पेरिस । भारत ने टोक्यो में पुरुष हॉकी में ओलंपिक पदक के लिए 41 साल पुराना सूखा खत्म किया था। अब उसके सामने लगातार दूसरे ओलंपिक में पदक जीतने की चुनौती है। भारतीय हॉकी टीम ने आखिरी बार 1968 और 1972 में लगातार दो ओलंपिक गेम्स में पदक जीते थे, जिसमें मैक्सिको और म्यूनिख में कांस्य पदक शामिल हैं।
भारत ओलंपिक हॉकी में सबसे सफल देश है। टीम ने वर्ष 1928 से 1956 तक लगातार छह स्वर्ण पदक जीते हैं। इसके बाद 1964 और 1980 में भी उसने गोल्ड जीता था। 1960 के रोम ओलंपिक में भारत के हाथ रजत पदक आया था। वर्ष 1968 और 1972 में टीम ने कांस्य पदक जीता था। वह भारतीय हॉकी का स्वर्णिम दौर था।
टोक्यो ओलंपिक में 41 साल बाद टीम ने कांस्य पदक जीतकर पदकों का सूखा जरूर समाप्त किया, लेकिन इस बीच इस खेल की शैली, मैदान, नियम और तैयारी के तरीकों में बहुत कुछ बदल गया और लगातार दो पदक जीतना अब इतना आसान नहीं है।
भारतीय पुरुष टीम को इस बार पूल ‘बी’ में मौजूदा चैंपियन बेल्जियम, पूर्व विजेता ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, आयरलैंड और न्यूजीलैंड के साथ रखा गया है। पूल ‘ए’ में नीदरलैंड, जर्मनी, ब्रिटेन, स्पेन, मेजबान फ्रांस और अफ्रीकी चैंपियन दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।
भारतीय टीम का पहला लक्ष्य क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के लिए समूह में शीर्ष चार में जगह बनाना होगा। असली लड़ाई उसके बाद शुरू होगी।
भारत के लिए तैयारी काफी निराशाजनक रही है, खासकर ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज, और बेल्जियम के एंटवर्प तथा लंदन में आठ प्रो लीग मैच।
भारत इनमें से अधिकांश मैच हार गया, जिसके परिणामस्वरूप टीम प्रो लीग में नौ टीमों में सातवें स्थान पर रही। लगातार हार झेलने के कारण भारत की रैंकिंग एफआईएच रैंकिंग में शीर्ष पांच से गिरकर दुनिया में सातवें स्थान पर आ गई है।
पेरिस ओलंपिक के लिए डॉ. आर.पी. सिंह, बलविंदर सिंह, मोहम्मद रियाज, एम.एम. सौम्या, सरदार सिंह और बी.पी. गोविंदा की चयन समिति ने एक अनुभवी टीम चुनी है जिसमें 11 खिलाड़ी टोक्यो में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थे।
इनमें से गोलकीपर पी.आर श्रीजेश और टोक्यो में रजत पदक विजेता टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह का यह चौथा ओलंपिक होगा। पांच खिलाड़ी- जरमनप्रीत सिंह, संजय, राज कुमार पाल, अभिषेक और सुखजीत सिंह अपना पहला ओलंपिक खेलेंगे।
टीम के पास पेरिस में चुनौतियों का सामना करने के लिए पर्याप्त अनुभव है।
टीम ने मुख्य कोच क्रेग फुल्टन के नेतृत्व में रणनीतियों में बदलाव किया है। आक्रमण की मानसिकता अब डिफेंस में बदल गई है।
भारत ने हमेशा आक्रामक एशियाई शैली की हॉकी में विश्वास किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि टीम के पास मजबूत डिफेंस होना चाहिए जिसमें फॉरवर्ड से लेकर डिफेंडर तक सभी अपने हाफ में ही विरोधियों के हमले को रोकने में योगदान दें। लेकिन पूरी तरह रक्षात्मक दृष्टिकोण उन खिलाडिय़ों के लिए ठीक नहीं हो सकता है जिनकी मानसिकता आक्रामक होने की है।
भारत अपने अभियान की शुरुआत 27 जुलाई को न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच से करेगा।
इस मैच के अलावा, आयरलैंड के खिलाफ मुकाबला काफी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि इन दोनों मैचों को जीतने से कम से कम यह सुनिश्चित हो जाएगा कि टीम अपने ग्रुप में शीर्ष चार में रहे और क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करे।
अन्य मैचों में, भारत 29 जुलाई को अर्जेंटीना से भिड़ेगा। इसके बाद अगले दिन आयरलैंड और 1 अगस्त को गत विजेता बेल्जियम से भिड़ेगा। पूर्व विजेता ऑस्ट्रेलिया के साथ 2 अगस्त को भारत को खेलना है।
ग्रुप:
पूल ए : नीदरलैंड, जर्मनी, ब्रिटेन, स्पेन, फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका।
पूल बी : बेल्जियम, भारत, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, न्यूजीलैंड, आयरलैंड।
नईदिल्ली। भारत ने पाकिस्तान को वीमेंस एशिया कप टी20 2024 के मुकाबले में बुरी तरह हरा दिया. हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने 7 विकेट से जीत दर्ज की. पाकिस्तान की टीम ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया. इस दौरान पाक टीम 108 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई. इसके जवाब में भारत ने स्मृति मंधाना और शैफाली वर्मा की दमदार पारी के दम पर जीत दर्ज की. भारत के लिए गेंदबाजों ने भी शानदार प्रदर्शन किया. दीप्ति शर्मा ने 3 विकेट झटके.
