मुंबई। भारतीय टीम ने धमाकेदार अंदाज में इंग्लैंड के खिलाफ 4-1 से सीरीज जीत ली। टीम इंडिया की तरफ से गेंदबाजों और बल्लेबाजों ने कमाल का प्रदर्शन किया। पहली बार ऐसा हुआ है कि टीम इंडिया ने 0-1 से पिछड़ने के बाद टेस्ट सीरीज 4-1 से अपने नाम की हो। इस सीरीज में विराट कोहली और मोहम्मद शमी जैसे अनुभवी प्लेयर्स भी नहीं खेल रहे थे। फिर भी युवा बल्लेबाजों ने कमाल का खेल दिखाया और अंग्रेजों की टीम को धूल चटा दी। टेस्ट सीरीज जीतते ही टीम इंडिया को ICC टेस्ट रैंकिंग में फायदा हुआ है।
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज 4-1 जीतने की वजह से टीम इंडिया आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में पहले पायदान पर पहुंच गई है। भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को पीछे कर दिया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम दूसरे नंबर पर पहुंच गई है। ICC टेस्ट रैंकिंग में भारतीय टीम के इस समय 122 रेटिंग अंक हैं। वहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम के 117 रेटिंग अंक हैं। 111 रेटिंग अंकों के साथ इंग्लैंड की टीम तीसरे नंबर पर मौजूद है।
न्यूजीलैंड 101 रेटिंग के साथ चौथे नंबर पर है। पहले और दूसरे स्थान को छोड़कर टॉप-10 में कोई बदलाव नहीं हुआ है। आईसीसी ODI रैंकिंग में भारतीय टीम पहले से ही नंबर एक की कुर्सी पर काबिज है। टीम इंडिया के 121 रेटिंग अंक हैं। ICC T20I रैंकिंग में टीम इंडिया के 266 अंक हैं और टीम इंडिया के पास नंबर-1 का सिंहासन है। इस तरह से अब टीम इंडिया आईसीसी रैंकिंग के तीनों फॉर्मेट नंबर-1 बन गई है।
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारतीय युवा प्लेयर्स ने कमाल का प्रदर्शन किया। यशस्वी जायसवाल ने सीरीज में सबसे ज्यादा 712 रन बनाए। उन्होंने सीरीज में दो दोहरे शतक लगाए। इसके अलावा उन्होंने तीन अर्धशतक भी लगाए। शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज अवॉर्ड दिया गया। वहीं शुभमन गिल ने सीरीज में 452 रन बनाए। इसके अलावा सीरीज में डेब्यू करने वाले सरफराज खान और देवदत्त पड्डीकल ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया। दूसरी तरफ गेंदबाजी में कुलदीप यादव ने 19 विकेट अपने नाम किए। वहीं आकाश दीप ने अपने पहले ही टेस्ट मैच में तीन विकेट हासिल किए थे। इन प्लेयर्स की वजह से ही टीम इंडिया सीरीज 4-1 से जीतने में सफल रही।
धर्मशाला। भारत ने धर्मशाला टेस्ट में इंग्लैंड को हरा दिया है. पांचवें टेस्ट में अंग्रेजों को इनिंग और 64 रनों से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है. पहली पारी में 259 रनों से पीछे होने के बाद दूसरी पारी में इंग्लैंड की टीम 195 रनों पर ऑलआउट हो गई. इस तरह भारत ने सीरीज 4-1 से जीत लिया है. इंग्लैंड के लिए दूसरी पारी में महज जो रूट थोड़ा संघर्ष कर पाए. इसके अलावा बाकी अंग्रेज बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों के सामने बेबस और लाचार नजर आए. खासकर, टीम इंडिया के स्पिनरों का अंग्रेज बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं था.
इंग्लैंड के लिए दूसरी पारी में जो रूट ने सबसे ज्यादा रन बनाए. उन्होंने 84 रनों की अच्छी इनिंग खेली. लेकिन अंग्रेजों का टॉप ऑर्डर फिर बुरी तरह फ्लॉप रहा. ओपनर जैक क्राउली बिना कोई रन बनाए रवि अश्विन की गेंद पर आउट हुए. बेन डकैट 2 रन बनाकर चलते बने. ओली पोप 19 रन बनाकर पवैलियन का रूख कर गए. हालांकि, जॉनी बेयरस्टो ने 39 रनों की छोटी लेकिन अच्छी पारी खेली. अंग्रेज कप्तान बेन स्टोक्स 2 रन बनाकर आउट हुए. बेन फोक्स फिर रवि अश्विन की गेंद पर सस्ते में बोल्ड हो गए.
