नई दिल्ली । केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने अजरबैजान के बाकू में आईएसएसएफ विश्व चैंपियनशिप में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक कोटा हासिल करने के लिए निशानेबाज मेहुली घोष की सराहना की। क्वालीफिकेशन में 634.5 अंकों के साथ शीर्ष पर रहने के बाद, मेहुली ने 24-शॉट के आठ-महिला फाइनल में 229.8 का स्कोर करके तीसरा स्थान हासिल किया, जो उनके लिए ओलंपिक कोटा स्थान दिलाने के लिए पर्याप्त था।
2024 में पेरिस ओलंपिक खेलों के लिए निशानेबाजी में यह भारत का चौथा कोटा स्थान था। भवनीश मेंदीरत्ता (पुरुष ट्रैप), मौजूदा विश्व चैंपियन रुद्राक्ष बालासाहेब पाटिल (पुरुष 10 मीटर एयर राइफल) और स्वप्निल कुसाले (पुरुष 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन) ने भारत के लिए ओलंपिक कोटा जीता है।
हालाँकि, मेहुली ने तिलोत्तमा और रमिता के साथ मिलकर 10 मीटर एयर राइफल महिला टीम स्पर्धा में कुल 1895.9 के साथ जीत हासिल की, चीन से आगे रहीं, जिन्होंने कुल 1893.7 अंक हासिल किए। जर्मनी ने कांस्य पदक जीता।
प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में खेल मंत्री ने लिखा, आईएसएसएफ विश्व चैंपियनशिप में 10 मीटर एयर राइफल महिला टीम स्पर्धा में देश का पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने के लिए सनसनीखेज प्तटॉप स्कीम शूटिंग तिकड़ी तिलोत्तमा सेन, मेहुली घोष और रमिता को हार्दिक बधाई।
उन्होंने कहा, प्रतिभाशाली 22 वर्षीय मेहुली को महिला व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने के लिए भी बधाई, साथ ही राष्ट्र के लिए प्तपेरिस2024 कोटा के साथ, अपनी असाधारण निशानेबाजी का प्रदर्शन किया। युवा प्रतिभाशाली, 15 वर्षीय तिलोत्तमा को प्रदर्शन के लिए विशेष बधाई। फ़ाइनल में प्रभावशाली चौथे स्थान पर रहने के साथ अभूतपूर्व कौशल। भारत ने अब तक बाकू में चार पदक जीते हैं – दो स्वर्ण और दो कांस्य।
नई दिल्ली । एशिया कप 2023 के लिए भारतीय टीम की ऐलान कर दिया गया है। टीम में रोहित शर्मा कप्तान और हार्दिक पंड्या को उपकप्तान बनाया गया है ,वही टीम में शुभमन गिल ,विराट कोहली,श्रेयसअय्यर ,सूर्य कुमार यादव ,तिलक वर्मा ,्यरु राहुल ,ईशान किशन,रविंद्र जडेजा,शार्दुल ठाकुर,अक्षर पटेल,कुलदीप यादव,जसप्रीत बुमराह मोहमद शमी,मोहमद सिराज,प्रसिद्ध कृष्णा को शामिल किया गया है। वही संजू सेमसन को बेकअप प्लेयर के रूप में रखा गया है। लेकिन केएल राहुल और श्रेयस अय्यर को फिटनेस टेस्ट के आधार पर टीम में जगह मिली है।
एशिया कप 2023 : 31 अगस्त से 17 सितंबर तक आयोजित , पाकिस्तान में होंगे चार मैच
एशियन क्रिकेट काउंसिल ने जानकारी देते हुए बताया एशिया कप 2023 31 अगस्त से 17 सितंबर 2023 तक आयोजित किया जाएगा और भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और नेपाल की टीमें कुल 13 रोमांचक एकदिवसीय मैचों में प्रतिस्पर्धा करेंगी।
टूर्नामेंट को हाइब्रिड मॉडल में होस्ट किया जाएगा, जिसमें चार मैच पाकिस्तान में होंगे और बाकी के नौ मैच श्रीलंका में खेले जाएंगे।
मुंबई। महाराष्ट्र के हिंगोली जिले के छगन बोम्बाले ने लगातार दूसरे वर्ष एजेस फेडरल लाइफ इंश्योरेंस मुंबई हाफ मैराथन के 7वें संस्करण में पुरुष हाफ-मैराथन खिताब बरकरार रखा।
