खेल-खिलाड़ी

सबसे उम्रदराज़ टेस्ट क्रिकेटर एलीन ऐश का 110 वर्ष की उम्र में निधन
Posted Date : 06-Dec-2021 3:45:30 am

सबसे उम्रदराज़ टेस्ट क्रिकेटर एलीन ऐश का 110 वर्ष की उम्र में निधन

लंदन । सबसे उम्रदराज़ टेस्ट क्रिकेटर एलीन ऐश का 110 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उनके निधन पर इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
ऐश ने 1937 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ इंग्लैंड के लिए टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और कुल सात टेस्ट खेले। 1949 में रिटायर होने से पहले उन्होंने 23.00 के औसत से 10 विकेट झटके थे। अपने खेल जीवन के बीच उन्हें ब्रिटेन की खुफिया ऐजेंसी एमआई 16 में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान शामिल किया गया था।
अपने अंतिम दिनों में ऐश एक प्रसिद्ध व्यक्तित्व थी। लॉर्ड्स में अक्सर खेल शुरू होने से पहले घंटी बजाई जाती है। 2017 में महिला विश्व कप के फ़ाइनल दौरान लॉर्डस में खेल शुरू होने से पहले उन्होंने ही घंटी बजाई थी। उस मैच में इंग्लैंड महिला टीम ने भारतीय टीम को हराया था। इसके ठीक दो साल बाद एमसीसी ने उनकी एक तस्वीर का अनावरण भी किया था।
ईसीबी के महिला क्रिकेट के प्रबंध निदेशक और एमसीसी के अध्यक्ष क्लेयर कॉनर ने कहा, हमारा खेल एलीन जैसी खिलाडिय़ों के प्रति काफ़ी ऋणी है। मुझे आज उन्हें अलविदा कहते हुए बहुत दुख हो रहा है।
उन्होंने कहा, हीदर नाइट ( इंग्लैंड कप्तान) और मैं 2017 आईसीसी महिला विश्व कप से लगभग छह महीने पहले एलीन से मिलने गए थे। वह उस समय 105 वर्ष की थीं और यह सबसे उल्लेखनीय अनुभवों में से एक था। एलीन ने हीदर को योग सिखाया, हमने स्नूकर खेला और चाय पी। उस वक़्त उन्होंने हमें कुछ अद्भुत कहानियों से रूबरू कराया, जिसमें यह भी शामिल है कि कैसे उन्होंने 1949 में सिडनी में एक फ्रांसीसी रेस्तरां में सर डोनाल्ड ब्रैडमैन से अपने बल्ले पर हस्ताक्षर करवाया था। मुझे पता है कि हम में से कोई भी उस दिन को कभी नहीं भूल पाएगा, यह बहुत ख़ास था।
उन्होंने आगे कहा, हमारी संवेदनाएं और प्रार्थना एलीन के परिवार के साथ हैं। वे एक अद्भुत महिला को खोने से काफ़ी दु:खी होंगे।

थाईलैंड के खिलाफ मुकाबले से एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी अभियान शुरू करेगी भारतीय महिला हॉकी टीम
Posted Date : 06-Dec-2021 3:44:56 am

थाईलैंड के खिलाफ मुकाबले से एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी अभियान शुरू करेगी भारतीय महिला हॉकी टीम

डोंगहे । भारतीय महिला हॉकी टीम अपने एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट अभियान की शुरुआत थाईलैंड के खिलाफ मुकाबले के साथ करेगी जो कोरिया के डोंगहे में पांच से 12 दिसंबर तक आयोजित होगा।
2018 की उप विजेता भारतीय टीम इस सिंगल पूल टूर्नामेंट में थाईलैंड के अलावा चीन, कोरिया, जापान और मलेशिया से भिड़ेगी।
बेंगलुरु में रिहैबिलिएटेशन कर रही नियमित कप्तान रानी रामपाल की अनुपस्थिति में टूर्नामेंट में टीम का नेतृत्व करने वाली गोलकीपर सविता पुनिया ने एक बयान में कहा,  टीम का ध्यान अभी अच्छी शुरुआत करने पर है। ओलंपिक के बाद यह हमारी पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा है और पहले मैच को लेकर हमेशा कुछ हिचकिचाहट होगी, लेकिन हमने अच्छी तैयारी की है और हम चुनौती के लिए तैयार हैं। हम मेजबान कोरिया से कड़ी चुनौती की उम्मीद कर रहे हैं और निश्चित रूप से हम चीन या जापान को हल्के में नहीं ले सकते हैं जो एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता हैं। डोंगहे में पहुंचने के बाद हम यहां की पिच पर कुछ अच्छे अभ्यास सत्रों से गुजरे ताकि हम खुद को यहां ढाल सकें। यहां अच्छी सुविधा है और हम इस पिच की परिस्थितियों के लिए नए नहीं हैं, हालांकि मौसम काफी ठंडा है और इसकी आदत डालना शुरू में एक चुनौती हो सकती है। 
सविता ने 2022 में व्यस्त कार्यक्रम से पहले इस टूर्नामेंट के महत्व पर भी प्रकाश डाला। भारतीय टीम इस टूर्नामेंट के बाद 2022 में एशिया कप खिताब डिफेंड करेगी और एशियाई खेलों में शीर्ष स्थान के लिए भी प्रयास करेगी, ताकि वह पेरिस ओलंपिक के लिए अपना स्थान सुनिश्चित कर सके। कप्तान ने कहा,  मैच जीतना हमेशा आत्मविश्वास की भावना पैदा करता है और इस दौरे के लिए हमारे पास कुछ युवा खिलाड़ी हैं जो पहली बार इस स्तर पर खेलेंगे। हम एक अच्छे टूर्नामेंट की उम्मीद कर रहे हैं और हर कोई शुरुआत करने के लिए उत्सुक है। 
उल्लेखनीय है कि थाईलैंड के बाद भारतीय टीम छह दिसंबर को मलेशिया, आठ दिसंबर को मेजबान एवं गत चैंपियन कोरिया, नौ दिसंबर को चीन और 11 दिसंबर को आखिरी मुकाबले में जापान से भिड़ेगी। प्रतियोगिता का फाइनल 12 दिसंबर को पूल के टॉपर और दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम के बीच होगा।