भारत के लिए रवि अश्विन दूसरी पारी में सबसे कामयाब गेंदबाज रहे. रवि अश्विन ने 5 बल्लेबाजों को आउट किया. जसप्रीत बुमराह और कुलदीप यादव को 2-2 कामयाबी मिली. रवीन्द्र जडेजा ने शोएब बशीर को आउट किया.
इस तरह भारत ने 5 टेस्ट मैचों की सीरीज 4-1 से जीत लिया है. हालांकि, इस सीरीज का आगाज भारत के लिए अच्छा नहीं रहा. पहले टेस्ट में इंग्लैंड ने भारत को हराया, लेकिन इसके बाद टीम इंडिया ने शानदार वापसी की. भारत ने विशाखापट्टनम के बाद राजकोट, रांची और धर्मशाला में अंग्रेजों को आसानी से हरा दिया.
भारतीय टीम ने पहली इनिंग में 477 रनों का स्कोर बनाया. इस तरह भारत को 259 रनों की बड़ी लीड मिली थी. भारत के लिए रोहित शर्मा और शुभमन गिल ने शतक जड़ा. रोहित शर्मा ने 103 रन बनाए. जबकि शुभमन गिल ने 110 रनों का योगदान दिया. इसके अलावा देवदत्त पड्डिकल और सरफराज खान ने फिफ्टी बनाई. इंग्लैंड के लिए शोएब बशीर सबसे कामयाब गेंदबाज रहे. शोएब बशीर को 5 कामयाबी मिली. जेम्स एंडरसन और टॉम हॉर्टली ने 1-1 विकेट लिए. बेन स्टोक्स ने रोहित शर्मा को आउट किया.
टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने उतरी इंग्लैंड ने 218 रन बनाए. इंग्लैंड के लिए ओपनर जैक क्राउली ने सबसे ज्यादा 79 रन बनाए. लेकिन इसके अलावा कोई अंग्रेज बल्लेबाज पचास रनों का आंकड़ा पार नहीं कर सके. भारत के लिए पहली पारी में कुलदीप यादव सबसे कामयाब गेंदबाज रहे. कुलदीप यादव ने 5 विकेट लिए. रवि अश्विन को 4 कामयाबी मिली. रवीन्द्र जडेजा ने जो रूट को आउट किया.
नईदिल्ली। महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने जेम्स एंडरसन के क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में 700 विकेट लेने वाले पहले तेज गेंदबाज बनने पर खुशी व्यक्त करते हुए इसे शानदार उपलब्धि बताया।
जेम्स एंडरसन शनिवार को एचपीसीए में भारत के खिलाफ पांचवें मैच के तीसरे दिन 700 टेस्ट विकेट लेने वाले पहले तेज गेंदबाज बन गए। यह महान तेज गेंदबाज क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में यह उपलब्धि हासिल करने वाले श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन (800) और लेग स्पिनर शेन वार्न (708) के बाद तीसरे व्यक्ति बने।
एंडरसन ने शनिवार को भारत के खिलाफ पांचवें टेस्ट के तीसरे दिन कुलदीप यादव को आउट कर यह उपलब्धि हासिल की। विकेट के चारों ओर से एक ऑफ-कटर ने कुलदीप को ड्राइव करने के लिए आकर्षित किया। गेंद ने बाहरी किनारा लिया और बाकी काम बेन फॉक्स ने स्टंप के पीछे किया।
सचिन ने एंडरसन की तारीफ में शब्दों की सराहना करते हुए इसे बेहद शानदार बताया। एंडरसन की 700 विकेट की उपलब्धि सचिन के लिए कल्पना जैसी लगती थी जब तक कि एंडरसन ने ऐसा नहीं किया।
सचिन ने एक्स पर लिखा, पहली बार मैंने एंडरसन को 2002 में ऑस्ट्रेलिया में खेलते देखा था और गेंद पर उनका नियंत्रण विशेष था।
नासिर हुसैन ने तब उनके बारे में बहुत प्रशंसा की थी और आज, मुझे यकीन है, वह कहेंगे, मैंने बोला था – कि उन्होंने इसे इतनी जल्दी बुलाया था। 700 टेस्ट विकेट एक शानदार उपलब्धि है। एक तेज गेंदबाज 22 साल तक खेलता रहे और लगातार इतना अच्छा प्रदर्शन करके 700 विकेट लेने में सक्षम हो, यह तब तक कल्पना जैसा लगता होगा जब तक कि एंडरसन ने वास्तव में ऐसा नहीं कर दिखाया। बिल्कुल शानदार! उसने जोड़ा।
चूंकि वॉर्न और मुरलीधरन दोनों 40 वर्ष से कम उम्र के थे जब वे रहस्यमय 700-विकेट क्लब के सदस्य बने, 41 वर्षीय एंडरसन इस मील के पत्थर तक पहुंचने वाले सबसे उम्रदराज गेंदबाज हैं।
नई दिल्ली। महिला दिवस के मौके पर हर कोई महिलाओं के सम्मान में नतमस्तक है। हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी काबिलियत साबित की। देश की सुरक्षा, कॉर्पोरेट सेक्टर, मेडिकल साइंस या खेल हर जगह महिलाओं का बोलबाला नजर आया। वहीं काफी समय से अपनी पहचान तलाश रही भारतीय महिला क्रिकेटरों ने देर से ही सही लेकिन एक बड़ा मुकाम हासिल कर लिया।
