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21-Jul-2021 9:09:21 pm
Posted Date

ईपीएफओ ने मई में 9.20 लाख सदस्य जोड़े

नई दिल्ली। ईपीएफओ ने मई, 2021 के दौरान कुल 9.20 लाख सदस्य जोड़े हैं। इसका मतलब यह हुआ कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का असर बहुत ही कम पड़ा है। 20 जुलाई को ईपीएफओ द्वारा जारी प्रोविजनल पेरोल डाटा के मुताबिक ईपीएफओ इस वित्त वर्ष के शुरुआती दो महीनों में अपने कुल सदस्यता आधार में 20.20 लाख की बढ़ोतरी करने में सफल रहा है।
पेरोल डाटा से जो संकेत मिले हैं, उसके मुताबिक पेरोल विस्तार पर महामारी की दूसरी लहर का असर उतना गंभीर नहीं रहा है, जितना पहली लहर में रहा था। इसके लिए ईपीएफओ द्वारा ऑनलाइन दावे जमा करने, ऑटो-क्लेम सेटेलमेंट, पीएफ खाते  का ऑनलाइन ट्रांसफर, शिकायत समाधान को मजबूती देना और मोबाइल डिवाइस पर सेवाएं आदि के रूप में भारत सरकार के समयबद्ध समर्थन को श्रेय दिया जा सकता है।
5.37 लाख नए सदस्य पहली बार जुड़े
मई महीने के दौरान जुड़े कुल 9.20 लाख सदस्यों में से, लगभग 5.73 लाख नए सदस्य पहली बार कर्मचारी भविष्य निधि योजना के दायरे में आए हैं। वहीं, लगभग 3.47 सदस्य इससे अलग हो गए, लेकिन नौकरी में बदलाव के साथ ही फिर से ईपीएफओ के दायरे में आने वाले संस्थानों से जुड़ गए और उन्होंने फंड ट्रांसफर के जरिए से योजना के तहत अपनी सदस्यता को बरकरार रखा है।
22-25 वर्ष के आयु वर्ग में सबसे ज्यादा लोगों का पंजीकरण 
पेरोल डाटा की उम्र के आधार पर तुलना करें तो, मई, 2021 के दौरान 2.39 लाख नए सदस्यों के साथ 22-25 वर्ष के आयु वर्ग में सबसे ज्यादा लोगों ने पंजीकरण कराया। वहीं, 29-35 आयु वर्ग के लोगों की संख्या 1.90 लाख रही। जबकि, इस दौरान जुड़े कुल नए सदस्यों में महिलाओं की हिस्सेदारी लगभग 21.77 प्रतिशत रही।
5 राज्यों ने 11.83 लाख सदस्य जोड़े
आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक राज्यों में पंजीकृत प्रतिष्ठान महीने के दौरान लगभग 5.45 लाख नए सदस्यों के साथ सबसे आगे रहे। इनकी सभी आयु वर्गों में कुल पेरोल विस्तार में लगभग 59.29 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। इसवित्त वर्ष के दौरान, इन 5 राज्यों ने अभी तक 20.20 लाख सदस्यों में से 11.83 लाख सदस्य जोड़े हैं। ‘एक्सपर्ट सर्विसेज’ कैटेगरी, जिसमें कार्यबल एजेंसियां, निजी सुरक्षा एजेंसियां और छोटे ठेकेदार आदि आते हैं, की इस दौरान कुल सदस्य जोडऩे में 46.77 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। ईपीएफओ मई, 2018 से ही पेरोल डाटा जारी कर रहा है, जिसमें सितंबर, 2017 तक के आंकड़े शामिल किए जाते हैं।

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