आइपीएल में दमदार प्रदर्शन करने वाले अंबाती रायुडू को बीसीसीआइ ने दलीप ट्रॉफी और चार टीमों के बीच होने वाली एकदिवसीय सीरीज के लिए भारत ए की टीम में जगह नहीं दी है। इसकी वजह है रायुडू का यो-यो टेस्ट न देना। पहले रायुडू इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई वनडे सीरीज़ का भी हिस्सा था, लेकिन यो-यो टेस्ट में फेल हो जाने के चलते उनकी जगह सुरेश रैना को वनडे टीम में जगह दी गई थी।
रायुडू कब देंगे यो-यो टेस्ट एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रायुडू ने अभी तक दोबारा यो-यो टेस्ट नहीं दिया है और इसी वजह से उनका टीम में चयन नहीं किया गया है। रायुडू ने 15 जून को टेस्ट दिया था, जिसमें वो फेल हो गए थे। हालांकि उसके बाद रायुडू ने टेस्ट देने के लिए 6 हफ्तों का समय था। उन्हें उम्मीद है कि वो टेस्ट को पास करके सितंबर में होने वाले एशिया कप के लिए भारतीय टीम में अपनी दावेदारी पेश करना चाहेंगे।
आइपीएल में रंग में दिखे थे रायुडू 32 साल के रायुडू ने इस साल हुए आइपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए, जिसकी बदौलत ही उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ एकदिवसीय सीरीज में टीम में जगह दी गई थी। रायुडू ने इस साल आइपीएल में 43 की औसत और 150 के स्ट्राइक रेट से 602 रन बनाए।
हालांकि इसके बाद से ही रायुडू के ही चीजें उम्मीद के मुताबिक नहीं गई है। उन्हें पहले भारतीय टीम से बाहर किया गया और अब चार टीमों के बीच होने वाले इंडिया ए एवं इंडिया बी, दिलीप ट्रॉफी और दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ होने वाले 2 चार दिवसीय मैचों में भी उन्हें जगह नहीं दी गई है।
ऐसा रहा है रायुडू का रिकॉर्ड अंबाती रायुडू ने भारत के लिए अभी तक 34 वनडे मैच खेले हैं। इन मैचों में रायुडू के बल्ले से 1055 रन निकले हैं और इतने रन बनाने के लिए उन्होंने दो शतक के साथ छह अर्धशतक भी जड़े हैं। वनडे क्रिकेट में रायुडू का सर्वाधिक स्कोर नाबाद 124 रन है। वहीं टी-20 क्रिकेट की बात की जाए तो रायुडू ने भारत की ओर से छह मुकाबले खेलेते हुए 42 रन बनाए हैं। अंतरराष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट में उनका सर्वाधिक स्कोर 20 रन है।
-नई दिल्ली। 25 वर्षीय दीपिका पल्लीकल ने 18 अगस्त 2015 को क्रिकेटर दिनेश कार्तिक से शादी की। दिग्गज स्क्वैश खिलाड़ी दीपिका 3 वर्ल्ड टाइटल्स अपने नाम कर चुकी हैं।दीपिका की माँ सूसन पल्लीकल भारत की महिला क्रिकेट टीम की हिस्सा रह चुकी हैं। वर्ष 2011 में पहली बार वर्ल्ड टाइटल अपने नाम करने के बाद दीपिका ने 2 और वर्ल्ड टाइटल्स पर अपना कब्ज़ा जमाया। दीपिका वर्ष 2012 में टॉप 10 रैंकिंग की सूची में भी शामिल हुई। स्क्वैश में बड़ी-बड़ी उपलब्धिया हासिल करने के साथ-साथ दीपिका ग्लेमरस दुनिया में भी अपनी एक अलग पहचान बना चुकी हैं।
मॉस्को . मारियो मानजुकिच के अतिरिक्त समय में दागे गोल की बदौलत क्रोएशिया फीफा विश्व कप पहली बार फीफा वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच गया है. बुधवार को खेले गए दूसरे सेमीफाइनल में उसने इंग्लैंड को 2-1 से हराया. फाइनल में उसका मुकाबला 1998 की चैंपियन टीम फ्रांस से होगा. निर्धारित समय के बाद मैच 1-1 से बराबर था जिसके बाद मानजुकिच ने अतिरिक्त समय के दूसरे हाफ में 109वें मिनट में गोल दागकर क्रोएशिया को विश्व कप इतिहास में पहली बार फाइनल में जगह दिला दी. किरेन ट्रिपियर ने पांचवें मिनट में ही दमदार फ्री किक पर गोलकीपर डेनियल सुबेसिच को छकाते हुए इंग्लैंड को 1-0 से आगे कर दिया था लेकिन इवान पेरिसिच (68वें मिनट) ने क्रोएशिया को दूसरे हाफ में बराबरी दिला दी. विश्व कप सेमीफाइनल में 18 मौकों में यह सिर्फ दूसरी बार है जब हाफ टाइम तक बढ़त बनाने वाली टीम को हार का सामना करना पड़ा है. इससे पहले 1990 में इटली की टीम अर्जेन्टीना के खिलाफ बढ़त बनाने के बावजूद पेनल्टी शूटआउट में हार गई थी.
