कोलकाता । एक रोमांचक और गहन प्रतियोगिता के महीने के बाद, प्रतिष्ठित डूरंड कप अपने चरम पर पहुंच गया है। इस प्रतियोगिता के 133वें संस्करण में, ग्रैंड फिनाले में मोहन बागान एसजी और नॉर्थईस्ट यूनाइटेड एफसी चैंपियन बनने के लिए आमने-सामने होंगे।
भारत भर के फुटबॉल प्रशंसक उत्सुकता से इस हाई-स्टेक मुकाबले का इंतजार कर रहे हैं, जो शनिवार, 31 अगस्त को शाम 5:30 बजे कोलकाता के विवेकानन्द युवा भारती क्रीड़ांगन में खेला जाएगा।
मौजूदा चैंपियन, मोहन बागान एसजी, शनिवार को अंतिम मुकाबले में अपने खिताब की रक्षा करने के लिए तैयार है। रिकॉर्ड 17 बार के डूरंड कप चैंपियन के रूप में, वे इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के इतिहास में सबसे अधिक डूरंड कप खिताब जीतने वाली टीम के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए अपने 18वें खिताब का लक्ष्य बना रहे हैं।
मेरिनर्स ने ग्रुप चरण में अपना दबदबा बनाए रखा और सात गोल करके अपने सभी मैच जीते और एक भी गोल नहीं खाया, जिससे उनका लचीलापन और प्रभुत्व दिखा। वे क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए, जहां उनका सामना एक रोमांचक मैच में पंजाब एफसी से हुआ, जो निर्धारित समय में 3-3 से बराबरी पर समाप्त हुआ और बागान ने पेनल्टी शूट आउट में जीत हासिल की। सेमीफाइनल में, सामान्य समय में रोमांचक मुकाबला 2-2 से ड्रा रहने के बाद पेनल्टी शूटआउट में विशाल कैथ की वीरता ने कोलकाता के दिग्गजों को लगातार दूसरे डूरंड कप फाइनल में जगह दिला दी।
मोहन बागान के आक्रमण की अगुवाई जेसन कमिंग्स, दिमित्री पेट्राटोस और लिस्टन कोलासो कर रहे हैं, जबकि अनिरुद्ध थापा और सहल अब्दुल समद मिडफ़ील्ड में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान कर रहे हैं। उनकी रक्षा अल्बर्टो, थॉमस एल्ड्रेड और सुभाशीष बोस और हर बार के भरोसेमंद विशाल कैथ जैसे खिलाडिय़ों द्वारा की गई है, जो सभी विपक्षी हमलों को रोकने में महत्वपूर्ण रहे हैं।
नॉर्थईस्ट युनाइटेड एफसी ने सेमीफाइनल में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी शिलांग लाजोंग को हराकर पहली बार डूरंड कप फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया है। ग्रुप चरण में भी द हाईलैंडर्स का दबदबा रहा और उसने 10 गोल के साथ सभी तीन मैच जीते जबकि सिर्फ एक गोल खाया। रणनीतिज्ञ जुआन पेड्रो बेनाली के मार्गदर्शन में, उन्होंने क्वार्टर फाइनल में भारतीय सेना को आसानी से हराकर अपने सामरिक कौशल और रक्षात्मक दृढ़ता का प्रदर्शन किया। शिलांग लाजोंग एफसी के खिलाफ नॉर्थईस्टर्न डर्बी में, नॉर्थईस्ट यूनाइटेड ने सेमीफाइनल में 3-0 से शानदार जीत हासिल कर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली।