पाकिस्तान के लिए लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया ने 14.1 ओवरों में लक्ष्य हासिल कर लिया. भारतीय टीम का वीमेंस एशिया कप 2024 में यह पहला मुकाबला था.
पाकिस्तान के दिए लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम के लिए स्मृति मंधाना और शैफाली वर्मा ओपनिंग करने आईं. इस दौरान दोनों ने टीम इंडिया को अच्छी शुरुआत दी. मंधाना ने 31 गेंदों का सामना करते हुए 45 रन बनाए. उनकी इस पारी में 9 चौके शामिल रहे. शैफाली ने 29 गेंदों में 40 रन बनाए. शैफाली ने 6 चौके और 1 छक्का लगाया. दयालन हेमलता 14 रन बनाकर आउट हुईं. उन्होंने 11 गेंदों का सामना करते हुए 3 चौके लगाए. अंत में हरमनप्रीत कौर 5 रन और जेमिमा 3 रन बनाकर नाबाद रहीं.
टीम इंडिया ने पाकिस्तान को 108 रनों के स्कोर पर ऑल आउट कर दिया था. निदा डार की कप्तानी वाली पाक टीम के लिए सबसे ज्यादा 25 रन अमीन ने बनाए. उन्होंने 35 गेंदों का सामना करते हुए 3 चौके लगाए.फातिमा सना ने 22 रनों की पारी खेली. उन्होंने 16 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 22 रन बनाए. सना ने एक चौका और दो छक्के लगाए. हसन ने 19 गेंदों का सामना करते हुए 22 रन बनाए. उन्होंने 3 चौके लगाए.
पाकिस्तान की पारी के दौरान भारतीय गेंदबाजों का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला. दीप्ति शर्मा ने 4 ओवरों में 20 रन देकर 3 विकेट झटके. दीप्ति ने पाक कप्तान निदा को 8 रनों के निजी स्कोर पर ढेर किया. वहीं हसन को 22 रनों के निजी स्कोर पर आउट किया. भारत के लिए रेणुका सिंह, श्रेयंका पाटिल और पूजा ने 2-2 विकेट लिए.