इसके साथ ही इंग्लैंड की टीम का 52 साल बाद दूसरी बार फाइनल में जगह बनाने का सपना भी टूट गया. इंग्लैंड ने पहली और एकमात्र बार 1966 में फाइनल में जगह बनाई थी और तब अपनी सरजमीं पर खिताब जीतने में सफल रहा था. विश्व कप कप हतिहास में सिर्फ दूसरी बार सेमीफाइनल में खेल रही क्रोएशिया की टीम इससे पहले फ्रांस में 1998 में सेमीफाइनल में पहुंची थी और तब उसे मेजबान टीम के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा. इंग्लैंड की टीम अब तीसरे स्थान के प्ले ऑफ में 14 जुलाई को सेंट पीटर्सबर्ग में बेल्जियम से भिड़ेगी. फाइनल इसके अगले इसी यहां लुजनिकी स्टेडियम में ही खेला जाएगा. इंग्लैंड की टीम जहां पहले हाफ में हावी रही वहीं दूसरे हाफ में क्रोएशिया का दबदबा देखने को मिला. मैच के दौरान हालांकि कई बार दोनों टीमों के खिलाड़ियों को आपस में भिड़ते देखा गया.
इंग्लैंड ने क्वॉर्टर फाइनल में स्वीडन को हराने वाली अपनी टीम में कोई बदलाव नहीं किया जबकि क्रोएशिया ने एक बदलाव करते हुए आंद्रेज क्रेमरिक की जगह मार्सेलो ब्रोजोविच को मौका दिया. इंग्लैंड ने मैच में काफी तेज शुरुआत की. टीम को चौथे ही मिनट में मैच की पहली फ्री किक मिली जब क्रोएशिया के कप्तान लुका मोड्रिक ने डेले अली के खिलाफ फाउल किया. फ्री किक लेने की जिम्मेदारी ट्रिपियर को सौंपी गई जिन्होंने 20 गज की दूरी से दमदार शॉट पर सुबेसिच के बायीं ओर से गेंद को गोल के अंदर पहुंचा दिया.इंग्लिश प्रीमियर लीग में टोटेनहैम हाटस्पर्स की ओर से खेलने वाले ट्रिपियर वर्ष 2006 में इक्वाडोर के खिलाफ डेविड बैकहम के गोल के बाद इंग्लैंड के पहले खिलाड़ी हैं जिन्होंने विश्व कप में फ्री किक पर सीधा गोल किया. इंग्लैंड को 12वें और 14वें मिनट में दो कॉर्नर किक भी मिली लेकिन टीम इनका फायदा नहीं उठा सकी. दूसरे प्रयास में ट्रिपियर की कार्नर किक पर हैरी मैग्वायर के पास हैडर से गोल करने का मौका था लेकिन उनका शॉट गोल के करीब से बाहर निकल गया. क्रोएशिया की टीम इस बीच एक अदद अच्छे मूव के लिए जूझती दिखी. टीम को हालांकि 19वें मिनट बराबरी का मौका मिला. दायीं छोर से बने अच्छे मूव पर गेंद पेरिसिच के पास पहुंची लेकिन उनका दमदार शॉट गोलकीपर जोर्डन पिकफोर्ड के दाईं ओर से बाहर निकल गया. क्रोएशिया के खिलाड़ी धैर्य खोते दिखे और उन्होंने अति उत्साह में गोल करने के लिए काफी दूर से शॉट मारने शुरू कर दिए जिन्हें रोकने में पिकफोर्ड को बिलकुल भी परेशानी नहीं हुई.
