रायपुर, 11 जनवरी । वंशानुगत कारीगरों को स्थाई रोजगार नहीं मिलने के कारण पारंपरिक रोजगार इन दिनों संकट की स्थिति से गुजर रहे है। वंशानुगत रोजगारों में बढ़ई, लोहार, ताम्रकार, स्वर्णकार, शिल्पकार, बुनकर, प्रजापति/कुम्हार, बंसोड़, चर्मकार, मनिहार, घुमंतू कारीगर, रजक एवं नाई समुदाय के लोगों को अपने काम में दक्ष होने के बावजूद भी आजादी के 70 वर्षों में वो मुकाम हासिल नहीं हुआ है जिसके की वे हकदार है। उक्ताशय की जानकारी प्रेसक्लब रायपुर में आयोजित पत्रकारवार्ता में आर्टीजन वेलफेयर आर्गेनाईजेशन के संयोजक वी विश्वनाथन आचारी भिलाई, प्रदेश अध्यक्ष मुलायक विश्वकर्मा, प्रदेश अध्यक्ष गोपाल चक्रधारी, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनीष गुप्ता ने संयुक्त रुप से दी। वार्ताकारों ने बताया कि संस्था 3 सूत्रीय मांगों के तहत केन्द्र सरकार से कारीगर मंत्रालय, राष्ट्रीय कारीगर बोर्ड एवं राष्ट्रीय कारीगर आयोग के गठन की मांग राष्ट्रीय स्तर पर करती है। उपरोक्त मांगों को लेकर संस्था की छत्तीसगढ़ इकाई द्वारा 12 जनवरी को इंडोर स्टेडियम के पास स्थित बुढ़ापारा धरना स्थल में सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे के मध्य एक दिवसीय धरना दिया जायेगा। धरने में प्रभुनाथ बैठा, प्रफुल्ल विश्वकर्मा, हिम्मत ताम्रकार, जयराज, नकुल विश्वकर्मा, पीडी विश्वकर्मा, लोचन विश्वकर्मा, प्रदीप सागर, सीता राम विश्वकर्मा, चंद्रशेखर पाडे, विष्णु निर्मलकर, पुरु षोत्तम देवांगन, अजय मांडवी, प्रदीप सिंह, विश्वनाथ बागेकर, मोहन शर्मा, जोगिन्द्र शर्मा, भूपेन्द्र सेन, सुभाष शर्मा, मेहतरु विश्वकर्मा एवं श्रीमती पूर्णिमा विश्वकर्मा सहित सैकड़ों की संख्या में उपरोक्त प्रदेश अध्यक्षों के साथ अपने-अपने क्षेत्र के शिल्पकार शामिल होंगे।
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