बीजिंग। करिश्माई खिलाड़ी लियोनल मेसी के बिना भी अर्जेंटीना के पास आगामी पेरिस ओलंपिक में रिकॉर्ड की बराबरी करने वाला तीसरा पुरुष फुटबॉल स्वर्ण पदक जीतने का अच्छा मौका माना जा रहा है
रिपोर्ट के अनुसार, 2004 और 2008 में एक खिलाड़ी के रूप में स्वर्ण पदक जीतने वाले अर्जेंटीना के मुख्य कोच जेवियर माशेरानो का लक्ष्य गौरव हासिल करना है, क्योंकि उन्होंने स्ट्राइकर जूलियन अल्वारेज़ और डिफेंडर निकोलस ओटामेंडी सहित चार विश्व कप विजेताओं को अपनी टीम में शामिल किया है।
ओलंपिक पुरुष फ़ुटबॉल एक अंडर-23 टूर्नामेंट है, लेकिन प्रत्येक टीम को अधिकतम तीन अधिक उम्र के खिलाडिय़ों को खेलाने की अनुमति है।
2008 बीजिंग ओलंपिक में दक्षिण अमेरिकी टीम को स्वर्ण पदक दिलाने में मदद करने वाले 37 वर्षीय मेसी भारी कार्यभार का हवाला देते हुए पेरिस संस्करण में नहीं खेलेंगे।
क्लबों को ओलंपिक खेलों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए अपने खिलाडिय़ों को रिलीज करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल टूर्नामेंटों के विपरीत, ओलंपिक खेल आधिकारिक फीफा अंतरराष्ट्रीय विंडो के बाहर होते हैं।
2008 में, बार्सिलोना ने मेसी को बीजिंग में खेलने से रोकने के लिए खेल पंचाट न्यायालय में अपील जीत ली। यह बताया गया कि बार्सिलोना के तत्कालीन मुख्य कोच पेप गार्डियोला के हस्तक्षेप के बाद, ला लीगा क्लब ने अंतत: हरी झंडी दे दी और मेसी ने अपने एकमात्र ओलंपिक अभियान में अर्जेंटीना के साथ स्वर्ण पदक जीता।
ओलंपिक पुरुष फुटबॉल टूर्नामेंट स्थापित सितारों के बजाय उभरती प्रतिभाओं के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जिसमें पारंपरिक फुटबॉल पावरहाउस जरूरी नहीं कि पसंदीदा में हों।
नाइजीरिया और कैमरून ने क्रमश: 1996 और 2000 में जीत हासिल की। 2012 में, मेक्सिको ने लंदन में स्वर्ण पदक जीता, जिसमें ज्यादातर घरेलू खिलाड़ी शामिल थे।
पिछले 20 वर्षों में इस आयोजन में दक्षिण अमेरिकी टीमों का दबदबा देखा गया है, 2004 के बाद से ब्राजील और अर्जेंटीना ने दो-दो स्वर्ण जीते हैं।
ब्राज़ील, 2016 और 2020 में लगातार चैंपियन, पेरिस के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहा है, जिसका अर्थ है कि अर्जेंटीना अगर अपना तीसरा ओलंपिक स्वर्ण जीतता है तो वह हंगरी और ब्रिटेन के रिकॉर्ड की बराबरी कर सकता है।
18 वर्षीय क्लाउडियो एचेवेरी देखने लायक खिलाड़ी हैं जो अगले सीजऩ में मैनचेस्टर सिटी में जाएगा, एक आक्रामक मिडफील्डर है और उनके अर्जेंटीना के अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।
अर्जेंटीना को मोरक्को, इराक और यूक्रेन के साथ ग्रुप बी में रखा गया है।
फ्रांस और स्पेन, अर्जेंटीना के बाद अन्य दो पसंदीदा, क्रमश: ग्रुप ए (संयुक्त राज्य अमेरिका, गिनी और न्यूजीलैंड के साथ) और ग्रुप सी (डोमिनिकन गणराज्य, मिस्र और उज़्बेकिस्तान के साथ) में खेलते हैं। ग्रुप डी में पैराग्वे, इजरायल, जापान और माली शामिल हैं।
ओलंपिक के उद्घाटन समारोह से दो दिन पहले 24 जुलाई को टूर्नामेंट शुरू होने पर अर्जेंटीना को सेंट-इटियेन में अपने शुरुआती मैच में मोरक्को से खेलना है। फाइनल 9 अगस्त को पेरिस के पार्क डेस प्रिंसेस में होगा।
फ्रांस भर के शहरों में पुरुषों का कार्यक्रम महिलाओं के साथ वैकल्पिक दिनों में होता है, जिसमें मार्सिले, बोर्डो, ल्योन, नैनटेस और नीस भी शामिल हैं।
पुरुषों की प्रतियोगिता के विपरीत, महिलाओं की प्रतियोगिता 12 भाग लेने वाली टीमों के बेहतरीन खिलाडिय़ों को एक साथ लाती है।
