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28-Mar-2022 4:23:09 am
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डीआरडीओ ने मध्यम दूरी की मिसाइल के भारतीय सेना संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया

नई दिल्ली । रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 27 मार्च, 2022 को ओडिशा के तट पर चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआरएसएएम) के भारतीय सेना संस्करण के दो सफल उड़ान परीक्षण किए। उड़ान परीक्षण हाई-स्पीड हवाई लक्ष्यों के विरूद्ध लाइव फायरिंग ट्रायल के हिस्से के रूप में किए गए। मिसाइलों ने हवाई लक्ष्यों को इंटरसेप्ट किया और दोनों रेंजों पर सीधे हिट दर्ज करते हुए उन्हें पूरी तरह से नष्ट कर दिया। पहला लाँच एक मध्यम ऊंचाई लंबी दूरी के लक्ष्य को इंटरसेप्ट करना था और दूसरा लाँच कम ऊंचाई वाली छोटी दूरी के लक्ष्य की क्षमता सिद्ध करने के लिए था।
यह एमआरएसएएम संस्करण भारतीय सेना द्वारा उपयोग के लिए डीआरडीओ और इजऱाइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई), इजऱाइल द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। एमआरएसएएम आर्मी वेपन सिस्टम में मल्टी-फंक्शन रडार, मोबाइल लॉन्चर सिस्टम और अन्य वाहन शामिल हैं। उड़ान परीक्षण डिलीवरेबल आकृति में हथियार प्रणाली के साथ किए गए थे। हथियार प्रणाली का निष्पादन आईटीआर, चांदीपुर द्वारा तैनात रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और टेलीमेट्री जैसे रेंज उपकरणों द्वारा कैप्चर किए गए उड़ान डेटा के माध्यम से सत्यापित किया गया था। उड़ान परीक्षण डीआरडीओ और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एमआरएसएएम-सेना के सफल उड़ान परीक्षणों के लिए डीआरडीओ, भारतीय सेना और उद्योग को बधाई दी है। उन्होंने कहा, दोनों सफल परीक्षण महत्वपूर्ण दूरी पर लक्ष्य को भेदने में हथियार प्रणाली की क्षमता को स्थापित करते हैं।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने एमआरएसएएम के सेना संस्करण के सफल उड़ान परीक्षण में शामिल टीमों की सराहना की और कहा कि ये परीक्षण आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रमुख उपलब्धियां हैं।

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