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चेन्नई । मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने ऑनलाइन शादी को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद तमिलनाडु की महिला भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक से डिजिटल माध्यम से शादी करने को तैयार है। जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने एक रिट याचिका पर सुनवाई के बाद कहा कि विवाह का अधिकार एक मौलिक मानव अधिकार है और विशेष विवाह अधिनियम, 1954 की धारा 12 और 13 का निर्माण इस प्रकार किया जाना चाहिए ताकि इस अधिकार को प्रभावी बनाया जा सके।
याचिका में याचिकाकर्ता वासमी सुदर्शिनी पीएन ने प्रतिवादी उप-रजिस्ट्रार, कन्याकुमारी को राहुल एल. मधु के साथ अपनी शादी को ऑनलाइन संपन्न कराने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है। अदालतत ने कहा, अधिनियम की धारा 12 (2) में कहा गया है कि विवाह किसी भी रूप में किया जा सकता है जिसका दोनों पक्ष चयन कर सकते हैं।
चूंकि कानून को प्रौद्योगिकी की रफ्तार के साथ तालमेल बिठाना पड़ता है, इसलिए यहां विवाह में शामिल पक्षों की पसंद कानूनी रूप से जरूरी है। उन्होंने अपील की कि शादी को विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत पंजीकृत किया जाए और विवाह प्रमाण पत्र जारी किया जाए।
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