वाशिंगटन,18 मार्च । आस्ट्रिया के डॉमिनिक थिएम ने स्विस मास्टर रोजर फेडरर को उनके रिकार्ड छठे इंडियन वेल्स खिताब से वंचित करते हुये करियर में पहली बार एटीपी मास्टर्स 1000 खिताब अपने नाम कर लिया है।
थिएम ने फेडरर को पुरूष एकल फाइनल में 3-6, 6-3, 7-5 से हराया। 25 साल के आस्ट्रियन खिलाड़ी और विश्व में आठवीं रैंक थिएम को इससे पहले मास्टर्स फाइनल में ही दो बार फेडरर से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन करियर की कुल पांचवीं भिड़ंत में उन्हें तीसरी बार स्विस खिलाड़ी पर जीत हासिल हुई। हार्ड कोर्ट पर यह आस्ट्रियाई खिलाड़ी की स्विस मास्टर के खिलाफ पहली जीत है।
थिएम को मैच के फाइनल सेट के 11वें गेम में उपयोगी ब्रेक अंक हासिल हुआ जिसे उन्होंने अपने बेहतरीन फोरहैंड विनर्र के साथ भुना लिया। उन्होंने दो घंटे दो मिनट में जाकर मैच अपने नाम किया जब फेडरर का फोरहैंड नेट में फंस गया। आस्ट्रियाई खिलाड़ी के लिये यह न सिर्फ उनके करियर की पहली मास्टर्स 1000 जीत है बल्कि इसकी बदौलत वह अब करियर की सर्वश्रेष्ठ चौथी रैंकिंग पर भी पहुंच जाएंगे।
यह लगातार दूसरा वर्ष है जब फेडरर को इंडियन वेल्स फाइनल में हार झेलनी पड़ी है। वर्ष 2018 में वह अर्जेंटीना के जुआन मार्टिन डेल पोत्रो से हारकर तीन चैंपियनशिप अंक गंवा बैठे थे।
दुबई में हाल ही में करियर का रिकार्ड 100वां खिताब जीतने वाले स्विस मास्टर अब इंडियन वेल्स में पांच बार खिताब जीतने के मामले में सर्बिया के नोवाक जोकोविच के बराबर ही हैं। उपविजेता फेडरर को हालांकि एटीपी रैंकिंग में फायदा पहुंचा है और वह पांचवें स्थान पर पहुंच जाएंगे।
रिकार्ड 24 बार के ग्रैंड स्लेम चैंपियन खिलाड़ी का खिताबी मुकाबले में प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा और वह 11 में से दो बार ही ब्रेक अंक भुना सके जबकि थिएम के 25 की तुलना में उन्होंने 32 बेजा भूलें कीं। हालांकि फेडरर की शुरूआत अच्छी रही और उन्होंने पहले सर्विस गेम पर ही थिएम की सर्विस ब्रेक कर दी और ओपनिंग सेट में चौथे ब्रेक अंक पर 2-0 की बढ़त बना ली।
अपने बेहतरीन बैकहैंड रिटर्न के साथ उन्होंने 5-3 की बढ़त बनाई और पहला सेट 36 मिनट में समाप्त कर 1-0 की बढ़त बना ली। हालांकि फिर वह लय भटक गये और दूसरे सेट में खराब सर्विस गेम से थिएम ने शुरूआत में ही फेडरर की सर्विस ब्रेक कर दी और आस्ट्रियाई खिलाड़ी ने खेल को निर्णायक सेट में पहुंचा दिया।
थिएम ने फाइनल सेट में शुरूआती ब्रेक अंक हासिल किया और तीन गेम बाद फेडरर की सर्विस ब्रेक कर दी। उन्होंने पहले सर्विस प्वांइट पर 70 फीसदी अंक जीते और फेडरर का रिटर्न नेट में फंसते ही अपनी जीत का जश्न मनाया। स्विस खिलाड़ी ने जीत के बाद कहा, मुझे लगता है कि फेडरर को बधाई देने का अधिकार मेरे पास नहीं है क्योंकि उनके पास मुझसे 88 खिताब अधिक है।
वर्ष 1997 में मियामी में थामस मस्टर के बाद थिएम पहले आस्ट्रियाई खिलाड़ी हैं जिन्होंने मास्टर्स 1000 खिताब जीता है। फेडरर ने भी उन्हें इस जीत के लिये बधाई दी। उन्होंने कहा, मेरे लिए यह सप्ताह बहुत अच्छा रहा है लेकिन फाइनल में स्थिति मेरे हिसाब से नहीं रही। डॉमिनिक को बधाई। आप इस जीत के हकदार हो।
अबू धाबी ,18 मार्च । इसी साल से शुरू होने जा रहे टी-10 क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन अगले पांच साल तक यहां जायेद क्रिकेट स्टेडियम में होगा। अबू धाबी क्रिकेट (एडीसी) ने अबू धाबी स्पोर्ट्स काउंसिल और टी-10 क्रिकेट टूर्नामेंट के आयोजनकर्ताओं के साथ पांच साल के लिए इस करार पर हस्ताक्षर किया है।