महिला दिवस के मौके पर हम बात कर रहे हैं कि कैसे डब्ल्यूपीएल महिला क्रिकेट के लिए वरदान साबित हुआ।
साल 2023 को भारत में महिला क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष माना जा सकता है। शैफाली वर्मा की कप्तानी में भारत ने दक्षिण अफ्रीका में उद्घाटन महिला अंडर 19 विश्व कप जीतकर एक खास उपलब्धि हासिल की।
फिर, सीनियर महिला टीम ने चीन के हांगझोऊ में एशियाई खेलों के टी20 डेब्यू में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता।
इसके बाद उसने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 11 साल के अंतराल के बाद घरेलू मैदान पर टेस्ट खेला और जीत हासिल की। उल्लेखनीय है कि बीसीसीआई ने पुरुष और महिला अंतर्राष्ट्रीय खिलाडिय़ों के लिए मैच-फीस समानता की घोषणा की थी।
लेकिन अगर कोई एक क्षण है जो इस मामले में शीर्ष स्थान लेता है, तो वह 4 मार्च को नवी मुंबई में महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) की शुरुआत है।
कई क्रिकेटरों और महिला क्रिकेट की दिग्गजों की लंबे समय से चली आ रही इच्छा आखिरकार पूरी हो गई है। यह एक वास्तविकता बन गया, जिसने हर ओर से सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।
डब्ल्यूपीएल 2023 के दौरान मुंबई और नवी मुंबई में स्टेडियम खचाखच भीड़ से भरे हुए थे, जो भारत में महिला क्रिकेट के लिए भारी समर्थन को दर्शाता है। इस साल के डब्ल्यूपीएल में बीसीसीआई ने टूर्नामेंट को दो नए स्थानों - बेंगलुरु और नई दिल्ली में आयोजित किया है जिसमें प्रत्येक स्थान पर 11 मैचों की मेजबानी की गई है।
पिछले वर्ष के विपरीत, जहां महिला दर्शकों को मुफ्त प्रवेश दिया गया था, अब आयोजन स्थलों पर कोई भी मैच देखने के लिए टिकट अनिवार्य है।
बेंगलुरु में पहले हाफ के मैचों में इसकी मेजबानी वाले सभी मैचों के लिए काफी दर्शक आए, जिससे यह साबित होता है कि डब्ल्यूपीएल की फैन फॉलोइंग बढ़ रही है।
जब खेल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर शामिल हुई तो एम चिन्नास्वामी स्टेडियम खचाखच भरा हुआ था, घरेलू दर्शकों ने स्मृति मंधाना एंड कंपनी का उसी तरह समर्थन किया, जिस तरह वे आईपीएल में पुरुष टीम के लिए करते थे।
भारत की पूर्व कप्तान ममता माबेन ने कहा, यह एक सपने के सच होने जैसा है, यह देखना कि खेल आज कहां है। चेन्नई और हैदराबाद से मेरे कई दोस्त बेंगलुरु में मैच देखने आए थे और अपना काम खत्म करने के बाद, मैं उनसे मिलने के लिए डब्ल्यूपीएल मैचों में गयी और मैच देखने के दौरान पूर्व क्रिकेटरों से मिलना बहुत अच्छा अनुभव रहा है।
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धर्मशाला। इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ धर्मशाला में खेले जा रहे टेस्ट में भारतीय क्रिकेट टीम के शुभमन गिल ने अपनी पहली पारी में शानदार शतक (110) लगाया है।गिल का यह टेस्ट करियर का चौथा और मौजूदा सीरीज में दूसरा शतक है। अपनी इस पारी के दौरान उन्होंने भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के साथ मिलकर बड़ी साझेदारी की है। रोहित ने भी शतक (103) जड़ा है।इससे पहले उन्होंने विशाखापट्टनम टेस्ट में भी 104 रन की शतकीय पारी खेली थी।
भारत ने जब 104 रन के स्कोर पर यशस्वी जायसवाल (57) का विकेट गंवाया था, तब गिल क्रीज पर आए।उन्होंने इंग्लैंड के गेंदबाजों की जमकर खबर ली और 64 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया।उन्होंने कमजोर गेंदों पर आकर्षक शॉट लगाए और अर्धशतक को शतक में तब्दील किया। उन्होंने रोहित के साथ दूसरे विकेट के लिए 171 रनों की साझेदारी निभाई।वह 150 गेंदों में 110 रन बनाकर आउट हुए। उन्होंने 12 चौके और 5 छक्के भी जड़े।