22 वर्षीय बीए तृतीय वर्ष के छात्र ने 21 किमी की दूरी 1:12.14 के समय में पूरी की, जो 2022 संस्करण में उनके विजयी प्रयास से चार मिनट से अधिक का सुधार है।
महिलाओं की हाफ मैराथन (21.1 किमी) को हरियाणा के सोनीपत की 25 वर्षीय भारती ने आसानी से जीत लिया, जिन्होंने आधे चरण में बढ़त लेने के बाद 1:19.19 के विश्वसनीय समय में टेप हासिल किया। प्राजक्ता गोडबोले 1:21.08 के साथ लगभग दो मिनट पीछे रहीं जबकि प्राजक्ता शिंदे 1:21.27 के साथ तीसरे स्थान पर रहीं।
बोम्बले, जो शुरुआती चरणों में अच्छी तरह से दौड़ रहे थे, 10 किमी के निशान पर आगे बढ़े और पीछा करने वाले समूह पर एक आरामदायक बढ़त बना ली।
धीरज यादव ने इस अंतर को पाटने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन उन्हें दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा और वह 1:12.41 के साथ विजेता से आधे मिनट से भी कम समय पीछे रहे। अनंत गांवकर ने 1:14.03 में तीसरे स्थान पर पोडियम लाइन-अप पूरा किया।
इवेंट के ब्रांड एंबेसडर सचिन तेंदुलकर से अपनी ट्रॉफी और विजेता का चेक लेने के बाद उत्साहित बोम्बले ने कहा, मैं वापस आकर और दूसरी बार जीतकर बहुत खुश हूं। संगठन अच्छा था और परिस्थितियां आदर्श थीं।
एनईबी स्पोर्ट्स द्वारा आयोजित, हाफ मैराथन (21.1 किमी), समयबद्ध 10 किमी और 5 किमी की फन रन दौड़, जो बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के जियो गार्डन में शुरू और समाप्त हुई, थोड़ी बूंदाबांदी के साथ बादल भरे आसमान के नीचे दौड़ी गई। 20,000 से अधिक धावकों - गंभीर और शौकिया दोनों - ने 3 दौड़ श्रेणियों में उत्साहपूर्वक भाग लिया।
लियान (चीन)। भारत की अनाहत सिंह ने यहां 16 से 20 अगस्त तक हुई एशियाई जूनियर स्क्वाश व्यक्तिगत चैंपियनशिप के अंडर-17 वर्ग में स्वर्ण पदक जीता।
पंद्रह साल ही अनाहत ने रविवार को हुए फाइनल में हांगकांग की एना क्वोंग को 3-1 से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
अनाहत ने क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में मलेशियाई खिलाडिय़ों क्रमश: डॉयस ली और विटनी इसाबेल को हराया था।
पिछले साल थाईलैंड में दिल्ली की अनाहत ने इस प्रतियोगिता का अपना पहला स्वर्ण पदक जीता था।
अनाहत ने 2019 में मकाऊ में अंडर-13 वर्ग में भी कांस्य पदक जीता था।
अनाहत बर्मिंघम 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। वह 14 साल की उम्र में इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी थीं।
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नयी दिल्ली। एशियाई खेलों में दो रजत पदक जीतने वाली महिला एथलीट दुती चंद राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) द्वारा उन पर लगाए गए चार साल के प्रतिबंध को चुनौती देंगी।
वह नाडा की टूर्नामेंट के इतर प्रतिबंधित पदार्थ की डोप जांच में विफल रही थीं। 27 साल की दुती पर गुरुवार को प्रतिबंध लगाया गया था। इस 100 मीटर की राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी एथलीट के पिछले साल दिसंबर में लिये गये दो नमूनों में ‘अन्य एनाबोलिक एजेंट / एसएआरएमएस’ मौजूद थे जो वाडा की 2023 प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में शामिल हैं।