विश्व कप खिताब पर कब्जा करने के बाद शीर्ष क्रम की स्पेन ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली टीम बनने की होड़ में है।
पिछले साल विश्व कप में ला रोजा को ताज मिलने के बाद भ्रम की स्थिति पैदा हो गई, जिससे टीम में उथल-पुथल मच गई।
विश्व कप जीत के जश्न के दौरान जेनी हर्मोसो को जबरन चूमने का आरोप लगने के बाद स्पेनिश महासंघ के अध्यक्ष लुइस रुबियल्स ने अपमानित होकर पद छोड़ दिया। विश्व कप विजेता कोच जॉर्ज विल्डा भी चले गए, जो एक विवादास्पद व्यक्ति थे, जिनकी जगह पूर्व राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ी मोंटसे टोम ने ले ली है।
स्पेन को इन घोटालों को पीछे छोडऩा होगा और ओलंपिक अभियान शुरू करने से पहले एकजुट होना होगा। फीफा वर्ल्ड प्लेयर ऑफ द ईयर और बैलन डीओर विजेता एताना बोनमती, एलेक्सिया पुटेलस और सलमा पारलुएलो के साथ, प्रतिभाओं से भरी यह टीम पेरिस में दमखम ठोकेगी।
25 जुलाई को ग्रुप सी के अपने शुरुआती मैच में स्पेन का सामना जापान से होगा, जिसके खिलाफ वे पिछले साल विश्व कप में ग्रुप मैच में 4-0 से हार गए थे। समूह की अन्य दो टीमें नाइजीरिया और ब्राजील हैं।
पेरिस ओलंपिक संभवत: ब्राजीलियाई महान मार्टा की विदाई का गवाह बनेगा। पिछले पांच ओलंपिक में खेल चुकी 38 वर्षीय खिलाड़ी ने खेलों के बाद राष्ट्रीय टीम से संन्यास लेने की योजना बनाई है।
ओलंपिक में सबसे सफल टीम चार स्वर्ण पदकों के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका है। लेकिन 2016 के रियो ओलंपिक से, जहां वे क्वार्टर फाइनल में पेनल्टी पर स्वीडन से हार गए थे, उनका प्रभुत्व कम होने लगा।
पांच साल बाद टोक्यो में, सेमीफाइनल में अंतिम स्वर्ण पदक विजेता कनाडा से हारकर बाहर होने से पहले वे एक ग्रुप मैच में स्वीडन से फिर हार गए।
उनके मुख्य कोच एम्मा हेस ने पेरिस के लिए अपनी 18 सदस्यीय टीम का चयन करते समय दो बार की विश्व कप विजेता एलेक्स मॉर्गन को हटाकर युवा स्ट्राइकरों को चुना - 34 वर्षीय एलेक्स मॉर्गन, जिन्होंने राष्ट्रीय टीम के लिए 224 मैचों में 123 गोल किए हैं।
ग्रुप बी में 25 जुलाई को संयुक्त राज्य अमेरिका का सामना जाम्बिया से होगा, जिसमें 2016 ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं।
मॉर्गन के अलावा, पेरिस ओलंपिक से एक और उल्लेखनीय अनुपस्थित कनाडा की लंबे समय तक कप्तान क्रिस्टीन सिंक्लेयर होंगी, जो कनाडा के विश्व कप के नॉकआउट चरण के लिए अर्हता प्राप्त करने में आश्चर्यजनक रूप से विफल होने के बाद पिछले साल अंतरराष्ट्रीय कर्तव्य से सेवानिवृत्त हो गईं।
कनाडा को 25 जुलाई को सेंट-इटियेन में ग्रुप ए मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना अभियान शुरू करना है। फ्ऱांस और कोलंबिया उनके अगले दो समूह प्रतिद्वंद्वी हैं। महिला फ़ुटबॉल फ़ाइनल पुरुषों के फ़ाइनल के एक दिन बाद, 10 अगस्त को पेरिस के पार्स डेस प्रिंसेस में आयोजित होने वाला है।
नईदिल्ली। पेरिस ओलंपिक का आगाज 26 जुलाई से होने वाला है, जिसमें दुनिया भर के लगभग 10,500 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे।पिछले टोक्यो ओलंपिक में भारत की झोली में कुल 7 पदक आए थे और भारतीय दल के खिलाड़ी आगामी संस्करण में पदक संख्या में इजाफा करना चाहेंगे।इस बार भारत के 117 खिलाड़ी दम दिखाने के लिए तैयार हैं।आइए उन खिलाडिय़ों के बारे में जानते हैं, जो भारतीय मूल के होकर दूसरे देशों के लिए पदक जीत चुके हैं।
