लंदन। नोवाक जोकोविच शुक्रवार को रिकॉर्ड की बराबरी करने वाले आठवें विंबलडन खिताब पर कब्जा करने से एक जीत के करीब पहुंच गए, जब उन्होंने 25वीं वरीयता प्राप्त लोरेंजो मुसेटी के सपने को सीधे सेटों में समाप्त कर दिया और फाइनल में गत चैंपियन कार्लोस अल्काराज से बदला लेने का मैच तय किया।
दूसरे वरीय सर्बियाई खिलाड़ी ने सेमीफाइनल में 22 वर्षीय इतालवी के खिलाफ 6-4, 7-6(2), 6-4 से जीत हासिल की और अब पिछले साल के फाइनल के ब्लॉकबस्टर रीमैच में अल्काराज से भिड़ेंगे जिसमें स्पैनियार्ड ने पांच सेटों में जीत हासिल की थी। अल्काराज इससे पहले अपने पिछले साल के सेमीफाइनल के रीमैच में रूस के दानिल मेदवेदेव पर 6-7(1), 6-3, 6-4, 6-4 से जीत के साथ फाइनल में पहुंचे थे।
शुक्रवार को एक कड़े मुकाबले में, जोकोविच ने महत्वपूर्ण क्षणों में बढ़त बनाई और प्रभावशाली रक्षा और निरंतरता के साथ मुसेटी के कोर्ट कौशल को विफल कर दिया।
इटालियन ने तीसरे सेट में 0/40, 3-5 से तीन मैच प्वाइंट गंवाए, इससे पहले जोकोविच ने एक ब्रेक प्वाइंट बचाया और दो घंटे और 48 मिनट के बाद अपने 10वें विंबलडन फाइनल में पहुंच गए।
अगर 37 वर्षीय सर्बियाई रविवार को रिकॉर्ड-25वीं बड़ी जीत हासिल करते हैं , तो वह विंबलडन इतिहास में सबसे उम्रदराज चैंपियन बन जाएंगे।
जोकोविच,एटीपी हेड2हेड श्रृंखला में अल्काराज़ से 3-2 से आगे हैं, उस हार का बदला लेने और रोजर फेडरर के रिकॉर्ड आठ विंबलडन ताज की बराबरी करने के लिए उत्सुक होंगे।
खिताबी मुकाबले से पहले सर्बियाई खिलाड़ी ने कहा कि मौजूदा चैंपियन को हराने के लिए उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाने की जरूरत होगी।
जोकोविच ने कहा, एक युवा खिलाड़ी के रूप में वह एक महान उदाहरण हैं, जिनका जीवन कोर्ट के अंदर और बाहर काफी संतुलित है। उनके परिवार में बहुत अच्छे मूल्य हैं और उनमें काफी करिश्मा है।
37 वर्षीय, जो रोजर फेडरर के आठ विंबलडन पुरुष एकल खिताब के रिकॉर्ड की बराबरी करने की कोशिश कर रहे हैं, को लगता है कि अल्काराज अपने करियर में कई और ग्रैंड स्लैम जीतेंगे।
वह इस खेल में हमारे द्वारा देखे गए सबसे महान 21-वर्षीय खिलाडिय़ों में से एक है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम भविष्य में उससे बहुत कुछ देखेंगे। वह कई और ग्रैंड स्लैम जीतने जा रहा है, लेकिन उम्मीद है कि अगले एक-दो दिनों में ऐसा नहीं होगा।
जोकोविच ने पिछले साल अल्काराज के खिलाफ फाइनल हार को याद किया और रविवार को एक और रोमांचक लड़ाई की उम्मीद की।
जोकोविच ने कहा, वह पहले ही मुझे यहां रोमांचक पांच-सेटर में हरा चुका है। मुझे (रविवार को) उससे कम की उम्मीद नहीं है। एक खिलाड़ी के रूप में वह पूर्ण है। उसे हराने के लिए मुझे अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता की आवश्यकता होगी।