टीम की मुख्य ताकत गुइलेर्मो फर्नांडीज और जितिन एमएस द्वारा उजागर की गई है, जो प्रतियोगिता में दूसरे सबसे बड़े स्कोरर के रूप में बराबरी पर हैं, जिससे उनका आक्रमण गौरव की तलाश में एक महत्वपूर्ण संपत्ति बन गया है।
प्रशंसक बेसब्री से मोहन बागान एसजी और नॉर्थईस्ट यूनाइटेड एफसी के बीच मुकाबले का इंतजार कर रहे हैं, जिन्होंने बाधाओं को पार करते हुए पहली बार फाइनल में जगह बनाई है। नॉर्थईस्ट यूनाइटेड एफसी का लक्ष्य डूरंड कप को अपनी ट्रॉफी कैबिनेट में शामिल करना और इतिहास बनाना होगा। सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क पर विशेष रूप से प्रसारित डूरंड कप में सभी ब्लॉकबस्टर गोल और हाई-ऑक्टेन ड्रामा देखा जा सकता है।
नई दिल्ली । आठ बार के ग्रैंड स्लैम चैंपियन और पूर्व विश्व नंबर 1 टेनिस खिलाड़ी आंद्रे अगासी जनवरी 2025 में पीडब्ल्यूआर डीयूपीआर इंडियन टूर एंड लीग को हरी झंडी दिखाने के लिए भारत आने वाले हैं, जो एक भव्य टूर है और भारत में प्रतिस्पर्धी पिकलबॉल का रोमांच लाएगा।
इंडियन टूर एंड लीग पिकलबॉल वर्ल्ड रैंकिंग (पीडब्लूआर) के साथ-साथ पीडब्लूआर वर्ल्ड टूर और पीडब्लूआर वर्ल्ड सीरीज द्वारा घोषित नई रैंकिंग संरचना की हालिया घोषणा का अनुसरण करता है।
चार ऑस्ट्रेलियन ओपन, एक फ्रेंच ओपन, एक विंबलडन और दो यूएस ओपन सहित आठ ग्रैंड स्लैम एकल खिताब के साथ अपने शानदार टेनिस करियर के लिए माने जाने वाले अगासी ने 1996 के अटलांटा ओलंपिक में पुरुष एकल में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने इस उद्यम का हिस्सा बनने के लिए अपना उत्साह व्यक्त किया।
अपने भारतीय प्रशंसकों के लिए एक विशेष वीडियो संदेश में, अगासी ने कहा, मैं भारत का दौरा करने और इसके प्रशंसकों के लिए पिकलबॉल का उत्साह लाने के लिए उत्साहित हूं। मैं पीडब्लूआर डीयूपीआर इंडियन टूर एंड लीग का इंतजार कर रहा हूं और उम्मीद करता हूं कि यह देश में एक बड़ी सफलता होगी।
अगासी की आगामी यात्रा पर टिप्पणी करते हुए, पीडब्लूआर के सीईओ और संस्थापक, प्रणव कोहली ने कहा, आंद्रे अगासी का भारत में स्वागत करते हुए हम बिल्कुल रोमांचित हैं क्योंकि वह पीडब्लूआर डीयूपीआर इंडियन टूर एंड लीग को हरी झंडी दिखाने भारत आएंगे। उनकी भागीदारी हमारे प्रयासों को जबरदस्त बढ़ावा देती है। भारत और विश्व स्तर पर पिकलबॉल को बढ़ावा देना। खेल के प्रति अगासी का जुनून और खेल की दुनिया में उनकी महान स्थिति निश्चित रूप से खिलाडिय़ों और प्रशंसकों को समान रूप से प्रेरित करेगी, और हमें विश्वास है कि यह लीग भारत में पिकलबॉल के लिए नए मानक स्थापित करेगी।
विशेष रूप से, पीडब्लूआर डीयूपीआर इंडियन टूर एंड लीग, पीडब्लूआर डीयूपीआर इंडिया मास्टर्स (बैटल ऑफ द लीग: स्टेज 1 सहित) से पहले, पीडब्लूआर 700 का एक कार्यक्रम 24 से 27 अक्टूबर तक नई दिल्ली में होगा।