साल 2004 के ओलंपिक खेल एथेंस में खेले गए थे। अमेरिका की जिमनास्ट मोहिनी भारद्वाज, जिनका जन्म फिलाडेल्फिया, पेंसिल्वेनिया में हुआ था। उन्होंने रजत पदक अपने नाम किया था।मोहिनी पहली भारतीय-अमेरिकन थी, जिन्होंने ओलंपिक में पदक अपने नाम किया था।वह मूल रूप से उत्तर भारत की रहने वाली हैं। उनके पिता का नाम अरुण भारद्वाज और माता का नाम इंदू है। मोहिनी ने 4 साल की उम्र से ही इस खेल का अभ्यास करने लगी थीं।
एक अन्य अमेरिकी जिमनास्ट खिलाड़ी राज भावसार, जिनका जन्म अमेरिका के ह्यूस्टन, टेक्सास में हुआ था।उन्होंने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। भावसार के पिता वडोदरा, गुजरात से हैं और उनकी मां का जन्म कंपाला, युगांडा में हुआ था।भावसार ने अपनी शुरुआती शिक्षा गुजरात में पूरी की थी। उनके पिता काम के तलाश के लिए अमेरिका गए थे और वहीं के होकर रह गए। भावसार ने अमेरिका में ही जिमनास्टिक सिखी थी।
साल 2016 का ओलंपिक रियो में खेला गया था। उस संस्करण में राजीव राम ने दिग्गज टेनिस खिलाड़ी वीनस विलियम्स के साथ मिलकर अमेरिका के लिए मिक्स्ड डबल्स में रजत पदक जीता था।राजीव मूल रूप से कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के रहने वाले हैं।उन्होंने अमेरिका के लिए ऑस्ट्रेलियन ओपन, फ्रेंच ओपन, विंबलडन और यूएस ओपन भी खेला है। हालांकि, उन्होंने इन टूर्नामेंट में कोई ट्रॉफी अपने नाम नहीं की है।
एलेक्सी सिंह ग्रेवाल का जन्म अमेरिका के एक पंजाबी सिख परिवार में हुआ था। उनके 2 भाई हैं, जिनका नाम ऋषि और रंजीत है।एलेक्सी ने साल 1984 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में इतिहास रच दिया था। वह अमेरिका के पहले साइकिलिंग खिलाड़ी बने थे, जिन्होंने रोड रेस में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।उनके दोनों भाई भी साइकिलिंग किया करते थे। साल 2004 में ग्रेवाल को यूएसए बाइसिकलिंग हॉल ऑफ फेम भी चुना गया था।
नईदिल्ली। सूर्यकुमार यादव को 27 जुलाई से मेजबान श्रीलंका क्रिकेट टीम के खिलाफ शुरू होने वाली 3 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की सीरीज में भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया है।उन्होंने बतौर कप्तान रोहित शर्मा की जगह ली, जिन्होंने भारत को टी-20 विश्व कप 2024 का खिताब दिलाने के बाद इस प्रारूप से संन्यास ले लिया। सूर्यकुमार को बतौर कप्तान हार्दिक पांड्या पर तरहीज दी है।यहां हम सूर्यकुमार के टी-20 क्रिकेट में बतौर कप्तान आंकड़ों पर नजर डालते हैं।
सूर्यकुमार ने पिछले साल नवंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 मैचों की घरेलू टी-20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज में बतौर कप्तान अपनी शुरुआत की थी।उस सीरीज में सूर्यकुमार ने अपनी कुशल नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया और भारत ने सीरीज पर 4-1 से कब्जा जमा लिया।उसके बाद उन्होंने भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में 1-1 से बराबरी दिलाई। ऐसे में सूर्यकुमार के नेतृत्व में भारत ने टी-20 अंतरराष्ट्रीय में 5 जीत और 2 हार दर्ज की हैं।
सूर्यकुमार ने अब तक 24 टी-20 मैचों में कप्तानी की है, जिसमें से 16 में उन्होंने जीत दर्ज की है।उन्होंने बल्ले से शानदार प्रदर्शन करते हुए 40.50 की औसत से 810 रन बनाए हैं। उनकी स्ट्राइक रेट 165.64 की रही है।इस दौरान उन्होंने 6 अर्धशतक और एक शतक भी जड़ा है। यह शतकीय पारी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में आई थी।कप्तान सूर्यकुमार के नाम 164.83 की स्ट्राइक रेट से 300 टी-20 अंतरराष्ट्रीय रन दर्ज हैं।