इस करार के तहत अब टूर्नामेंट के सभी मैच इसी मैदान पर खेले जाएंगे। पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी, आस्ट्रेलिया के शेन वॉटसन, दक्षिण अफ्रीका के कोलिन इनग्राम, न्यूजीलैंड के ल्यूक रोंची और वेस्टइंडीज के आंद्रे फ्लेचर ने इस साल टूर्नामेंट में भाग लेने की पुष्टि की है। टी-10 क्रिकेट का आयोजन 2017 में पहली बार किया गया था। 90 मिनट के इस खेल में गेंदें फेंकी जाती है। इसके पहले संस्करण में क्रिस गेल, शोएब मलिक, शेन वॉटसन और पाकिस्तान के कप्तान सरफराज अहमद शामिल थे।
देहरादून ,17 मार्च । रहमत शाह (98), हशमतुल्लाह शाहिदी(61) और कप्तान असगर अफगान (67) के शानदार अर्धशतकों से अफगानिस्तान ने आयरलैंड के खिलाफ एकमात्र टेस्ट के दूसरे दिन 314 रन बनाकर मैच पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली। अफगानिस्तान ने आयरलैंड को कल पहली पारी में 172 रन पर समेट दिया था।
अफगानिस्तान ने दो विकेट पर 90 रन से आगे खेलना शुरू किया और अपनी पहली पारी में 314 रन बनाये। रहमत शाह ने 22 और शाहिदी ने 13 रन से अपनी पारी को आगे बढ़ाया। रहमत शाह ने 214 गेंदों पर 98 रन में 15 चौके, शाहिदी ने 154 गेंदों पर 61 रन में छह चौके तथा कप्तान अफगान ने 92 गेंदों पर 67 रन में छह चौके और चार छक्के लगाये। आयरलैंड ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक एक विकेट खोकर 22 रन बना लिये हैं और उसे पारी की हार से बचने के लिये अभी 120 रन बनाने हैं।
लिंगशुई ,17 मार्च । भारत के उभरते स्टार लक्ष्य सेन का चाइना मास्टर्स बैडमिंटन टूर्नामेंट में स्वप्निल सफर शनिवार को सेमीफाइनल में संघर्षपूर्ण हार के साथ थम गया। लक्ष्य सेन को पहले राउंड में बाई मिली थी और दूसरे राउंड में उन्होंने सिंगापुर के लोह कीन यू को 34 मिनट में 21-12 21-13 से पराजित किया था। भारतीय खिलाड़ी ने तीसरे दौर के मैच में कोरिया के हा यंग वूंग को 46 मिनट में 21-14 21-15 से हराया।
विश्व रैंकिंग में 104वें नंबर के लक्ष्य ने चर्टरफाइनल में 42वीं रैंकिंग के चीनी खिलाड़ी झोउ जैकी को एक घंटे एक मिनट तक चले संघर्षपूर्ण मुकाबले में 16-21 21-15 21-19 से पराजित किया। लक्ष्य का सेमीफाइनल में 258वीं रैंकिंग के चीन के वेंग होंगयांग से सामना हुआ। लक्ष्य ने होंगयांग को 2016 में एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में हराया था। लक्ष्य ने पहला गेम हारने के बाद शानदार वापसी करते हुए दूसरा गेम जीता लेकिन निर्णायक गेम में वह कड़ा संघर्ष करने के बावजूद जीत हासिल नहीं कर पाए और उनकी हार के साथ टूर्नामेंट में भारतीय चुनौती समाप्त हो गयी। भारतीय खिलाड़ी को होंगयांग ने एक घंटे दो मिनट में 21-9 12-21 21-17 से हराकर खिताबी मुकाबले में प्रवेश कर लिया।
नई दिल्ली ,17 मार्च । भारतीय एथलीटों ने हांगकांग में चल रही तीसरी युवा एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शनिवार को दूसरे दिन चार और स्वर्ण पदक जीत लिए। विश्वेन्द्र सिंह ने 10 हजार मीटर पैदल चाल स्पर्धा में 44:09.75 का समय लेकर एशियाई यूथ रिकॉर्ड तोडा इस स्पर्धा में परमजीत सिंह बिष्ट 44:21.96 के समय के साथ कांस्य जीता।