लीग्स की लड़ाई एक अनूठी पीडब्लूआर अवधारणा है जिसमें शौकीनों के लिए टीम-आधारित प्रतियोगिता शामिल है। इवेंट पार्टनर्स में डीयूपीआर, माइनर लीग पिकलबॉल, पिकलबॉल यूनाइटेड, फैंसप्ले, इंडियन पिकलबॉल एसोसिएशन, एशियन पिकलबॉल एसोसिएशन और ग्लोबल पिकलबॉल फेडरेशन शामिल हैं। 50,000 अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि के अलावा, बैटल ऑफ़ द लीग्स की प्रत्येक श्रेणी में विजेता टीमें संयुक्त राज्य अमेरिका में डीयूपीआर नेशनल्स में एक स्थान सुरक्षित करेंगी, जिसमें पीडब्लूआर उनकी यात्रा और आवास खर्चों को कवर करेगा।
पिछले महीने, पिकलबॉल वर्ल्ड रैंकिंग (पीडब्लूआर), पीडब्लूआर वर्ल्ड सीरीज़ (पीडब्ल्यूएस), और पीडब्लूआर वर्ल्ड टूर दुबई में लॉन्च किया गया था, जिसमें जीसीसी को फरवरी 2025 में पहली पीडब्लूआर वर्ल्ड सीरीज़ के लिए मेजबान क्षेत्र के रूप में घोषित किया गया था।
नईदिल्ली। पेरिस पैरालम्पिक 2024 में भारत ने शानदार आगाज किया है. एक ही साथ भारत ने 2 मेडल जीत लिया है. स्टार पैरा शूटर अवनी लेखरा ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया है. उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल एसएच1 फाइनल इवेंट में गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया है. वहीं, मोना अग्रवाल ने इसी इवेंट में देश को दूसरा मेडल दिलाया. भारत की मोना अग्रवाल 10 मीटर महिला एयर पिस्टल सिंगल में ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया. अवनी की यह जीत ऐतिहासिक भी है क्योंकि उन्होंने नया पैरालंपिक रिकॉर्ड कायम कर दिया है.
अवनी लेखरा और दक्षिण कोरिया की युनरी ली के बीच आखिरी शॉट तक बेहद कड़ी टक्कर देखने को मिली. आखिरी शॉट तक भारत का सिल्वर मिलना तय था, लेकिन फिर अपने आखिरी शॉट पर अवनी ने 10.5 का स्कोर किया. वहीं कोरियाई निशानेबाज से आखिरी शॉट पर चूक हो गई, जिनका आखिरी शॉट पर स्कोर केवल 6.8 और वह अंत में 246.8 के स्कोर तक पहुंच पाईं. इस तरह अवनी लेखरा ने गोल्ड जीत लिया. जबकि पिछली बार यानी टोक्यो पैरालंपिक्स की सिल्वर मेडल विजेता यानी चीन की कुइपिंग झांग इस बार आखिरी स्थान पर रहीं.
अवनी लेखरा टोक्यो पैरालंपिक्स में महज 19 साल की उम्र में भाग लिया था. उन्होंने फाइनल में 249.6 का स्कोर कर गोल्ड पर कब्जा जमाया और एक नया पैरालंपिक रिकॉर्ड बनाया था. अब पेरिस पैरालंपिक्स में अवनी ने अपने ही रिकॉर्ड को बेहतर करके 249.7 का स्कोर कर दिया है.
अवनी लेखरा अब लगातार दो पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय शूटर बन गई हैं. उनसे पहले आज तक भारत का कोई शूटर ये कारनामा नहीं किया था. टोक्यो पैरालंपिक में उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल में गोल्ड मेडल जीता था. जबकि 50 मीटर राइफल थ्री-पोजीशन में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था.
