पेरिस। पेरिस में बुधवार देर रात पैरालंपिक खेलों का उद्घाटन समारोह हुआ और इसी के साथ खेल इतिहास में एक रोमांचक अध्याय की शुरुआत हुई। इस बार विश्व के तमाम खिलाड़ी 22 खेलों के कुल 549 स्पर्धाओं में पदकों के लिए प्रतिस्पर्धा करते हुए नजर आएंगे।
बुधवार (28 अगस्त) को भारतीय समयानुसार रात 11:30 बजे पेरिस पैरालंपिक का उद्घाटन समारोह का आयोजन हुआ। भारत के लिए इस गौरव के क्षण में पैरा-एथलीट सुमित अंतिल और भाग्यश्री जाधव ने भारतीय दल का नेतृत्व किया, जो 12 विभिन्न खेलों में 84 एथलीटों के साथ देश के पैरालंपिक इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा दल है।
टोक्यो 2020 पैरालंपिक में भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतने वाले सुमित को ध्वजवाहक होने का सम्मान मिला, जो एक और शानदार प्रदर्शन के लिए देश की उम्मीदों का प्रतीक है।
उनके साथ भाग्यश्री भी थीं, जिन्होंने चीन में एशियाई पैरा खेलों में शॉटपुट में रजत पदक जीता था, जो विभिन्न खेलों में भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाता है।
इस साल भारत ने पैरालंपिक में अब तक का अपना सबसे बड़ा दल भेजा है, जिसमें अलग-अलग खेलों के 84 एथलीट शामिल हैं, जो देश के बढ़ते पैरा-स्पोर्ट्स इकोसिस्टम का प्रमाण है।
आयोजन में टीम का उत्साह और एकता साफ दिख रही थी। पूरे देश की उम्मीदें उन पर टिकी हुई हैं।
भारतीय एथलीट, अपने कंधों पर बड़ी उम्मीदों के साथ, वैश्विक मंच पर अपना कौशल दिखाने के लिए तैयार हैं।
पेरिस 2024 पैरालंपिक में भारत की भागीदारी में न केवल खिलाडिय़ों की संख्या में वृद्धि हुई है, बल्कि पदक की उम्मीदें भी बढ़ी हैं। देश का लक्ष्य टोक्यो में अपनी पिछली उपलब्धियों को पार करना है, जहां उन्होंने 19 पदक जीते थे।
ओलंपिक में आमतौर पर अमेरिका और चीन के बीच पहले स्थान के लिए होड़ रहती है। पैरालंपिक में ऐसा नहीं है। पिछले कई एडिशंस से यहां चीन का दबदबा है। लेकिन इस बार उम्मीदें भारत से भी बहुत अधिक हैं।
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