0-घुड़सवार अनुष अग्रवाल ने कहा
नई दिल्ली। राष्ट्रीय खेल दिवस पर भारतीय घुड़सवार और ओलंपियन अनुष अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने यादगार और प्रेरक अनुभव साझा किए।
पेरिस ओलंपिक में भाग लेने वाले प्रत्येक एथलीट को, जिसमें वो खुद भी शामिल हैं प्रधानमंत्री की ओर से एक विशेष पत्र मिला था।
इस पत्र में उन्होंने सभी खिलाडिय़ों को शुभकामनाएं दी थीं और उन्हें किसी भी तरह की सहायता के लिए सीधे उनसे संपर्क करने के लिए प्रोत्साहित किया था।
2018 एशियाई खेलों में पदक जीतने के बाद उन्होंने पहली बार पीएम मोदी से मुलाकात की और एक यादगार पल साझा किया।
अनुष ने कहा, एथलीटों को पेरिस ओलंपिक से महीनों पहले पीएम मोदी से पत्र मिले, जिसमें हमें किसी भी तरह की मदद के लिए प्रोत्साहित किया गया, जिससे हमारा मनोबल बढ़ा।
उन्होंने पेरिस ओलंपिक से जुड़ा एक अनचाहा किस्सा याद किया जब खिलाडिय़ों को बहुत ज्यादा गर्मी का सामना करना पड़ा था। इस पर भारत सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुए एयर कंडीशनर की व्यवस्था की थी।
अनुष ने बताया, यहां तक कि ओलंपिक विलेज में बस सेवा के साथ भी मेरा शेड्यूल क्लैश कर रहा था और भारतीय ओलंपिक संघ ने मेरी परेशानियों को दूर करते हुए मेरे लिए विशेष रूप से एक कार उपलब्ध कराई थी।
ओलंपिक से पहले प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई बातचीत का एक किस्सा अनुष ने शेयर किया। उन्होंने बताया कि कैसे प्रधानमंत्री ने एक अनोखे तरीके से एथलीटों के बीच एक उम्र और अनुभव की दीवार को कम किया।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कुछ सवाल पूछे, आप में से सबसे युवा कौन है? आप में से कितने पहली बार ओलंपिक में भाग ले रहे हैं? यहां पर किसे 2 या 3 ओलंपिक का अनुभव है?
अनुष ने बताया, वह चाहते थे कि अनुभवी एथलीट जूनियर खिलाडिय़ों के साथ अपने अनुभव साझा करें। पूरा कमरा एक नए उत्साह से भर गया था।
अन्य खेलों की तुलना में भारत में घुड़सवारी का कम महत्व होने के बावजूद, अनुष ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनके प्रति वैसा ही सम्मान और चिंता दिखाई, जैसा वे दूसरों के प्रति रखते हैं।
पेरिस ओलंपिक में अपने घोड़े सर कैरमेलो ओल्ड के साथ भारत के एकमात्र घुड़सवार अनुष ड्रेसेज ग्रां प्री व्यक्तिगत क्वालीफायर राउंड में ग्रुप ई में नौवें स्थान पर रहे।
लेकिन भारतीय घुड़सवार के लिए यह अभी भी एक अच्छी उपलब्धि थी, क्योंकि अनुष अग्रवाल देश के लिए कोटा प्राप्त करने के लिए न्यूनतम पात्रता आवश्यकता (एमईआर) को चार बार प्राप्त करने के बाद ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में ड्रेसेज में प्रतिस्पर्धा करने वाले पहले भारतीय बन गए।
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