नई दिल्ली ,11 दिसंबर । भारत विश्व के सबसे बड़े हथियार खरीदार देशों में से एक है। रूस, अमेरिका, फ्रांस और इजरायल से भारत बड़ी मात्रा में हथियार खरीदता है। 2013 से 2017 के बीच में भारत ने विश्व की कुल हथियार खरीद में से 12त्न अकेले ही खरीदे थे। हालांकि, अब तस्वीर बदलने जा रही है क्योंकि भारत विश्व का हथियार विक्रेताओं की सूची में चौथा सबसे तेजी से बढ़ता देश बन रहा है। स्टॉकहोम इंटरनैशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट की हालिया रिपोर्ट के अनुसार हथियारों की बिक्री में 2016-17 में भारत ने 5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है।
हथियारों की बिक्री में भारत की बढ़ोतरी का यह आंकड़ा अमेरिका (2त्न) से भी अधिक है, जबकि फ्रांस, जर्मनी और रूस से ही कम है। इस लिस्ट में चीन को शामिल नहीं किया गया, लेकिन हथियार विक्रेता के तौर पर बन रही भारत की ताकत के अपने कुछ राजनीतिक और वैश्विक मायने जरूर हैं।
मिसाइल कूटनीति
भारत अभी भी बड़ी मात्रा में रूस फ्रांस और अमेरिका से हथियारों की खरीद करता है, लेकिन बदलती सूरत भारती की वैश्विक ताकत को अलग अर्थ में पेश कर रही है। हथियारों की बिक्री में हुई यह वृद्धि वैश्विक हथियार बाजार में भारत के दखल और विदेश नीति को दिखा रही है। वियतनाम के पीएम मोदी के 2016 में हुए दौरे में भारत ने वियतनाम को 500 मिलियन डॉलर डिफेंस लोन की पेशकश की गई थी। इसी साल वियतनाम को एयर आकाश मिसाइल और सुपरसॉनिक ब्रह्मोस मिसाइल बेचने के लिए बातचीत शुरू की गई।