भुवनेश्वर ,02 दिसंबर । पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका को 5-0 से मात देकर हॉकी विश्व कप की शानदार शुरुआत करने वाली भारतीय पुरुष टीम के सामने अगले मैच में बेल्जियम की कड़ी चुनौती इंतजार कर रही है। दोनों टीमों ने अपने विश्व कप अभियान की शुरुआत जीत के साथ की है और कलिंगा स्टेडियम में पूल-सी के अगले मैच में इन दोनों की कोशिश अपने विजयी क्रम को जारी रखने की होगी।
भारत के लिए यह मैच आसान नहीं होगा। वर्ल्ड नंबर-3 बेल्जियम का खेल भारत से बेहतर रहा है। यह टीम अपने आक्रामक खेल के लिए जानी जाती है। भारत में हालांकि बेल्जियम को मात देना का माद्दा है। पहले मैच में बेल्जियम ने कनाडा को 2-1 से मात दी थी। पूल-सी में भारत पहले स्थान पर है तो वहीं बेल्जियम को दूसरा स्थान हासिल है। इस मैच में जीत दोनों टीमों के प्री-चर्टरफाइनल जाने की संभावनाओं के बेहद प्रबल कर देगी जबकि हार से अंतिम-4 का इंतजार पूल के आखिरी मैच तक के लिए बढ़ जाएगा।
भारत ने पिछले मैच में एकतरफा खेल दिखाया था। मेजबान टीम की आक्रमण पंक्ति असरदार साबित हुई और इसलिए पांच गोल करने में टीम सफल रही थी। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हालांकि भारतीय टीम के डिफेंस की परीक्षा नहीं हो पाई थी। बेल्जियम के खिलाफ हालांकि कोच हरेंदर सिंह की टीम को सतर्क रहना होगा। साथ ही उसकी मिडफील्ड को भी अपनी अहमियत समझनी होगी। भारत के कोच हरेंदर सिंह भी इस बात से वाकिफ हैं और इसलिए उन्होंने कहा है कि बेलज्यिम के खिलाफ मैच एक तरह से प्री-चर्टर फाइनल की तरह होगा।
उन्होंने कहा, हम इस मैच को प्री-चर्टर फाइनल की तरह लेंगे। बेल्जियम पिछले चार-पांच वर्षो से लगातार मॉर्डन हॉकी खेल रही है जबकि भारत भी पिछले पांच-महीनों से आक्रामक हॉकी खेल रही है। यह मैच बेहत रोचक होगा। पहले मैच में सिमरनजीत ने भारत के लिए दो गोल किए थे जबकि मंदीप, आकाशदीप और ललित उपाध्याय ने एक-एक गोल किया था। बेल्जियम के डिफेंस के सामने यह चारों अपनी फॉर्म को बनाए रख पाते हैं या नहीं यह मैच के दिन पता चलेगा।
बेल्जियम के डिफेंस में आर्थर वान डोरेन, गोउथियेर बोकार्ड, और आर्थर डे स्लूवर जैसे अनुभवी डिफेंडर हैं। इन तीनों के पास 150-150 से ज्यादा मैचों का अनुभव है जो भारत के लिए खतरनाक हो सकता है। गोलकीपर विसेंट वानश्च भी 201 मैचों का अनुभव लिए हुए हैं। ऐसे में भारत के फॉरवर्ड आकाशदीप, गुरजंत सिंह, मंदीप और दिलप्रीत के लिए यह कड़ी परीक्षा होगी। वहीं भारतीय डिफेंस में हरमनप्रीत सिंह, गुरिंदर सिंह, वरुण कुमार, कोथाजीत सिंह को अहम भूमिका निभानी होगी क्योंकि बेल्जियम की आक्रमण पंक्ति का नेतृत्व अनुभवी कप्तान थॉमस ब्रील्स के जिम्मे है।
यहां वह अकेले नहीं है। उनके साथ फ्लोरेंट वान एयुबेल, टॉम बून जैसे नाम हैं। बेल्जियम के खिलाडिय़ों के लिए भारत के गोलकीपर पी.आर.श्रीजेश सबसे बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं। श्रीजेश को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपरों में गिना जाता है। बेल्जियम के कोच शेन मैक्लोड निश्चित इस बात पर ध्यान देंगे।