Social Justice Union

Nyay Sakshi

सभी से अपील की गई है की ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस संघ से जुड़कर संघ का साथ दिया जावे ताकि प्रत्येक पीड़ित मानव को न्याय मिल सके एवं एक अच्छे समाज का निर्माण किया जा सके ।

सामाजिक न्याय संघ के उद्देश्य एवं कार्यप्रणाली: -

  • प्रदेश के समस्त जिले एवं ब्लाक स्तर पर जिसमें समस्त ग्राम भी शामिल हैं, में सामाजिक न्याय हेतु प्रचार-प्रसार करना।
  • प्रदेश के समस्त जिले एवं ब्लाक स्तर पर जिसमें समस्त ग्राम भी शामिल हैं, में मानवाधिकार हेतु जागरुकता पैदा करना।
  • साक्षरता एवं अनौपचारिक शिक्षा के माध्यम से मानवाधिकार के सम्बन्ध में प्रचार प्रसार करना तथा इस हेतु प्रदेश के समस्त जिले एवं ब्लाक स्तर पर जिसमें समस्त ग्राम भी शामिल हैं, में सामाजिक एवं मानवाधिकार संरक्षण संघ केन्द्र की स्थापना करना तथा उनमें संघ की ओर से आधिकारिक नियुक्तियाॅं करना।
  • मानवाधिकार दिलाने में मदद करना तथा इस हेतु विधिक सहायता की व्यवस्था करना।
  • सामाजिक न्याय प्राप्ति के लिए भी विधिक सहायता दिलाना एवं उक्त हेतु भारतीय संविधान के तहत् आवश्यकतानुसार विधिक सेवा की व्यवस्था करना।
  • पूरे प्रदेश में महिलाओं के अधिकार, श्रमिकों के अधिकार, आदिवासियों के अधिकार, हरिजनों एवं पिछड़ा वर्ग के अधिकारों के सम्बंध में विधिक एवं संवैधानिक रीति के कार्यक्रमों को संचालित किया जाना तथा अधिकारों के बारे में कार्यक्रम का निर्माण करना तथा उन पर कार्य करना।
  • पर्यावरण संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण सम्बंधी चेतना का प्रयत्न करना।
  • समाज में सामाजिक न्याय एवं मानवाधिकार संरक्षण हेतु चेतना जगाने के लिए इलेक्ट्रानिक मीडिया, समाचार-पत्र (प्रिंट मीडिया) , टी.वी. , आकाशवाणी, कम्प्यूटर वेब साईट् का सहारा लेना तथा विज्ञापन करना, इसके साथ ही वैचारिक संगोष्ठि, गोष्ठि ,सेमिनार, प्रदर्शनियों द्वारा इस कार्य को किए जाने हेतु तत्पर होना।
  • प्रताडि़त होने वाले व्यक्तियों की समस्याओं को सुनना, आवेदन लेना तथा पीडि़तो कोे न्याय दिलाने के लिए उचित साधन एवं संसाधनों की जरुरत के अनुसार आवश्यकतानुसार व्यवस्था कराना।
  • शासन एवं प्रशासन में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर आसीन् को पत्रों के माध्यम से अवगत कराना। शासन एवं प्रशासन में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर आसीन् व्यक्तियों से समय लेकर मुलाकात निश्चित करना तथा पीडि़त पक्ष को न्याय दिलाने में समस्त सहायता कराना।
  • संघ के पास, सामाजिक अन्याय अथवा मानवाधिकार हनन सम्बंधी तथ्य के प्रस्तुत होने पर उसे लिखित में, शासन एवं प्रशासन में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर आसीन् एवं सक्षम व्यक्तियों के समक्ष संघ की ओर से प्रस्तुत करना तथा न्यायोचित क्रियांन्वयन निर्धारित कराना, ताकि पीडि़त को न्याय प्राप्त हो सके।
  • समान उद्देश्यों वाली अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय, सरकारी अथवा गैर सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर कार्य करना तथा विधि, न्याय सम्बंधी कार्य हाथ में लेना, जिससे कि उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति की जा सके।
  • बेसहारा, गरीब, परित्यक्ता, विधवाओं एवं महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य करना तथा जरुरी होने पर उनके लिए विधिक सहायता दिलाना।
  • पीडि़त व्यक्तियों को न्यायिक एवं गैर न्यायिक कार्यो में विधिनुसार संविधान के अनुसार आवश्यक मदद करना/कराना एवं मदद के लिए उचित संसाधनों की व्यवस्था करना/कराना।
  • साक्षरता एवं अनौपचारिक शिक्षा के माध्यम से भारतीय संविधान का प्रचार प्रसार करना, शासन की योजनाओं को जनता तक पहुॅंचाना एवं इस हेतु उपयुक्त केन्द्रों की स्थापना करना तथा उचितरीति से विधि सम्बंधी कार्यो को संचालित करते हुए न्याय दिलाने हेतु पीडि़त को हर संभव मदद करना।
  • प्रदेश में महिलाओं एवं श्रमिकों के कानूनी अधिकार, विधिक साक्षरता के लिए केन्द्रों तथा शैक्षिक संस्थानों की स्थापना करना, आदिवासियों, हरिजनों एवं पिछड़ा वर्ग के लोगो के लिए विधि सलाहकार नियुक्त करना एवं सम्बंधित विधि के तहत् न्याय प्रदान कराने हेतु प्रयास कराना।
  • औपचारिक तथा अनऔपचारिक विधिक शिक्षा के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का निर्माण करना तथा उन पर कार्य करना। पर्यावरण संरक्षण एवं पर्यावरण विषय सम्बंधी चेतना पर विधि के तहत् प्रयत्न करना।
  • संवैधानिक शिक्षा एवं सामाजिक विकास से सम्बंधित रिसर्च कार्यक्रम हाथ में लेना तथा समान उददेश्यों वाली अंतराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाओं के साथ काम करना तथा ऐसे सभी कार्य हाथ में लेना जिससे कि उपरोक्त उददेश्यों की पूर्ति की जा सके।
  • सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए कार्यशाला का आयोजन करना एवं उसके लिए विधिक संसाधनों को सुचारु रुप से जनजागरण हेतु संस्थित करना।
  • देश की महान विभूतियों के सम्मान में कार्यक्रय आयोजित करना एवं उनके द्वारा किए गए कार्यो को याद करके जनजागरण में चेतना जगाना।
  • सामाजिक कार्यो में रुचि अनुसार सेमिनार का आयोजन करना, सामाजिक विकास हेतु समस्त व्यक्तियों को समर्थन करना, सहयोग प्रदान करना।
  • सामाजिक न्याय संघ के लिए पूरे छत्तीसगढ़ में सदस्यों की नियुक्तियाॅं करना तथा उनके माध्यम से प्रत्येक पीडि़त तक  पहुँचना एवं उसको उचित सहायता कराना।