सूर्यकुमार ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भी कप्तानी की है। उन्होंने आईपीएल 2023 में कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ मुकाबले के लिए मुंबई इंडियंस की कप्तानी की थी।उस मैच में इस धाकड़ खिलाड़ी ने 25 गेंदों में 43 रन की तेजतर्रार पारी खेली, जिससे 5 बार की चैंपियन टीम ने 17.4 ओवर में 186 रन का लक्ष्य आसानी से हासिल कर लिया।सूर्यकुमार ने अपनी शानदार पारी में 4 चौके और 3 छक्के भी जड़े थे।
सूर्यकुमार मार्च 2021 में अपने डेब्यू के बाद से टी-20 अंतरराष्ट्रीय प्रारूप पर राज कर रहे हैं।उन्होंने 68 टी-20 अतंरराष्ट्रीय में 43.33 के औसत और 167.74 की स्ट्राइक रेट से 2,340 रन बनाए हैं। इसमें 4 शतक और 19 अर्द्धशतक शामिल हैं।साल 2022 में सूर्यकुमार एक कैलेंडर वर्ष में 1,000 से अधिक टी-20 अंतरराष्ट्रीय रन बनाने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर बन गए। उन्होंने साल 2022 में 187.43 की औसत से 1,164 रन बनाए हैं।
दांबुला। महिला एशिया कप 2024 का आगाज आज यानी 19 जुलाई से होने जा रहा है। क्रिकेट फैंस के लिए खास बात ये है कि इस टूर्नामेंट के पहले ही दिन भारत और पाकिस्तान की टक्कर होगी। यह मैच श्रीलंका के दांबुला में होगा, जो भारतीय समयानुसार शाम 7 बजे से शुरू होगा।
क्रिकेट जगत की दो चिर प्रतिद्वंद्वी टीमें आमने-सामने है। इस मुकाबले को लेकर दोनों देशों के बीच काफी उत्साह रहता है। भारत का अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ बेहतर रिकॉर्ड है। अब तक दोनों टीमों के बीच 14 मैच खेले गए हैं, जिसमें भारत को 11 में जीत मिली है जबकि पाकिस्तान ने मात्र तीन मुकाबले अपने नाम किए।
स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा के रूप में भारत के पास एक खतरनाक सलामी जोड़ी है। वहीं पाकिस्तान के लिए सबसे अहम खिलाड़ी खुद उनकी कप्तान निदा डार साबित हो सकती हैं। ये स्टार ऑलराउंडर गेंदबाजी के दौरान विकेट निकाल पाने में सफल होती हैं और अपनी टीम के लिए रन भी बनाती हैं। पाकिस्तान के लिए सिदरा अमीन इस समय क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में बेहतरीन लय में हैं। ये दोनों खिलाड़ी भारत को कड़ी टक्कर दे सकती हैं।
महिला एशिया कप में अब तक भारतीय टीम का राज रहा है। उन्होंने आठ में से सात बार इस ट्रॉफी को जीता है और इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम गत विजेता के तौर पर भी प्रवेश करेगी जबकि पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड टूर्नामेंट में भारत से काफी पीछे है।
इस बार एशिया कप में कुल 8 महिला टीम हिस्सा ले रही हैं। इन 8 टीमों को दो ग्रुप में बांटा गया है। जिसमें भारत, पाकिस्तान, यूएई और नेपाल ग्रुप ए में हैं जबकि ग्रुप बी में श्रीलंका, बांग्लादेश, मलेशिया और थाईलैंड को रखा गया है। हर ग्रुप में टॉप की दो टीमें सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करेंगी और फिर फाइनल मुकाबला खेला जाएगा।
कहां देख पाएंगे मुकाबला
भारत और श्रीलंका में इस मैच का प्रसारण स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क पर होगा जबकि इसकी लाइव स्ट्रीमिंग डिज्नी प्लस हॉटस्टार के ऐप और वेबसाइट पर होगी।
टीमें
भारत : हरमनप्रीत कौर (कप्तान), स्मृति मंधाना (उपकप्तान), अरुंधति रेड्डी, सोभना आशा, ऋचा घोष, उमा छेत्री, जेमिमाह रॉड्रिग्स, दीप्ति शर्मा, राधा यादव, रेणुका सिंह, पूजा वस्त्रकर, शेफाली वर्मा, श्रेयंका पाटिल, संजीवन सजना, दयालन हेमलता
पाकिस्तान : निदा डार (कप्तान), तस्मिया रूबाब, इरम जावेद, ओमाइमा सोहैल, गुल फिऱोज़ा, डायना बेग, तुबा हसन, नश्रा संधू, नाजिहा अल्वी, फ़ातिमा सना, मुनीबा अली, आलिया रियाज़, सादिया इक़बाल, सिदरा अमीन, सैयदा अरूब शाह