इंग्लैंड को 27वें मिनट में एक और फ्री किक मिली. इस बार देजान लोवरेन ने रहीम स्टर्लिंग के खिलाफ फाउल किया. स्टर्लिंग के शॉट को सुबेसिच ने हालांकि आसानी से बाहर करके खतरा टाल दिया. लोवरेन हालांकि भाग्यशाली रहे कि रैफरी ने उन्हें पीला कार्ड नहीं दिखाया जबकि इससे कुछ मिनट पहले वह इंग्लैंड के कप्तान हैरी केन से भी जानबूझकर टकराए थे.इंग्लैंड को 30वें मिनट में बढ़त दोगुनी करने का सुनहरा मौका मिला जब क्रोएशिया के पेनल्टी बॉक्स में मची अफरातफरी के बाद गेंद केन के पास पहुंची. उन्हें सिर्फ सुबेचिक को छकाकर गेंद को गोल में पहुंचाना था लेकिन गोलकीपर ने उनके शॉट को रोक दिया.रिबाउंड पर हालांकि गेंद दोबारा केन के पास पहुंची और इस बार वह शाट को गोल पोस्ट पर मार बैठे.दोनों टीमों ने हाफ टाइम से पहले कुछ अच्छे मूव बनाए लेकिन गोल करने में सफलता नहीं मिली जिससे गैरेथ साउथगेट की टीम हाफ टाइम तक 1-0 से आगे थी. हाफ टाइम के बाद क्रोएशिया ने तेजी दिखाई लेकिन दूसरे हाफ के तीसरे ही मिनट में मारियो मानजुकिच को काइल वाकर के खिलाफ फाउल के लिए मैच का पहला पीला कार्ड दिखाया गया. इसके कुछ मिनटों बाद वाकर को भी पीला कार्ड दिखाया गया. दोनों टीमों ने लगातार हमले जारी रखे लेकिन एक दूसरे के डिफेंस को भेदने में नाकाम रहीं.
इंग्लैंड ने 63वें मिनट में दायीं छोर से मूव बनाया. स्टर्लिंग क्रोएशिया के डिफेंडरों को छकाते हुए आगे बढ़े लेकिन वह शॉट लगा पाते इससे पहले ही सुबेसिच ने खतरे को टाल दिया. क्रोएशिया के लिए खुशनुमा पल 68वें मिनट में आया जब दाएं छोर से साइम वर्साल्को के शानदार क्रॉस को पेरिसिच ने बाएं पैर से गोल के अंदर पहुंचा दिया. दो मिनट बाद पेरिसिच को बाएं छोर से गोल करने का मौका मिला लेकिन पिकफर्ड को छकाने के बावजूद उनका शॉट गोल पोस्ट से टकरा गया. रिबाउंड पर रेबिच भी गेंद को सीधे पिकफोर्ड के हाथों में खेल गए. अंतिम 10 मिनट में दोनों टीमों ने जोरदार हमले किए.जेसी लिंगार्ड इंग्लैंड को एक बार फिर बढ़त दिलाने के करीब पहुंचे लेकिन दाएं छोर से लगाया उनका शॉट मामूली अंतर से निशाने से चूक गया. मानजुकिच इसके बाद क्रोएशिया को बढ़त दिलाने में नाकाम रहे और बेहद करीब से अपने शॉट को पिकफोर्ड की ओर खेल गए. इवान राकितिक के फाउल पर इंग्लैंड को इंजरी टाइम के पहले मिनट में फ्री किक मिली लेकिन इस बार ट्रिपियर कोई कारनामा नहीं कर पाए और मैच अतिरिक्त समय में खिंच गया.
मैच के 98वें मिनट में इंग्लैंड के पास दूसरा गोल करने का शानदार मौका था. ट्रिपियर की कॉर्नर किक पर जान स्टोन्स ने हैडर जड़ा और गेंद गोल की तरफ जा रही थी लेकिन गोल रेखा के ठीक बाहर खड़े वर्साल्को ने हैडर से उनके प्रयास को नाकाम कर दिया. पहले अतिरिक्त समय के इंजरी टाइम में राकितिक के बाएं छोर से बनाए मूव पर मानजुकिच के पास गोल करने का मौका था लेकिन उनका शाट तेजी से आगे बढ़ रहे पिकफोर्ड के पैर से टकराकर बाहर चला गया. दूसरे अतिरिक्त समय की शुरुआत से ही क्रोएशिया ने तेजी दिखाई और मैच का निर्णायक पल 109वें मिनट में आया जब पेरिसिच के हैडर पर मिले पास को मानजुकिच ने गोल ही राह दिखा दी. इंग्लैंड की टीम को अंतिम लगभग 10 मिनट का खेल 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा क्योंकि ट्रिपियर चोटिल हो गए और कोच साउथगेट अपने सभी स्थानापन्न खिलाड़ियों का इस्तेमाल कर चुके थे. इंग्लैंड को बराबरी हासिल करने का संभवत: अंतिम मौका इंजरी टाइम के अंतिम मिनट में हैंडबाल के लिए फ्री किक के रूप में मिला लेकिन टीम इसका फायदा नहीं उठा सकी.
