर असर पड़ा है। हमें पहले क्वॉर्टर में एग्रीकल्चरल ग्रोथ 5.3 पर्सेंट से कम रहने की उम्मीद है। इंडिया रेटिंग्स ने सितंबर क्वॉर्टर में जीडीपी ग्रोथ 7.3 पर्सेंट रहने की उम्मीद जताई है। इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन के अनुसार, मौजूदा फाइनैंशल ईयर के पहले छह महीनों में देश का इंडस्ट्रियल आउटपुट 5.1 पर्सेंट बढ़ा है। मैन्युफैक्चरिंग में ग्रोथ 5.3 पर्सेंट की रही, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 2 पर्सेंट थी। 
रेटिंग एजेंसी इकरा की प्रिंसिपल इकनॉमिस्ट अदिति नायर ने कहा, एग्रीकल्चरल ग्रोथ कमजोर रहने के हमारे अनुमान के बावजूद, न्यूनतम समर्थन मूल्य में बदलाव, किसानों के कर्ज माफ करने, कंस्ट्रक्शन में तेजी आने और राज्य सरकारों की ओर से वेतन बढ़ाने से दूसरे क्वॉर्टर में डिमांड बढऩे की उम्मीद है। यस बैंक की चीफ इकनॉमिस्ट शुभदा राव ने कहा कि सर्विसेज सेक्टर में अच्छे सुधार से दूसरे क्वॉर्टर में ग्रोथ को मदद मिली है। एचडीएफसी बैंक को जुलाई-सितंबर क्वॉर्टर में जीडीपी में 7.4 पर्सेंट की वृद्धि होने की उम्मीद है।

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