नईदिल्ली। इंग्लैंड के महान गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने शुक्रवार को अपने दो दशक से अधिक लंबे कॅरियर का समापन किया। इस मौके पर भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने अपने ‘पुराने प्रतिद्वंद्वी’ की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हें गेंदबाजी करते हुए देखना आनंदित करता था।
एंडरसन (41 वर्ष) ने 188 टेस्ट में कुल 704 विकेट झटके हैं और 32 बार पांच विकेट हासिल करने का कारनामा किया।
तेंदुलकर ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘जिमी आपने अपने 22 साल के शानदार स्पैल से खेल प्रेमियों को मंत्रमुग्ध किया।’
उन्होंने लिखा, ‘आपको गेंदबाजी करते हुए देखना खुशी प्रदान करता था। आप जिस गति, सटीकता, स्विंग और फिटनेस के साथ गेंदबाजी करते, वह अद्भुत रहा। आपने अपने खेल से कई पीढियों को प्रेरित किया है।’
तेंदुलकर ने 2013 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।
उन्होंने एंडरसन को पेशेवर क्रिकेट की भागदौड़ से दूर अपने परिवार के साथ समय बिताने की शुभकामनाएं दीं।
तेंदुलकर ने लिखा, ‘आपके अच्छे स्वास्थ्य और खुशियों के साथ शानदार जीवन की कामना करता हूं क्योंकि आप अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण स्पैल (परिवार के साथ समय बिताने के लिए) के लिए तैयार हो रहे हैं।’
दोनों ही एक दूसरे का सम्मान करते हैं क्योंकि जब एंडरसन से पूछा गया था कि उन्हें अपने कॅरियर में किस बल्लेबाज को गेंदबाजी करने में मजा आया तो इंग्लैंड के इस क्रिकेटर ने तेंदुलकर का नाम लिया था।
नई दिल्ली । पेरिस ओलंपिक 26 जुलाई से 11 अगस्त तक फ्रांस में होने वाला है। खेल के इस महाकुंभ को लेकर भारतीय दल तैयार है। इस बीच भारतीय हॉकी टीम के वरिष्ठ मिडफील्डर मनप्रीत सिंह पेरिस में अपने चौथे ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए उत्साहित हैं।
यह एक ऐसी उल्लेखनीय उपलब्धि है, जो उन्हें इस खेल के दिग्गज धनराज पिल्लै के बराबर खड़ा करती है।
अपने चौथे ओलंपिक में खेलने के लिए तैयार, मनप्रीत ने अपनी खुशी और गर्व व्यक्त करते हुए कहा, मेरा चौथे ओलंपिक में खेलना एक सपने के सच होने जैसा है। यह मेरे परिवार, कोचों और साथियों के वर्षों की कड़ी मेहनत, समर्पण और अटूट समर्थन का प्रमाण है। धनराज पिल्लै जैसे दिग्गज के नक्शेकदम पर चलना, जो मेरे सहित अनगिनत खिलाडिय़ों के लिए प्रेरणा रहे हैं, शब्दों से परे सम्मान है।
उन्होंने आगे कहा, मैं पेरिस में भारत के लिए अपना बेस्ट देने को लेकर उत्साहित हूं, न केवल टीम का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं, बल्कि देश में लाखों प्रशंसकों की उम्मीदों और सपनों का प्रतिनिधित्व भी कर रहा हूं। हमारी टीम दुनिया को भारतीय हॉकी की भावना और ताकत दिखाने के लिए तैयार है।
