संपादकीय

23-Nov-2018 7:20:40 am
Posted Date

राहत का एक्सप्रेस-वे


सुरक्षा-सुविधा के हों पुख्ता इंतजाम
कुंडली-मानसेर-पलवल एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण से जहां देश के विकास के पहियों को रफ्तार मिलेगी वहीं दिल्ली की जनता को जाम व प्रदूषण से कुछ राहत जरूर मिलेगी। ‘देर आयद दुरुस्त आयद’ की कहावत को चरितार्थ करते हुए दिल्ली के चारों तरफ वलयकार रोड बनाने का महत्वाकांक्षी सपना पूरा हुआ। जनसंख्या और वाहनों के लगातार बढ़ते दबाव के मद्देनजर यह कदम बहुत पहले उठा लिया जाना चाहिए?था। इस परियोजना को राष्ट्रमंडल खेलों तक सिरे चढ़ाने की योजना थी, जो तंत्र की काहिली के चलते समय से पूरी नहीं हो पायी। निश्चित रूप से इस विशाल परियोजना को समय से पूरा करने का श्रेय भाजपा को दिया जा सकता है, मगर यह राजनीति का मुद्दा नहीं बनना चाहिए। हर सरकार का दायित्व है कि लोगों के कल्याण की बड़ी योजनाओं को समय रहते पूरा किया जाये। विपक्ष को भी इसमें मीन-मेख निकालने से बचना चाहिए। बहरहाल, अब आठ राज्यों के हल्के व भारी वाहन दिल्ली में प्रवेश किये बिना ही गंतव्य स्थान तक पहुंच सकेंगे। सही मायनो में वाहनों का जाम में फंसना जहां अर्थव्यवस्था के लिये हानिकारक होता है, वहीं समय, पेट्रोल की बर्बादी के साथ प्रदूषण भी बढ़ता है।
इस मायने में केएमपी एक्सप्रेस-वे की सार्थकता को देखना चाहिए। इससे जहां हरियाणा के विकास को गति मिलेगी, वहीं दिल्ली के लोगों को अनावश्यक दबाव से मुक्ति मिलेगी। दिल्ली और एनसीआर के लोग पिछले कुछ समय से प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। यदि वर्ष 2010 में लक्षित समय में यह परियोजना पूरी हो जाती तो दिल्ली की आबोहवा इतनी खराब नहीं होती। पिछले आठ वर्षों में वाहनों से होने वाला प्रदूषण चालीस फीसदी बढ़ा है। अब वाणिज्यिक वाहनों के बाहर ही बाहर निकलने से दिल्ली को राहत अवश्य मिलेगी। सडक़ विकास की आधारभूत संरचना होने के कारण अर्थव्यवस्था को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ऐसे में केएमपी में यातायात का सुगम प्रवाह बनाने के लिये सतर्क रहने की आवश्यकता है। खुली-चौड़ी सडक़ों में फर्राटा गाड़ी दौडऩे के लोभ संवरण से वाहन चालक मुक्त नहीं हो पाते जो अनेक लोगों के लिये जानलेवा साबित होता है। ऐसे में नये मार्ग की तकनीकी खामियों को दूर करते हुए यातायात सुचारु रूप से चलना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। लंबे सफर में यात्रियों व वाहन चालकों के लिये पर्याप्त सुविधाओं के साथ दुर्घटनाओं को टालना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। निश्चित रूप से केएमपी हरियाणा, एनसीआर और दिल्ली के लिये वरदान साबित हो सकेगा।
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