संपादकीय

20-Aug-2018 6:25:07 pm
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सम्पादकीय- और न बिगड़ें हालात !

केरल में बारिश थमने से आखिरकार लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली, लेकिन अभी खतरा टला नहीं है। मगर इससे पहले भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से मची त्रासदी ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया और सैकड़ों की जानें ले लीं. सूबे में बाढ़ की विभीषिका के कारण 7,24,649 लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है. बाढ़ पीड़ितों के लिए 5,645 राहत शिविर बनाए गए हैं. बाढ़ की त्रासदी ने 370 जिंदगियां लील लीं. वहीं कर्नाटक का कोडागु जिला भी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है. कोडागु जिले में करीब 3,500 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. सरकार ने रविवार को कहा कि लगातार बारिश से राहत कार्यो में बाधा आ रही है. मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा, “सेना, नौसेना और अन्य राज्य व केंद्रीय एजेंसियों ने अभी तक 3,500 से ज्यादा लोगों को बचाया है.” इस बाढ़ग्रस्त पहाड़ी जिले में सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं.

केरल में बारिश से राहत
मौसम विभाग ने कहा कि अच्छी खबर यह है कि पिछले दो दिनों में केरल में बारिश की तीव्रता कम हुई है. इसने कहा कि राज्य में अगले चार दिनों तक भारी बारिश का अनुमान नहीं है. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हमारी सबसे बड़ी चिंता लोगों की जान बचाने की थी. लगता है कि इस दिशा में काम हुआ.” केरल में आखिरकार बाढ़ के सबसे विनाशकारी दौर समाप्त होने के संकेत मिले और कई शहरों और गांवों में जलस्तर में कमी आई. मुख्यमंत्री ने कहा, “शायद यह अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी है, जिससे भारी तबाही मची है. इसलिए हम सभी प्रकार की मदद स्वीकार करेंगे.” उन्होंने बताया कि 1924 के बाद प्रदेश में बाढ़ की ऐसी त्रासदी नहीं आई।  बता दे की अभी भी केरल में बाढ़ का कहर टला नहीं है अभी भी अलर्ट जारी है।

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