0-घुड़सवार अनुष अग्रवाल ने कहा
नई दिल्ली। राष्ट्रीय खेल दिवस पर भारतीय घुड़सवार और ओलंपियन अनुष अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने यादगार और प्रेरक अनुभव साझा किए।
पेरिस ओलंपिक में भाग लेने वाले प्रत्येक एथलीट को, जिसमें वो खुद भी शामिल हैं प्रधानमंत्री की ओर से एक विशेष पत्र मिला था।
इस पत्र में उन्होंने सभी खिलाडिय़ों को शुभकामनाएं दी थीं और उन्हें किसी भी तरह की सहायता के लिए सीधे उनसे संपर्क करने के लिए प्रोत्साहित किया था।
2018 एशियाई खेलों में पदक जीतने के बाद उन्होंने पहली बार पीएम मोदी से मुलाकात की और एक यादगार पल साझा किया।
अनुष ने कहा, एथलीटों को पेरिस ओलंपिक से महीनों पहले पीएम मोदी से पत्र मिले, जिसमें हमें किसी भी तरह की मदद के लिए प्रोत्साहित किया गया, जिससे हमारा मनोबल बढ़ा।
उन्होंने पेरिस ओलंपिक से जुड़ा एक अनचाहा किस्सा याद किया जब खिलाडिय़ों को बहुत ज्यादा गर्मी का सामना करना पड़ा था। इस पर भारत सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुए एयर कंडीशनर की व्यवस्था की थी।
अनुष ने बताया, यहां तक कि ओलंपिक विलेज में बस सेवा के साथ भी मेरा शेड्यूल क्लैश कर रहा था और भारतीय ओलंपिक संघ ने मेरी परेशानियों को दूर करते हुए मेरे लिए विशेष रूप से एक कार उपलब्ध कराई थी।
ओलंपिक से पहले प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई बातचीत का एक किस्सा अनुष ने शेयर किया। उन्होंने बताया कि कैसे प्रधानमंत्री ने एक अनोखे तरीके से एथलीटों के बीच एक उम्र और अनुभव की दीवार को कम किया।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कुछ सवाल पूछे, आप में से सबसे युवा कौन है? आप में से कितने पहली बार ओलंपिक में भाग ले रहे हैं? यहां पर किसे 2 या 3 ओलंपिक का अनुभव है?
अनुष ने बताया, वह चाहते थे कि अनुभवी एथलीट जूनियर खिलाडिय़ों के साथ अपने अनुभव साझा करें। पूरा कमरा एक नए उत्साह से भर गया था।
अन्य खेलों की तुलना में भारत में घुड़सवारी का कम महत्व होने के बावजूद, अनुष ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनके प्रति वैसा ही सम्मान और चिंता दिखाई, जैसा वे दूसरों के प्रति रखते हैं।
पेरिस ओलंपिक में अपने घोड़े सर कैरमेलो ओल्ड के साथ भारत के एकमात्र घुड़सवार अनुष ड्रेसेज ग्रां प्री व्यक्तिगत क्वालीफायर राउंड में ग्रुप ई में नौवें स्थान पर रहे।
लेकिन भारतीय घुड़सवार के लिए यह अभी भी एक अच्छी उपलब्धि थी, क्योंकि अनुष अग्रवाल देश के लिए कोटा प्राप्त करने के लिए न्यूनतम पात्रता आवश्यकता (एमईआर) को चार बार प्राप्त करने के बाद ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में ड्रेसेज में प्रतिस्पर्धा करने वाले पहले भारतीय बन गए।
नई दिल्ली । राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर भारतीय ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज मनु भाकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी बातचीत को याद किया और उनके द्वारा एथलीटों को दी जाने वाली प्रेरणा पर अपना नजरिया पेश किया।
22 वर्षीय मनु ने पेरिस ओलंपिक में एक बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम किया। ये युवा निशानेबाद स्वतंत्रता के बाद एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गईं हैं।
साथ ही, मनु खेलों में व्यक्तिगत निशानेबाजी स्पर्धा में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी बनीं।