हमने कड़ी मेहनत की है, और हम अपने देश को सम्मान दिलाने और अपने देशवासियों को गौरवान्वित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए दृढ़ हैं।
मनप्रीत ने 2011 में सीनियर टीम में डेब्यू किया। तब से इस मिडफील्डर ने 370 कैप हासिल किए हैं और 27 गोल किए हैं, जिससे मैदान पर उनके कौशल और निरंतरता का पता चलता है।
राष्ट्रीय टीम के साथ उनके सफर में पिछले तीन ओलंपिक खेलों में भागीदारी शामिल है। 2012 लंदन ओलंपिक, 2016 रियो ओलंपिक और 2020 टोक्यो ओलंपिक, जहां उन्होंने अपनी कप्तानी में टीम को ऐतिहासिक कांस्य पदक दिलाया, जो 41 वर्षों में भारत का पहला ओलंपिक हॉकी पदक था।
साथ ही, पेरिस ओलंपिक के लिए टीम की मानसिकता और उम्मीदों के बारे में बात करते हुए मनप्रीत ने कहा, हम पर कोई दबाव नहीं है। हम हर मैच में अपने प्रदर्शन का आनंद लेने के लिए उत्सुक हैं। हमें किसी भी टीम को कम नहीं आंकना चाहिए, चाहे उनकी रैंकिंग कुछ भी हो। प्रत्येक टीम मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगी और हम भी ऐसा ही करेंगे।हमारा ध्यान अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने और एकजुट इकाई के रूप में एक-दूसरे का समर्थन करने पर है।
हमारा मानना है कि अपने खेल पर ध्यान केंद्रित करके और अपना संयम बनाए रखकर हम बेहतरीन परिणाम हासिल कर सकते हैं।
भारतीय पुरुष हॉकी टीम सोमवार को स्विट्जरलैंड में माइक हॉर्न के बेस के लिए रवाना हुई, जहां वे तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर से गुजरेंगे। इसके बाद, हरमनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली टीम 20 जुलाई को पेरिस पहुंचने से पहले अभ्यास मैचों की एक श्रृंखला के लिए नीदरलैंड जाएगी।
पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए भारत को पूल बी में रखा गया है जिसमें मौजूदा चैंपियन बेल्जियम, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, न्यूजीलैंड और आयरलैंड शामिल हैं।
क्वार्टर फाइनल में आगे बढऩे के लिए, टीम को अपने पूल में शीर्ष चार में जगह बनानी होगी। पूल ए में नीदरलैंड, जर्मनी, ग्रेट ब्रिटेन, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका और मेजबान देश फ्रांस शामिल हैं, जो 12 टीमों के एक बेहद प्रतिस्पर्धी पुरुष हॉकी टूर्नामेंट के लिए मंच तैयार करता है।
नई दिल्ली । राहुल द्रविड़ के बाद टीम इंडिया के मुख्य कोच की जिम्मेदारी गौतम गंभीर को दी गई है। इसी महीने श्रीलंका दौरे पर वो टीम के साथ जुड़ेंगे और अपना मुख्य कोच का चार्ज संभालेंगे। लेकिन, क्या बिना किसी अनुभव के सीधे कोच की भूमिका में आने वाले गंभीर अपनी जिम्मेदारी निभाने में सफल होंगे?