उसैद खान ने डेकाथलन स्पर्धा में अपनी कल की बढ़त को बरकरार रखते हुए 6952 अंकों के साथ किसी कॉन्टिनेंटल चैंपियनशिप में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। भारत के अंसार अली ने 5943 अंक जुटाकर कांस्य पदक जीता। थबिता पीएम ने अपने चौथे प्रयास में 5.86 मीटर की छलांग लम्बी कूद स्पर्धा का स्वर्ण जीता।
अम्ब्रिका नरजारी ने 5.73 मीटर की छलांग के साथ कांस्य जीता। 400 मीटर के धावक अब्दुल रज़ाक और अवंतिका संतोष नराले ने 100 मीटर का स्वर्ण जीता। भारत के अब सात स्वर्ण, दो रजत और पांच कांस्य सहित 14 पदक हो गए हैं।
मुंबई ,17 मार्च । बेंगलुरू एफसी हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के पांचवें सीजन के फाइनल में आज यहां मुंबई फुटबाल एरेना में एफसी गोवा से भिड़ेगी। लीग की दो श्रेष्ठ टीमों ने अपनी काबिलियत के आधार पर फाइनल में जगह बनाई है। यह दूसरा मौका है जब दोनों टीमें फाइनल में पहुंची हैं। बेंगलुरू को बीते साल चेन्नइयन एफसी के हाथों फाइनल में हार मिली थी जबकि 2015 में गोवा को भी चेन्नई ने ही हराया था। बेंगलुरू की टीम ने लीग स्तर पर टॉप किया था और इसी कारण रविवार को होने वाले खिताबी मुकाबले में वह प्रबल दावेदार के तौर पर मैदान पर उतरेगा। उसे हालांकि, खिताब तक पहुंचने के लिए गोवा को दोयम साबित करना होगा, जिसने सेमीफाइनल में शक्तिशाली मुंबई सिटी एफसी को कुल 5-2 के अंतर से हराते हुए दूसरी बार फाइनल में जगह बनाई है।
बेंगलुरू की टीम संतुलित है और यह टीम एकत्रित होकर आक्रमण करती है। पांचवें सीजन के पहले चरण में 11 मैचों तक अजेय रहने के बाद इस टीम ने दूसरे चरण में खराब फार्म और खराब परिणाम का सामना किया, लेकिन इस टीम ने अपनी कमियों पर काम करते हुए लगातार दूसरी बार फाइनल में जाने का गौरव हासिल किया। इस बीच, गोवा ने इस सीजन में कुल 41 गोल किए और यही कारण है कि वह फाइनल खेल रही है। सर्जियो लोबेरा ने इस टीम के डिफेंस को भी मजबूत किया है और इसी कारण आज की तारीख में यह टीम काफी संतुलित नजर आ रही है।
बेंगलुरू के खिलाफ हालांकि, गोवा का प्रदर्शन खराब रहा है। इस सीजन में इन दो टीमों के बीच दो मुकाबले हुए हैं और हर बार बेंगलुरू जीता है। उसने गोवा के खिलाफ पांच गोल किए। बेंगलुरू की टीम में शामिल भारतीय खिलाड़ी काफी अच्छा खेल रहे हैं और इसी कारण बेंगलुरू का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। कुआडार्ट ने माना कि गोवा को बैकफुट पर नहीं धकेला जा सकता। इस टीम के पास फेरान कोरोमिनास जैसा मैच जिताऊ खिलाड़ी है, जिसने अब तक 19 मैचो में 16 गोल किए हैं। फेरान को मदद करने के लिए गोवा के पास हुगो बाउमोस और इदु बेदिया हैं, जो उनके बराबर ही खतरनाक हैं।
कार्लोस पेना और माउतोर्दा फाल ने कई मौकों पर इस सीजन में गोवा को मुश्किल से निकाला है और अगर गोवा की टीम एक बार अपने अटैक मोड में आ गई तो फिर उसे रोकना मुश्किल होगा। ऐसे में बेंगलुरू के लिए सर्गियो लोबेरा का चक्रव्यूह तोडऩा आसान नहीं होगा। ड्डसेमीफाइनल मुकाबलों में ब्लूज नाम से मशहूर बेंगलुरू ने बड़ी मुश्किल से जीत हासिल कर अपनी साख बचाई जबकि गोवा की टीम ने पहले चरण के मुकाबले में ही मुम्बई को 5-1 से हराते हुए अपने लिए फाइनल का टिकट सुरक्षित कर लिया था। ये दोनों आईएसएल की सबसे आक्रामक टीमें हैं और जब ये खिताबी मुकाबले में आमने-सामने होंगी तो दर्शकों को रोमांचक मुकाबला देखने को मिलेगा।