चेन्नई ,02 दिसंबर । मौजूदा चैम्पियन चेन्नइयन एफसी आज यहां अपने घर में दो बार की चैम्पियन एटीके के खिलाफ मैदान में उतरेगी। चेन्नइयन का खिताब बचाने का प्रयास हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के पांचवें सीजन के मध्य में ही दम तोड़ता नजर आ रहा है। आईएसएल के इतिहास में अब तक कोई भी टीम खिताब की रक्षा नहीं कर सकी है लेकिन यह भी सच है कि खिताब बचाने का प्रयास करने वाली टीमों में से किसी ने भी इतनी जल्दी दम नहीं तोड़ा है। चेन्नइयन एफसी अभी 10 टीमों की तालिका में आठवें स्थान पर है। नौ मैचों से उसने पांच अंक जुटाए हैं।
चेन्नइयन के कोच जॉन ग्रेगोरी हर विभाग में विफल रहे हैं। इस सीजन में चेन्नइयन ने अपने घर में एक भी मैच नहीं जीता है और अगर रविवार को यह टीम हार जाती है तो फिर इसकी लीग के असयम और दुर्भाग्यपूर्ण विदाई भी हो सकती है।
चेन्नइयन के डिफेंस ने अब तक बेहद खराब प्रदर्शन किया है और जब उसने अच्छा खेल दिखाया है तब अटैक नहीं चला है। मिडफील्ड ने भी कमी दिखी है और इसी कारण ग्रेगोरी इनिगो काल्डेरॉन को कई मौकों पर सेंट्रल मिडफील्डर के तौर पर खिलाना पड़ा है। ग्रेगोरी को सबसे अधिक परेशान करने वाली बात यह है कि यह मौकों को भुनाने में नाकाम रही है। बीते मैच में गुरुवार को केरल के खिलाफ इस टीम ने कई मौके बनाए लेकिन उन्हें भुना नहीं सकी।
स्टीव कोपेल की एटीके डिफेंस के मामले में लीग की सबसे कंजूस टीमों में से एक है। इस टीम ने अब तक सिर्फ आठ गोल खाए हैं और इस सीजन में यह एकमात्र ऐसी टीम है, जिसने एफसी गोवा के खिलाफ एक भी गोल नहीं खाया है। बिके और जॉन जॉनसन डिफेंस की रीढ़ हैं और अपने अनुभव के दम पर दूसरी टीमों को बांधे रखते हैं। एटीके के लिए खराब खबर यह है कि प्रणॉय हल्धर निलम्बन के कारण चेन्नइयन के खिलाफ नहीं खेल पाएंगे।
ब्यूनस आयर्स ,02 दिसंबर । अर्जेटीना फुटबाल क्लब रिवर प्लेट ने मेड्रिड में कोपा लिबर्टाडोरेस फाइनल के दूसरे चरण के मैच के आयोजन पर आपत्ति जताई है। रिपोर्ट के अनुसार, रिवर का कहना है कि स्पेन में इस मैच का आयोजन उनकी समझ के बाहर है।
उल्लेखनीय है कि रिवर प्लेट के प्रशंसकों द्वारा बोका जूनियर्स की टीम बस पर किए गए हमले के बाद इस मैच को दो बार रद्द किया गया और ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दक्षिण अमेरिकी फुटबाल महासंघ (कोनमेबोल) इस मैच को अर्जेटीना के बाहर मेड्रिड में आयोजित करने का फैसला लिया।
रिवर प्लेट और बोका जूनियर्स के बीच होने वाले इस मैच का आयोजन अब नौ दिसम्बर को ब्यूनस आयर्स से 6,000 किलोमीटर दूर बर्नबू स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा लेकिन रिवर प्लेट ने इसमें आपत्ति जताई है।
अपने एक बयान में रिवर क्लब ने कहा, कोपा लिबर्टाडोरेस का फाइनल चैम्पियंस लीग के बराबर है और ऐसे में इस मैच को स्पेन में स्थानांतरित करना इस प्रतियोगिता के सम्मान को ठेस पहुंचाना है। इसके साथ ही इस महत्वपूर्ण मैच से कोनमेबोल प्रशंसकों को वंचित रखकर उनके साथ अन्याय नहीं कर सकता।
भुवनेश्वर ,02 दिसंबर । पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका को 5-0 से मात देकर हॉकी विश्व कप की शानदार शुरुआत करने वाली भारतीय पुरुष टीम के सामने अगले मैच में बेल्जियम की कड़ी चुनौती इंतजार कर रही है। दोनों टीमों ने अपने विश्व कप अभियान की शुरुआत जीत के साथ की है और कलिंगा स्टेडियम में पूल-सी के अगले मैच में इन दोनों की कोशिश अपने विजयी क्रम को जारी रखने की होगी।
