संपादकीय

19-Nov-2018 1:30:18 pm
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मानव मिशन का आगाज

भारत की अंतरिक्ष में भरोसेमंद दस्तक
भारत ने बुधवार को जहां श्रीहरिकोटा से इसरो के अब तक के सबसे भारी-भरकम कम्यूनिकेशन सैटेलाइट जीसैट-29 को उसकी कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया, वहीं उसे ले जाने वाले जीएसएलवी मार्क-3डी टू का भी सफल प्रक्षेपण किया। अंतरिक्ष विशेषज्ञ ?इस दोहरी सफलता को भारत की महत्वाकांक्षी मानव मिशन की पहली कामयाबी के रूप में देख रहे हैं। हमने इस मिशन का ?अहम पड़ाव पूरा किया है। इसरो ने वर्ष 2022 से पहले भारत की धरती से किसी भारतीय को अंतरिक्ष में भेजने का लक्ष्य तय किया है, उसी की तैयारी के रूप में इस दोहरी सफलता को देखा जाना चाहिए। इससे पहले इसरो ने जुलाई में ‘क्रू इस्केप सिस्टम’ का सफल परीक्षण किया था, जो अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम था। यह सिस्टम अंतरिक्ष अभियान को किसी व्यवधान की वजह से रोके जाने की स्थिति में अतंरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित निकलने में मदद करता है। इस परीक्षण में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से डमी क्रू मॉड्यूल के साथ क्रू स्केप सिस्टम का परीक्षण किया गया था। यह सिस्टम आकाश में छोड़ा गया और श्रीहरिकोटा से तीन किलोमीटर दूर बंगाल की खाड़ी में पैराशूट की मदद से सुरक्षित उतारा गया।
दरअसल, ऐसे सुरक्षात्मक परीक्षण के बिना अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजे जाने का जोखिम नहीं उठाया जा सकता था। मिशन में किसी तरह की गड़बड़ी या राकेट में आग लग जाने की स्थिति में इसके जरिये अंतरिक्ष यात्रियों की जान बचायी जा सकती है। इस टेस्ट को भारत ने पहली ही बार में पास कर लिया। ऐसा सिस्टम दुनिया में सिर्फ अमेरिका, रूस व चीन के पास है। भारत चौथा देश है। दरअसल, मानव अंतरिक्ष मिशन को लेकर इसरो कई प्रयोग कर रहा है ताकि सरकार से हरी झंडी मिलने पर तुरंत मानव मिशन को अंजाम दिया जा सके। जीएसएलवी मार्क 3 का प्रक्षेपण अब अगले साल होगा, जो चंद्रयान-2 सैटेलाइट को लेकर जायेगा। दरअसल, जीसैट-29 मूलत: संचार उपग्रह है, जो जम्मू -कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत में संचार सुविधाओं का विस्तार करेगा। इसके जरिये देश के दुर्गम इलाकों में इंटरनेट सुविधाओं का भी विस्तार किया जायेगा। साथ ही डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को अमलीजामा पहनाया जा सकेगा। ?इस उपग्रह में उच्च गुणवत्ता वाला कैमरा भी लगा है जो दिन में लगातार तस्वीरें भेजकर दुश्मन के जहाजों की संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी करेगा। साथ ही मौसम संबंधी सटीक जानकारियां भी उपलब्ध करायेगा। इस तरह यह महत्वपूर्ण सफलता है।

 

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