एक खिलाड़ी या कप्तान के तौर आपका अग्रेसिव नेचर आपको सफल कर सकता है, लेकिन जब भूमिका कोच की हो तो आपको अग्रेसिव नेचर नहीं बल्कि शांत और सटीक निर्णय लेने होंगे। अब डर यही है कि कहीं गौतम गंभीर की सबसे बड़ी ताकत टीम की कमजोरी न बन जाए।
गंभीर कई बार अपनी बल्लेबाजी के बल पर टीम इंडिया को जीत दिला चुके हैं। वह सफल क्रिकेट खिलाड़ी रह चुके हैं। उनके पास खेल की गहरी समझ है। किसी भी टूर्नामेंट को कैसे जीतना है, यह गंभीर को आता है, मुश्किल परिस्थिति से निपटने में गंभीर कई बार सफल हुए हैं। वह नॉकआउट मैच के दबाव से निपटना जानते हैं।
बतौर खिलाड़ी विश्व कप जीतने वाले गंभीर ने आईपीएल के मंच पर कुल तीन ट्रॉफी जीती है, जिसमें दो बार वो कप्तान थे और एक बार मेंटॉर की भूमिका निभा चुके हैं। इन्हीं सब बातों को देखकर बीसीसीआई ने उन्हें मुख्य कोच चुनने का फैसला किया।
मगर, दमदार लीडरशिप क्षमता के लिए मशहूर गौतम गंभीर अपने अग्रेसिव नेचर के लिए थोड़े बदनाम भी हैं। खेल के मैदान पर हमने उन्हें कई बार अन्य खिलाडिय़ों से भिड़ते हुए देखा है।
हालांकि, इसमें कुछ गलत भी नहीं है एक खिलाड़ी जब मैदान पर अपना बेस्ट देने की कोशिश करता है, तो उसका अग्रेसिव नेचर कभी-कभी थोड़ा ज्यादा झलक जाता है। मगर, जब यही भूमिका टीम के सपोर्टिंग स्टाफ में तब्दील हो जाती है, तो शांत रवैया अपनाना होता है।
चाहे आईपीएल टीम टीम लखनऊ हो या 2024 में केकेआर, गंभीर बतौर मेंटॉर भी अपने पुराने अंदाज में नजर आए। आईपीएल ऑक्शन में बिल्कुल शांत नजर आने वाले गंभीर डगआउट में बेहद आक्रामक नजर आते हैं। हर गेंद, हर शॉट पर उनका रिएक्शन आता है। आरसीबी और लखनऊ का मुकाबला तो आप लोगों को याद ही होगा, जब विराट कोहली और नवीन उल हक का मुद्दा उठाकर गंभीर ने बीच मैदान बखेड़ा कर दिया था। लेकिन क्या उनका बतौर मेंटॉर खिलाडिय़ों के बीच इस तरह पडऩा सही था ?
मौजूदा टीम में कई ऐसे सीनियर प्लेयर्स हैं, जिन्हें लगभग गंभीर जितना ही इस खेल का अनुभव है। ऐसे में उनके साथ तालमेल बिठाना गंभीर के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। वहीं, युवाओं के साथ भी उन्हें अपनी बॉन्डिंग बनानी होगी।
ऐसे में क्या गंभीर नेशनल टीम के कोच बनने के बाद अपने नेचर में बदलाव करते हैं, या फिर इस बार भारत एक अग्रेसिव कप्तान नहीं बल्कि अग्रेसिव कोच के नेतृत्व में नए अंदाज में दिखेगा। फायर, एग्रेशन तो हमने गौतम गंभीर में हमेशा देखा लेकिन अब सवाल यह है कि क्या उनकी ये सबसे बड़ी ताकत उनकी कमजोरी बन जाएगी या फिर बतौर कोच गंभीर का हमें अलग अवतार देखने को मिलेगा।
0-आईसीसी से बीसीसीआई करेगी ये मांग
नईदिल्ली। टी 20 विश्व कप 2024 के बाद आईसीसी का अगला इवेंट आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 हैं. ये मेगा इवेंट पाकिस्तान में आयोजित होना है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड इस आयोजन की तैयारी कर रहा है. इसी बीच बीसीसीआई ने उसे बड़ा झटका दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई भारतीय टीम को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए पाकिस्तान नहींं भेजेगी. बोर्ड आईसीसी से इस विषय में अपनी अलग मांग रखेगा.
रिपोर्ट के मुताबित भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) आईसीसी से मांग करेगा कि चैंपियंस ट्रॉफी के उसके मैच दुबई या श्रीलंका में आयोजित कराएं जाएं. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के इस कदम से पाकिस्तान बोर्ड को बड़ा झटका लग सकता है. बता दें कि बीसीसीआई से सुरक्षा कारणों की वजह से लंबे समय से भारतीय क्रिकेट टीम को पाकिस्तान भेजने से इनकार करती रही है और चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भी उसका यही स्टैंड रहने वाला है.