ये युवा निशानेबाद सिर्फ 16 साल की थीं जब उन्होंने 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीता और पहली बार पीएम मोदी से मुलाकात की थी।
मनु ने यह पुराना किस्सा याद करते हुए बताया, उस बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने मुझसे कहा, तुम बहुत युवा हो। तुम इससे भी बड़ी सफलता हासिल करोगी और जब भी तुम्हें किसी चीज की जरूरत हो, तुम मुझसे संपर्क करना। उनके यह शब्द मेरे लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत था।
न केवल सफलता के मौकों पर बल्कि असफलता पर भी पीएम मोदी ने मनु का साथ दिया। जब टोक्यो ओलंपिक में कुछ तकनीकी खराबी के कारण मनु पदक जीतने से चूक गईं थीं, जब पीएम ने उन्हें प्रोत्साहित किया और उनकी भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की।
मनु ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे आत्मविश्वास से भरे रहने और अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। उनकी यह खासियत है कि वह प्रत्येक खिलाड़ी के बारे में हर बात पर नजर रखते हैं।
पिस्टल शूटर का मानना है कि पीएम मोदी का दृष्टिकोण सिर्फ जीत का जश्न मनाने तक नहीं है, बल्कि वह परिणाम की परवाह किए बिना हर एथलीट को प्रोत्साहित करने और उसका समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
मनु ने पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर अपना पहला पदक जीता, जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे फोन पर बात की और उन्हें बधाई दी।
इसके बाद मनु ने सरबजोत सिंह के साथ मिश्रित 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीता और महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहीं।
नईदिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली की लोकप्रियता सिर्फ क्रिकेट तक ही सीमित नहीं है. बल्कि दूसरे खेल के खिलाड़ी भी विराट को अपना आदर्श मानते हैं और अपने अपने खेल में उनके जैसी लोकप्रियता और सफलता पाना चाहते हैं. ओलंपिक 2024 में मेडल से चूकने वाले एक युवा खिलाड़ी ने भी ऐसी ही ख्वाहिश जारी की है.
युवा बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने हाल ही में एक इंटरव्यू दिया है. लक्ष्य ने इस इंटरव्यू में कहा कि, मैं आने वाले समय में भारतीय बैडमिंटन का विराट कोहली बनना चाहता हूं. उन्होंने भारतीय क्रिकेट के लिए बहुत कुछ किया है.मैं कुछ ऐसा अपने खेल में करना चाहता हूं. बता दें कि लक्ष्य ने हाल ही में ओलंपिक 2024 में भारतीय बैडमिंटन का प्रतिनिधित्व किया था. उनका प्रदर्शन अच्छा रहा था लेकिन वे मेडल जीतने से चूक गए थे और चौथे स्थान पर रहे थे.
भारत में बैडमिंटन का क्रेज लगातार बढ़ रहा है. 2012 में लंदन में हुए ओलंपिक में सायना नेहवाल ने ब्रांज मेडल जीता था. 2016 में पीवी सिंधु ने सिल्वर मेडल जीता. इसके बाद टोक्यो में सिंधु ने कांस्य पदक जीता था. पेरिस ओलंपिक में बैडमिंटन में भारत को कोई पदक नहीं मिला. सिंधु जहां बाहर हो गई वहीं लक्ष्य ब्रांज मेडल वाले मैच में बढ़त बनाने के बावजूद जीत हासिल नहीं कर पाए.
पेरिस में लक्ष्य से निराशा जरुर मिली है लेकिन ये खिलाड़ी सिर्फ 23 साल का है और मेहनती है. बैडमिंटन को जीने वाला है. इस वजह से हम उम्मीद कर सकते हैं कि 2028 में लांस एंजिल्स में होने वाले ओलंपिक में लक्ष्य कमाल करेंगे और देश को मेडल दिलाएंगे. बता दें कि लक्ष्य ने 2022 में बर्मिंघम में हुए कॉमवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था. 2022 में बैंकॉक में हुए थॉमस कम में भी लक्ष्य गोल्ड जीत चुके हैं.