नॉटिंघम. भारत और इंग्लैंड के बीच पहला वनडे गुरुवार शाम 5 बजे से खेला जाएगा. अगर भारतीय टीम तीन मैचों की वनडे सीरीज में क्लीन स्वीप कर लेती है तो रैंकिंग में नंबर-1 बन जाएगी. अगर एक भी मैच हारी तो मेजबान इंग्लैंड टीम टॉप पर बनी रहेगी. भारतीय टीम के लिए इंग्लैंड की स्विंग पिचों पर तैयारी परखने का यह अच्छा मौका है. अगले साल यहां वनडे वर्ल्ड कप खेला जाना है. पिछली सीरीज में कप्तान विराट कोहली ने कई संयोजन प्रयोग किए थे. अब वे मिडिल ऑर्डर में भी प्रयोग करने उतरेंगे. कोहली आमताैर पर नंबर-3 पर बल्लेबाजी करने उतरते हैं. लेकिन इस मैच में वे प्रयोग करते हुए चौथे नंबर पर उतर सकते हैं. हो सकता है वे तीसरे स्थान पर केएल राहुल को मौका दें. उन्होंने टी20 सीरीज के पहले मैच में राहुल को तीसरे नंबर पर मौका दिया था और खुद नंबर-4 पर उतरे थे. टीम के उप-कप्तान रोहित शर्मा को लगता है कि यह सीरीज उनकी टीम को अगले साल इंग्लैंड में ही होने वाले विश्व कप की तैयारी के लिए अपने आप को परखने का मौका देगी।
फीफा के अध्यक्ष जियानी इनफैनटिनो ने थाईलैंड में गुफा में फंसे बच्चों की फुटबॉल टीम को रूस में वर्ल्ड कप का फाइनल मैच देखने के लिए आमंत्रित किया हैं. इनफैनटिनो ने कहा कि ‘उम्मीद है कि दो सप्ताह पहले बाढ़ का पानी बढ़ने से गुफा में फंसे ‘वाइल्ड बोअर्स ’ टीम के खिलाड़ियों को बचा लिया जाएगा और 15 जुलाई को वे मास्को में फाइनल के लिए मौजूद रहेंगे.’
इनफैनटिनो ने कहा, उन्होंने थाईलैंड फुटबॉल संघ के प्रमुख को भेजे पत्र में लिखा, ‘हमें उम्मीद हैं कि वे जल्द ही अपने परिवार से मिलेंगे और अगर उनका स्वास्थ्य उन्हें यात्रा करने की इजाजत देता है, तो मुझे उन्हें 2018 वर्ल्ड कप फाइनल में मेहमान के तौर पर आमंत्रित करने खुशी होगी.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि वे फाइनल मैच में हमारे साथ होंगे जो नि:संदेह ही उत्सव मनाने का एक अद्भुद क्षण होगा.’ थाईलैंड के 11 से 16 साल के फुटबॉल खिलाड़ी 23 जून से अपने कोच के साथ अंधेरी गुफा में फंसे हुए है. लापता होने के नौ दिन बाद गोताखोरों ने उनका पता लगाया है और बच्चों का वीडियो जारी किया गया था जिस में वह मुस्कुराते हुए दिख रहे है.
फीफा विश्व कप 2018 के सेंटपीटर्सबर्ग स्टेडियम में खेले गए प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में स्वीडन ने स्विट्जरलैंड को 1-0 से हराकर टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखाया। स्वीडन के लिए 66वें मिनट में एमिल फोर्सबर्ग ने मैच का एकमात्र गोल किया, जो बाद में निर्णायक साबित हुआ। स्विट्जरलैंड की टीम 64 साल से चले आ रहे सूखे को एक बार फिर नहीं समाप्त कर सकी। स्विट्जरलैंड की टीम आखिरी बार 1954 में अपनी मेजबानी में खेले गए फीफा विश्व कप में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय करने में सफल रही थी। वहीं, स्वीडन की टीम 1994 में अमेरिका में खेले गए फीफा विश्व कप के बाद पहली बार क्वार्टर फाइनल में पहुंचीं है।