बता दें कि एशिया कप 2023 का होस्ट पाकिस्तान था लेकिन बीसीसीआई द्वारा भारतीय टीम को पाकिस्तान नहीं भेजे जाने के कारण ये टूर्नामेंट में हाईब्रिड मॉडल में खेला गया था. सिर्फ 4 मैच पाकिस्तान और 9 मैच श्रीलंका में खेले गए थे. भारतीय टीम श्रीलंका को हराकर एशिया कप 2023 की चैंपियन रही थी.
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का आयोजन फरवरी-मार्च के महीने में पाकिस्तान में होना है. इस टूर्नामेंट में 8 टीमें हिस्सा ले रही हैं. भारत, पाकिस्तान के अलावा बांग्लादेश, अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड इसमें भाग लेने वाली हैं. पाकिस्तान ने इस टूर्नामेंट के आयोजन के लिए कराची, लाहौर और रावलपिंडी स्टेडियम को चुना है और इन तीनों स्टेडियम का निर्माण कार्य चल रहा है. लेकिन बीसीसीआई की तरफ से आए ताजा बयान ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की मुश्किल बढ़ी दी है. देखना होगा कि अब पाकिस्तान पूर्ण रुप से चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन कर पाता है या फिर हाईब्रिड मॉडल में ये टूर्नामेंट खेला जाएगा.
मुंबई। मानसून पिकलबॉल चैंपियनशिप का दूसरा संस्करण 20 से 25 अगस्त तक यहां आयोजित किया जाएगा, जिसमें 800 प्रतिभागियों के कुल 47 श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा करने की उम्मीद है। चैंपियनशिप में कुल 100,000 अमेरिकी डॉलर (करीब 1 करोड़ रुपये) की पुरस्कार राशि है, जो ओपन प्रो, 19+ इंटरमीडिएट, 30+ ओपन, 40+ ओपन, 50+ ओपन, 18+ ओपन, 60+ ओपन, स्प्लिट एज 35+ से लेकर 47 श्रेणियों में सभी प्रतिभागियों के लिए उपलब्ध होगी।
पीपीए टूर पर पूर्व विश्व नंबर 2, जोसलीन ‘जे’ डेविलियर्स, जिन्हें अक्सर फ्लाइंग फ्रेंचमैन के रूप में जाना जाता है, तीनों डिवीजनों में खेल के शीर्ष पर पहुंच गए हैं। उन्होंने खुद को देखने के लिए सबसे उग्र और रोमांचक खिलाडिय़ों में से एक साबित किया है और वे टूर पर सबसे लोकप्रिय पेशेवर पिकलबॉल खिलाडिय़ों में से एक हैं और मानसून पिकलबॉल चैंपियनशिप 2.0 में प्रतिभा और प्रतिभा लाएंगे।
अन्य अंतरराष्ट्रीय पिकलबॉल सितारे जैसे मेघन फज, रायलर डीहार्ट, रॉब ननरी और थैडिया लॉक भी इस चैंपियनशिप में भाग लेंगे।
मानसून पिकलबॉल चैम्पियनशिप 2.0 के टूर्नामेंट निदेशक और ग्लोबल स्पोर्ट्स के पार्टनर नीरज जैन ने कहा “हमें मानसून पिकलबॉल चैंपियनशिप के दूसरे संस्करण की घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है। ग्लोबल स्पोर्ट्स का मुख्य उद्देश्य भारत में पिकलबॉल के खेल को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता है और यह संस्करण हमारे द्वारा आयोजित पिछले टूर्नामेंटों से बड़ा होगा। जे डिविलियर्स के इस टूर्नामेंट में खेलने से युवा प्रतिभाओं को प्रेरणा मिलेगी और उन्हें पेशेवर पिकलबॉल खेलने का एक रोडमैप मिलेगा।