गिल ने अपना पहला टेस्ट मैच साल 2020 में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के खिलाफ खेला था।उन्होंने अब तक भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 25 टेस्ट मैच खेले हैं, इसकी 46 पारियों में उन्होंने 35.52 की औसत से 1,492 रन अपने नाम कर लिए हैं।इस बीच उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 128 रन रहा है। साल 2023 में उनके बल्ले से 6 टेस्ट मैच में केवल 28.66 की औसत से 258 रन ही निकले थे।
गिल ने सीरीज के अपने पहले टेस्ट में 23 और 0 के स्कोर किए थे। इसके बाद उन्होंने दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में शतक लगाते हुए अच्छी लय हासिल की थी।उन्होंने राजकोट टेस्ट की दूसरी पारी में 91 रन बनाए थे। उन्होंने मौजूदा सीरीज में अब तक 452 रन बना लिए हैं।वह फिलहाल यशस्वी जायसवाल (712) के बाद सीरीज में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। तीसरे नंबर पर रोहित (400) हैं।
इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ गिल ने 10 टेस्ट की 18 पारियों में 37 की औसत के साथ 592 रन बना लिए हैं, जिसमें 2 शतक और 3 अर्धशतक भी शामिल है।गिल ने भारतीय सरजमीं पर 13 टेस्ट की 13 पारियों में 41.38 की औसत से 869 रन अपने नाम कर लिए हैं। इस बीच उन्होंने 3 शतक और 4 अर्धशतक लगाए हैं।उन्होंने विदेशों में 556 रन और तटस्थ मैदानों पर 67 रन बनाए हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम ने गिल और रोहित के शतकों की मदद से दूसरे दिन के भोजनकाल के बाद तक 3 विकेट के नुकसान पर 301 रन बनाए हैं।इस समय देवदत्त पडिक्कल 17 और सरफराज खान 7 रन बनाकर क्रीज पर बने हुए हैं। भारत की बढ़त फिलहाल 82 रन की हो गई है। भारत से आउट होने वाले बल्लेबाज जायसवाल, रोहित और गिल हैं।बता दें कि इंग्लैंड अपनी पहली पारी में सिर्फ 218 रन ही बना सकी थी।
धर्मशाला। भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अपने करियर में एक और उपलब्धि हासिल की। वह 100 टेस्ट खेलने वाले भारत के 14वें खिलाड़ी बने गए हैं।
गुरुवार को धर्मशाला के हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें और अंतिम टेस्ट में मैदान पर उतरने के साथ ही अश्विन ने यह रिकॉर्ड अपने नाम किया।
इस मौके पर भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने अश्विन को एक विशेष स्मृति चिन्ह भेंट की।
राजकोट में तीसरे टेस्ट के दौरान अश्विन अनिल कुंबले के बाद 500 टेस्ट विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बन गए। साथ ही वो मुथैया मुरलीधरन, शेन वॉर्न, जेम्स एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड, कुंबले, ग्लेन मैकग्रा, कर्टनी वॉल्श जैसे गेंदबाजों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गए।
वह मुरलीधरन के बाद 100 से कम टेस्ट मैचों में 500 विकेट हासिल करने वाले दूसरे गेंदबाज भी बने।
2011 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने वाले 37 वर्षीय खिलाड़ी ने 507 टेस्ट विकेट लिए हैं। उन्होंने इस प्रारूप में 26.47 की बल्लेबाजी औसत के साथ 3309 रन भी बनाए हैं। जिसमें पांच शतक और 14 अर्द्धशतक शामिल हैं।
केवल नाथन लियोन (527 विकेट) ने इस प्रारूप में उनसे अधिक विकेट लिए हैं।
अश्विन ने रांची टेस्ट में टेस्ट क्रिकेट में अपना 35वां पांच विकेट लेने का कारनामा किया और टेस्ट क्रिकेट में किसी भारतीय द्वारा सर्वाधिक पांच विकेट लेने के कुंबले के रिकॉर्ड की बराबरी की।
भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के नाम 200 टेस्ट मैचों के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रारूप में सर्वाधिक मैचों का रिकॉर्ड है।