ये नमूने पांच और 26 दिसंबर को लिये गये थे और दोनों ही एक समान पदार्थ के पॉजिटिव पाये गये थे।
‘एसएआरएमएस’ (सलेक्टिव एंड्रोजन रिसेप्टर मोड्यूलेटर) ऐसे ‘नॉन स्टेराइड’ पदार्थ हैं जिन्हें आमतौर पर आस्टियोपोरोसिस (हड्डी संबंधित बीमारी), अनीमिया (खून की कमी) और मरीजों में जख्मों से उबरने के लिए किया जाता है।
दुती पर लगा प्रतिबंध इस साल तीन जनवरी से प्रभावी होगा और पांच दिसंबर 2022 को लिये गये पहले नमूने की इस तारीख से उनके सभी प्रतिस्पर्धी नतीजे हटा दिये जायेंगे।
दुती के वकील पार्थ गोस्वामी ने शुक्रवार को कहा कि यह खिलाड़ी अपने पूरे पेशेवर करियर में ‘क्लीन एथलीट’ (किसी भी डोपिंग से दूर) रही है और यह मामला इस पदार्थ के ‘अनजाने में सेवन’ करने का था।
दुती ने 2018 जकार्ता एशियाई खेलों में 100 मीटर और 200 मीटर स्पर्धा में रजत पदक जीते थे और उनके नाम 2021 से 100 मीटर में 11.17 सेकेंड का राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी है।
गोस्वामी ने कहा, हमारे लिये यह मामला स्पष्ट तौर पर अनजाने में प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन का है। हम इस पदार्थ का स्रोत भी स्पष्ट रूप से जान पाये जो पूरी तरह से उनके इरादे का ठोस सबूत है। इस पदार्थ का इस्तेमाल कभी भी खेल में फायदा उठाने के लिए नहीं किया गया था।
उन्होंने कहा, हम अपील दायर करने की प्रक्रिया में हैं। हमें उम्मीद है कि हम अपीलीय पैनल को यह बात समझाने में सफल रहेंगे।
दुती के वकील ने कहा, दुती भारत का गौरव हैं और वह पूरी तरह से ‘क्लीन एथलीट’ हैं। एक दशक के चमकदार करियर के दौरान दुती अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर कई डोप जांच से गुजर चुकी हैं और इतने लंबे करियर में वह कभी भी डोप के मामले में पॉजिटिव नहीं आयीं।
दुती और उनके वकील ने नाडा के डोपिंग रोधी अनुशासनात्म पैनल (एडीडीपी) के समक्ष भी दावा पेश किया था कि यह अनजाने में सेवन का मामला था।
एडीडीपी के आदेश के अनुसार, एथलीट और उनके वकील ने एनडीटीएल (राष्ट्रीय डोप जांच प्रयोगशाला) के जांच के नतीजे की रिपोर्ट से इनकार किये बिना कहा कि उन्होंने यह पदार्थ अनजाने में लिया था जो उनके फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह पर लिया गया था जिनसे यह एथलीट नियमित रूप से परामर्श लेती हैं।
इसमें कहा गया, एथलीट और उनके वकील ने प्रस्तुत किया कि यह फिजियोथेरेपिस्ट पुलेला गोपीचंद अकादमी का था जहां यह खिलाड़ी विशेष अनुमति के अंतर्गत ट्रेनिंग ले रही थीं।
दुती के वकील ने यह भी प्रस्तुत किया कि यह खिलाड़ी ‘हाइपरएंड्रोजनिक’ से पीडि़त थी जिसके कारण उनके ‘पेट में काफी तेज दर्द’ था जिसके लिए ही यह उपचार किया गया था।
एडीडीपी ने कहा कि एथलीट ने दवाई खरीदने के लिए अपने दोस्त की मदद ली जो इस मामले में गवाह भी हैं।
एडीडीपी के आदेश में कहा गया, गवाह ने बयान देने से पहले वो हलफनामा भी प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने बताया है कि वह खुद दुकान पर ‘हार्मोन असंतुलन’ के इस सप्लीमेंट को लेने गये थे लेकिन इसके विपरीत गवाह से पूछताछ में उसने खुद इस सप्लीमेंट को खरीदने की बात से इनकार किया लेकिन यह काम अपने मैनेजर को दे देने की बात कही।