भारत के लिए यह मैच आसान नहीं होगा। वर्ल्ड नंबर-3 बेल्जियम का खेल भारत से बेहतर रहा है। यह टीम अपने आक्रामक खेल के लिए जानी जाती है। भारत में हालांकि बेल्जियम को मात देना का माद्दा है। पहले मैच में बेल्जियम ने कनाडा को 2-1 से मात दी थी। पूल-सी में भारत पहले स्थान पर है तो वहीं बेल्जियम को दूसरा स्थान हासिल है। इस मैच में जीत दोनों टीमों के प्री-चर्टरफाइनल जाने की संभावनाओं के बेहद प्रबल कर देगी जबकि हार से अंतिम-4 का इंतजार पूल के आखिरी मैच तक के लिए बढ़ जाएगा।
भारत ने पिछले मैच में एकतरफा खेल दिखाया था। मेजबान टीम की आक्रमण पंक्ति असरदार साबित हुई और इसलिए पांच गोल करने में टीम सफल रही थी। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हालांकि भारतीय टीम के डिफेंस की परीक्षा नहीं हो पाई थी। बेल्जियम के खिलाफ हालांकि कोच हरेंदर सिंह की टीम को सतर्क रहना होगा। साथ ही उसकी मिडफील्ड को भी अपनी अहमियत समझनी होगी। भारत के कोच हरेंदर सिंह भी इस बात से वाकिफ हैं और इसलिए उन्होंने कहा है कि बेलज्यिम के खिलाफ मैच एक तरह से प्री-चर्टर फाइनल की तरह होगा।
उन्होंने कहा, हम इस मैच को प्री-चर्टर फाइनल की तरह लेंगे। बेल्जियम पिछले चार-पांच वर्षो से लगातार मॉर्डन हॉकी खेल रही है जबकि भारत भी पिछले पांच-महीनों से आक्रामक हॉकी खेल रही है। यह मैच बेहत रोचक होगा। पहले मैच में सिमरनजीत ने भारत के लिए दो गोल किए थे जबकि मंदीप, आकाशदीप और ललित उपाध्याय ने एक-एक गोल किया था। बेल्जियम के डिफेंस के सामने यह चारों अपनी फॉर्म को बनाए रख पाते हैं या नहीं यह मैच के दिन पता चलेगा।
बेल्जियम के डिफेंस में आर्थर वान डोरेन, गोउथियेर बोकार्ड, और आर्थर डे स्लूवर जैसे अनुभवी डिफेंडर हैं। इन तीनों के पास 150-150 से ज्यादा मैचों का अनुभव है जो भारत के लिए खतरनाक हो सकता है। गोलकीपर विसेंट वानश्च भी 201 मैचों का अनुभव लिए हुए हैं। ऐसे में भारत के फॉरवर्ड आकाशदीप, गुरजंत सिंह, मंदीप और दिलप्रीत के लिए यह कड़ी परीक्षा होगी। वहीं भारतीय डिफेंस में हरमनप्रीत सिंह, गुरिंदर सिंह, वरुण कुमार, कोथाजीत सिंह को अहम भूमिका निभानी होगी क्योंकि बेल्जियम की आक्रमण पंक्ति का नेतृत्व अनुभवी कप्तान थॉमस ब्रील्स के जिम्मे है।
यहां वह अकेले नहीं है। उनके साथ फ्लोरेंट वान एयुबेल, टॉम बून जैसे नाम हैं। बेल्जियम के खिलाडिय़ों के लिए भारत के गोलकीपर पी.आर.श्रीजेश सबसे बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं। श्रीजेश को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपरों में गिना जाता है। बेल्जियम के कोच शेन मैक्लोड निश्चित इस बात पर ध्यान देंगे।
सिडनी ,01 दिसंबर । ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ ने कहा कि 4 मैचों की आगामी सीरीज भारत के लिए आस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जीतने का सुनहरा मौका है। सीरीज का पहला टेस्ट एडिलेड में 6 दिसंबर को खेला जाएगा। वॉ ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो से कहा, मुझे लगता है कि यह सुनहरा मौका है। वे लंबे समय से इस दौरे की तैयारी कर रहे होंगे। यह करीबी सीरीज होगी।
यह पूछने पर कि ऑस्ट्रेलियाई टीम विराट कोहली के बल्ले पर अंकुश कैसे लगाएगी, वॉ ने कहा, वह महान खिलाड़ी हैं और तेंडुलकर तथा लारा की तरह उन्हें बड़े मुकाबले पसंद हैं।
पूर्व विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट ने कहा कि भारतीय टीम मुख्य रूप से कोहली पर निर्भर होगी। उन्होंने कहा, विराट इस समय दुनिया का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं। भारत को उनसे बड़ी पारियों की उम्मीद होगी लेकिन उनके पास और भी अच्छे बल्लेबाज हैं। इसी तरह ऑस्ट्रेलिया के पास भी हैं। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज भारत को कड़ी चुनौती देंगे जिनमें मिशेल स्टार्क, पैट कमिंस और जोश हेजलवुड शामिल हैं।
