संपादकीय

28-Nov-2018 1:12:12 pm
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तंग नजरिये का बयान

कांग्रेस के राजस्थान के वरिष्ठ नेता सीपी जोशी जो कभी राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार थे, सिर्फ 1 वोट से चुनाव हार जाने की वजह से यह मौका उनके हाथ से निकल गया था। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के राजस्थान में चुनाव जीतने की संभावनाएं हैं। ऐसे में इस वरिष्ठ नेता ने अपने एक बचकाने भाषण से यह मौका फिर हाथ से गंवा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जोशी के विवादित बयान से कांग्रेस को अलग कर लिया। जोशी ने अपने एक भाषण में कहा है कि सिर्फ ब्राह्मण ही हिंदू धर्म के विषय में जानते हैं और सिर्फ ब्राह्मणों को ही यह अधिकार है कि वह हिंदू धर्म पर कोई वक्तव्य दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग ब्राह्मण नहीं हैं, जैसे कि नरेंद्र मोदी, उमा भारती और साध्वी रितंभरा, वे राम मंदिर और हिंदू धर्म के बारे में कैसे बोल सकते हैं। जोशी के बयान ने संविधान की दो धाराओं का अपमान किया है। पहला तो सभी लोग संविधान के अनुसार बराबर हैं और दूसरा, धर्म किसी भी व्यक्ति का व्यक्तिगत चुनाव होता है और उस पर बोलने का उसे पूर्ण अधिकार होता है। जोशी को ज्ञात होना चाहिए कि ब्रिटिश शासन के समय से ब्राह्मणों का समाज में धार्मिक रीतियों पर जो भी नियंत्रण था, वह धीरे-धीरे ढीला पड़ता गया।
वैसे ही 2014 के चुनाव में जो भी साधु और साध्वी आए हैं, वे नई पीढ़ी के हैं, जिस पर ब्राह्मणवाद का कोई नियंत्रण नहीं है। यह नई विचारधारा के हर जाति और धर्म से जुड़े साधु और साध्वी हैं। पुरातन विचारधारा को स्थापित करने का प्रयास समाज के लिए घातक होगा। जब हम समाज में ‘जन्म के आधार पर कर्म’ की धारणा से बाहर निकलने का प्रयास कर रहे हैं, जोशी का बयान संवेदनहीन और निंदनीय है। उनकी विचारधारा और उसके पोषक उनके विरोधियों को आलोचना का एक और मौका दे रहे हैं। कोई भी समझदार व्यक्ति हिंदुत्व की एकता की भावनाओं को चोट पहुंचाने वाली विचारधारा का समर्थन नहीं कर सकता।

 

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