इसके अनुसार, एडीडीपी के सुपुर्द किये गये दस्तावेज में दिये तथ्य और गवाह से पूछताछ में स्पष्ट विरोधाभास दिखता है इसलिये गवाह द्वारा दिये गये बयानों की विश्वसनीयता में वैध चिंतायें उठ रही हैं।
बुडापेस्ट। भारत के भाला फेंक के स्टार खिलाड़ी और ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा पिछले कुछ समय से 90 मीटर की दूरी पार करने का प्रयास कर रहे हैं और उन्होंने कहा कि वह यह लक्ष्य हासिल करने के करीब हैं और उन्हें इसके लिए केवल अनुकूल परिस्थितियों की जरूरत है।
तोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता चोपड़ा पिछले साल 90 मीटर की दूरी तक भाला फेंकने के बेहद करीब पहुंच गए थे। तब उन्होंने स्टॉकहोम में डायमंड लीग प्रतियोगिता में 89.94 मीटर भाला फेंका था।
चोपड़ा ने कहा, निश्चित तौर पर मैं इस लक्ष्य के करीब हूं। मुझे बस एक अच्छे दिन की जरूरत है जिसमें मौसम की परिस्थितियां अनुकूल हों। मुझे विश्वास है कि मैं यह लक्ष्य हासिल करने में सफल रहूंगा।
यह स्टार खिलाड़ी यहां विश्व चैंपियनशिप में भारतीय चुनौती की अगुवाई करेगा। उन्होंने कहा कि वह उनसे लगाई जा रही उम्मीदों से निपटने के आदी हो चुके हैं।
चोपड़ा ने कहा, मैं दबाव झेलने का आदी हो चुका हूं। हालांकि जब मैं हर दो या चार साल में होने वाली प्रतियोगिताओं ( जैसे विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक) भाग लेता हूं तो निश्चित तौर पर जिम्मेदारी का बोध रहता है।
उन्होंने कहा, लेकिन मैं हमेशा अपना शत-प्रतिशत देता हूं और अपने प्रदर्शन पर पूरा ध्यान लगाता हूं। पहले कुछ चीजें मुझ पर हावी हो जाती थी लेकिन धीरे-धीरे मुझे इनकी आदत पड़ गई।
चोपड़ा ने 30 जून को 87.66 मीटर भाला फेंक कर लगातार दूसरी बार प्रतिष्ठित डायमंड लीग का खिताब जीता था लेकिन वह अभी तक 90 मीटर की दूरी तक नहीं पहुंच पाए हैं।
उन्होंने कहा, प्रतियोगिताओं में भाग लेना और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाडिय़ों के सामने शीर्ष स्तर पर प्रदर्शन में निरंतरता बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है। इस साल के शुरू में मैं बहुत अच्छी तरह से तैयार था लेकिन इसके बाद मैं चोटिल हो गया जिसके कारण मुझे कुछ प्रतियोगिताओं से हटना पड़ा।
चोटिल होने के कारण एक महीने तक बाहर रहने वाले चोपड़ा ने कहा, इसके बाद मैंने लुसाने डायमंड लीग में वापसी की जहां मेरा प्रदर्शन अच्छा रहा। इसके बाद से सब कुछ अच्छा हो रहा है तथा मैं अपने प्रदर्शन और अभ्यास से खुश हूं।
उन्होंने कहा, मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों के लिए मानसिक रूप से तैयार होना है क्योंकि विश्व चैंपियनशिप करीब है और मैं उसमें अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं।
चोपड़ा ने कहा, मैं अपने दिमाग में किसी खास दूरी या पदक को लक्ष्य लेकर नहीं जा रहा हूं। मैं नहीं चाहता कि जब मैं वहां प्रतिस्पर्धा में भाग लूं तो मेरे दिमाग में चोट का डर या कोई अन्य चीज रहे। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहता हूं और अगर ऐसा होता है तो मैं पहले से बेहतर प्रदर्शन के साथ वापस लौटूंगा।