भुवनेश्वर ,01 दिसंबर । विश्व कप में शानदार शुरुआत के बाद भारतीय हॉकी टीम के सामने रविवार को दुनिया की तीसरे नंबर की टीम बेल्जियम के रूप में कठिन चुनौती होगी। पिछले 43 साल में पहली बार विश्व कप में पदक जीतने की प्रबल दावेदार भारतीय टीम ने 16 देशों के टूर्नमेंट में कमाल के अंदाज में शुरुआत करते हुए पहले मैच में साउथ अफ्रीका को 5-0 से हराया।
रियो ओलिंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट बेल्जियम टीम ने कनाडा को 2-1 से मात दी लेकिन उसका प्रदर्शन उतना प्रभावी नहीं रहा। आठ बार की ओलिंपिक चैम्पियन भारतीय टीम अभी तक सिर्फ एक बार 1975 में विश्व कप जीत सकी है। भारत ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ आक्रामक हॉकी खेली और इस लय को कायम रखना चाहेगा। वैसे प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव भारतीय हॉकी की पुरानी समस्या रही है। उसे लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही बेल्जियम टीम को हराने के लिए हर विभाग में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।
साउथ अफ्रीका के खिलाफ मनदीप सिंह, सिमरनजीत सिंह, आकाशदीप सिंह और ललित उपाध्याय ने फॉरवर्ड पंक्ति में उम्दा प्रदर्शन किया। सिमरनजीत ने दो गोल किए जबकि बाकी तीन स्ट्राइकर ने 1-1 गोल दागा। मनप्रीत सिंह की अगुआई में मिडफील्ड और डिफेंस का प्रदर्शन भी अच्छा रहा लेकिन डिफेंडर हरमनप्रीत सिंह, बीरेंद्र लाकड़ा, सुरेंदर कुमार और गोलकीपर पीआर श्रीजेश को आक्रामक बेल्जियम के खिलाफ हर पल चौकन्ना रहना होगा।
दुनिया की पांचवें नंबर की टीम भारत बेल्जियम के खिलाफ अपना रेकॉर्ड भी बेहतर करना चाहेगा। पिछले 5 साल में दोनों टीमों के बीच हुए 19 मुकाबलों में से 13 बेल्जियम ने जीते और एक ड्रॉ रहा। आखिरी बार दोनों का सामना नीदरलैंड में चैम्पियंस ट्रोफी में हुआ था जिसमें आखिरी पलों में गोल गंवाने के कारण भारत ने 1-1 से ड्रॉ खेला। दोनों टीमों के लिये पेनल्टी कॉर्नर समस्या बना हुआ है।
साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारत 5 में से एक ही पेनल्टी को तब्दील कर सका जबकि बेल्जियम ने कनाडा के सामने दो पेनल्टी कॉर्नर गंवाए। भारत के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह पेनल्टी कॉर्नर से सीधे गोल नहीं हो पाने से निराश नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने खूबसूरत फील्ड गोल और पेनल्टी कॉर्नर पर गोल किए। हालांकि गोल करना अहम है, कैसे हुए उससे कोई फर्क नहीं पड़ता।’
बेल्जियम ने पिछले एक दशक में विश्व हॉकी में अपना परचम लहराया है और बिना कोई बड़ा खिताब जीते वह शीर्ष टीमों में शामिल है। बेल्जियम के कोच शेन मैक्लियोड ने कहा, ‘भारत के खिलाफ यह मैच हमें हर हालत में जीतना है और पूरे अंक लेने हैं। हमारा गोल औसत उतना नहीं है जितना हम चाहते थे।’ पूल सी के अन्य मैच में कनाडा का सामना साउथ अफ्रीका से होगा।
नयी दिल्ली ,01 दिसंबर । रनिंदर सिंह अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ के उपाध्यक्ष चुने जाने वाले पहले भारतीय बन गए। 51 बरस के रनिंदर महासंघ के चार उपाध्यक्षों में से एक होंगे । वह भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ के भी अध्यक्ष हैं । पूर्व ट्रैप निशानेबाज को 161 वोट मिले जबकि आयरलैंड के केविन किल्टी को 162 , अमेरिका के राबर्ट मिशेल को 153 और चीन के वांग यिफू को 146 वोट मिले । पिछले साल रनिंदर को चार साल के लिये एनआरएआई का अध्यक्ष चुना गया था । एनआरएआई अध्यक्ष को शुक्रवार को महासंघ की आमसभा में आईएसएसएफ डिप्लोमा आफ आनर स्वर्ण पदक भी दिया गया ।