संपादकीय

17-Nov-2018 11:41:01 am
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ऊंचाई की गहराई के सवाल

रमेश जोशी
आज तोताराम कुछ कन्फ्यूज्ड था। बोला- भाई, भारत के बिस्मार्क, लौहपुरुष, सरदार वल्लभ भाई झवेर भाई पटेल की मूर्ति के ऊपर-नीचे, अगल-बगल कहीं उनका नाम लिखा दिखाई नहीं दिया, न ही किसी वक्ता ने उनका पूरा नाम लिया। होना तो यह चाहिए था कि मूर्ति से भी ऊंचा नामपट्ट या फिर लेजऱ किरणों में आकाश में चमकता-दमकता नाम होना चाहिए था, जिससे कई किलोमीटर दूर से ही पता लग जाए कि वहां भारत के बिस्मार्क, लौहपुरुष, सरदार वल्लभ भाई झवेर भाई पटेल उर्फ स्टेच्यू ऑफ़ लिबर्टी है।
हमने कहा-तोताराम, ये कोई मंदिर-मस्जिद या अन्य स्थल बनाकर पूजा-प्रसाद का धंधा करने वालों की बात है। जब गांधी जी से किसी ने गांधीवाद की चर्चा की तो उन्होंने कहा-यदि कोई नाम ही देना है तो इसे ‘अहिंसावाद’ नाम दो। पटेल भी खुद को गांधी जी का सिपाही कहते थे।
हमने कहा-न तो उसमें देश के सभी विशिष्ट लोग बुलाए गए और न ही उस क्षेत्र के सामान्य लोग दिखाई दिए। हमने तो सुना है कि उस क्षेत्र के हजारों आदिवासियों ने विरोध जताया था। तुम्हारी इस जिज्ञासा में भी दम है कि स्टेच्यू के नाम में पटेल का सर्वाधिक प्रसिद्ध विशेषण ‘लौह पुरुष’ भी नहीं सुना-दिखा। लेकिन इसके कई तकनीकी कारण हैं। इसके निर्माण में 70 हजार टन सीमेंट, 24 हजार टन स्टील,17 सौ टन तांबा और 17 टन कांसा लगा है। जब 31 प्रतिशत में पूर्ण बहुमत मिल सकता है फिर इसमें तो सीमेंट लोहे का 225 फीसदी बैठती है। नामकरण में उसे कैसे छोड़ा जा सकता है? यदि पदार्थों के अनुसार नामकरण हो तो ‘सीमेंट-पुरुष’ करना पड़ेगा। दूसरे सर्वाधिक मात्रा में लगे पदार्थ को शामिल करें तो ‘सीमेंट-लौह पुरुष’ किया जा सकता है।
वह बोला- जंक लगने से बचाने के लिए तांबा और कांसा मिलाना पड़ता है। हमने कहा-क़ुतुब मीनार के पास खड़ी लोहे की लाट में तो जंक नहीं लगा। जब किसी निर्माण में कमीशन खाया जाएगा तभी जंक लगने की संभावना रहती है। बोला- हम बड़े हैं। बड़े कामों में विश्वास करते हैं। वर्ल्ड रिकॉर्ड से कम पर नहीं मानते।
हमने कहा-कोई किसी का मज़ाक नहीं उड़ा सकता। लोग अपने धंधे के लिए ईश्वर और अल्लाह की सुरक्षा और मान-अपमान का ठेका लिए फिरते हैं। सोच, भला क्या कोई सर्वशक्तिमान, समस्त ब्रह्माण्ड के नियंता का अपमान कर सकता है? बोला- ठीक है, मास्टर। राजनीति करने वाले मूर्ति और गौरव का धंधा करें। हम तो इस देश-दुनिया और अपने खुद के भले के लिए ही सही; एकता, प्रेम, भाईचारे और सबकी सुख-शांति की कामना करें।

 

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