इस संघ का गठन सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए किया गया है , जिसे छत्तीसगढ़ शासन से मान्यता है, जिसका क्रमांक 2556 है तथा संपर्क हेतु न. 9301915303 है । इस संघ के गठन पर संघ के गर्वनिंग बोर्ड के सदस्यों श्रीमती एकता श्रीवास्तव, श्रीमती रजनी राकुंडे ने शासन को धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा की संघ के पास, सामाजिक अन्याय अथवा मानवाधिकार हनन सम्बन्धी तथ्य के प्रस्तुत होने पर उसे लिखित में, शासन एवं प्रशासन में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर आसीन एवं सक्षम व्यक्तियों के समक्ष संघ की ओर से प्रस्तुत किया जावेगा । साथ ही, विधि , न्याय सम्बन्धी कार्य हाथ में लेकर बेसहारा, गरीब, परित्यक्ता, विधवाओं एवं महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य किया जावेगा ।
प्रदेश के समस्त जिले एवं ब्लाक स्तर में सामाजिक न्याय हेतु प्रचार - प्रसार करना, तथा मानवाधिकार हेतु जागरूकता पैदा करना है । संघ साक्षरता एवं अनौपचारिक शिक्षा के माध्यम से मानवाधिकार के सम्बन्ध में प्रचार प्रसार करना चाहता है । इस हेतु प्रदेश के समस्त जिले एवं ब्लाक स्तर पर सामाजिक एवं मानवाधिकार संरक्षण संघ केंद्र की स्थापना की जाएगी तथा उनमें संघ द्वारा आधिकारिक नियुक्तियां भी की जावेंगी, प्रत्येक व्यक्ति इस संघ में सदस्य बन सकते है, जिसके लिए नियम एवं निहित शर्तों को पालन किया जाना अनिवार्य है । इस हेतु सदस्यता फार्म संघ के प्रधान कार्यालय में उपलब्ध हैं ।
प्रताड़ित होने वाले व्यक्तियों की समस्याओं को सुनना, आवेदन लेना तथा पीडितो को न्याय दिलाने के लिए उचित साधन एवं संसाधनों की जरुरत के अनुसार व्यवस्था कराना मूल रूप से इस संघ का कार्य होगा । पीड़ित व्यक्तिओं को न्यायिक एवं गैरन्यायिक कार्यों में विधिनुसार एवं संविधान के अनुसार आवश्यक मदद की जावेगी ।
संघ विशेष रूप से मानवाधिकार दिलाने में एवं सामाजिक न्याय प्राप्ति हेतु पीड़ित मानव की मदद करेगा तथा इस हेतु पीड़ित मानव के लिए भारतीय संविधान के तहत विधिक सहायता की व्यवस्था आवश्यकतानुसार करेगा । यदि कोई पीड़ित है, तो इस संघ से संपर्क कर सकता है ।