सिंधू आखिरी ग्रुप मैच हारीं, पर सेमीफाइनल खेलेंगी
Posted Date : 05-Dec-2021 5:17:35 am

सिंधू आखिरी ग्रुप मैच हारीं, पर सेमीफाइनल खेलेंगी

बाली,04 दिसंबर । भारतीय स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू शुक्रवार को बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर फाइनल 2021 टूर्नामेंट में अपना आखिरी ग्रुप चरण मैच हार गईं। वह हालांकि सेमीफाइनल में खेलेंगी, क्योंकि उन्होंने इससे पहले दो मैच जीते हैं।
सिंधू को शुक्रवार को आखिरी ग्रुप चरण मुकाबले में थाईलैंड की पोर्नपावी चोकुवांग से 12-21, 19-21, 21-14 से हार का सामना करना पड़ा। चोकुवांग ने लगातार तीसरी जीत के साथ ग्रुप की शीर्ष खिलाड़ी के तौर पर ग्रुप चरण अभियान समाप्त किया। वह भी सेमीफाइनल में पहुंच चुकी हैं।
उल्लेखनीय है कि मौजूदा विश्व विजेता पीवी सिंधू ने इससे पहले अपने दो ग्रुप चरण मैचों में डेनमार्क की लिन क्रिस्टोफरसन को 21-14, 21-16 और जर्मनी की यवोन ली को 21-10, 21-13 से हराया था।
इस बीच भारत के युवा खिलाड़ी लक्ष्य सेन को अपने आखिरी मैच में डेनमार्क के रास्मस गेमके से वाकओवर मिल गया। लक्ष्य पहले ही सेमीफाइनल में पहुंच चुके थे। लक्ष्य हालांकि कल ग्रुप में नंबर एक रहे शीर्ष खिलाड़ी डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन से हार गए थे लेकिन वह ग्रुप में दूसरे नंबर पर रहकर पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचने में कामयाब रहे। एक अन्य भारतीय पुरुष खिलाड़ी किदाम्बी श्रीकांत को अपने आखिरी ग्रुप मैच में नंबर दो सीड मलेशिया के ली जी जिया से 37 मिनट में 19-21, 14-21 से हार का सामना करना पड़ा।
पुरुष युगल में भारत के सात्विकसैराज रेंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने अपने अंतिम मैच में विपक्षी जोड़ी को वाकओवर दे दिया जबकि अश्विनी पोनप्पा और एन सिक्की रेड्डी ने अपना अपना अंतिम ग्रुप मैच जीत लिया। भारतीय महिला जोड़ी अपने पहले दोनों मैच हारने के कारण सेमीफाइनल की होड़ से बाहर हो चुकी थी।

सिंधू दूसरी जीत के साथ सेमीफाइनल में, श्रीकांत और लक्ष्य हारे
Posted Date : 04-Dec-2021 4:55:19 am

सिंधू दूसरी जीत के साथ सेमीफाइनल में, श्रीकांत और लक्ष्य हारे

बाली ,03 दिसंबर । भारतीय स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने गुरूवार को यवोन ली को हराकर लगातार दूसरी जीत दर्ज करने के साथ बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर फाइनल 2021 टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंच गयीं जबकि किदाम्बी श्रीकांत और लक्ष्य सेन को हार का सामना करना पड़ा।
सिंधू ने जहां अपने पहले ग्रुप ए चरण मैच में डेनमार्क की लिन क्रिस्टोफरसन को 21-14, 21-16 से हराया था और आज उन्होंने जर्मनी की यवोन ली को मात्र 31 मिनट में 21-10, 21-13 से पराजित कर ग्रुप में शीर्ष स्थान हासिल कर लिया। सिंधू के ग्रुप में भारतीय खिलाड़ी और थाईलैंड की पोर्नपावी चोकुवांग ने अपने दोनों मैच जीते हैं जबकि उनके बीच शुक्रवार को होने वाले मैच से ग्रुप की शीर्ष खिलाड़ी का फैसला होगा।
श्रीकांत ने पुरुष एकल के ग्रुप बी के अपने पहले मैच में फ्रांस के तोमा जूनियर पोपोव को 21-14, 21-16 से हराया था लेकिन गुरूवार को उन्हें थाईलैंड के कुनलावुत वितिदशार्ण ने 46 मिनट में 21-18, 21-7 से हराकर ग्रुप में पहली जीत हासिल की। श्रीकांत का कल मलेशिया के दूसरी सीड ली जी जिया से मुकाबला होगा जिससे इस ग्रुप के सेमीफाइनल में जाने वाले खिलाडिय़ों का फैसला होगा। लक्ष्य को नंबर एक डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन ने 46 मिनट में 21-15, 21-14 से हरा दिया।
अश्विनी पोनप्पा और एन सिक्की रेड्डी की भारतीय महिला जोड़ी को महिला युगल ग्रुप बी में लगातार दूसरी हार का सामना करना पड़ा जबकि सात्विक सैराज रेंकी रेड्डी और चिराग शेट्टी की भारतीय पुरुष युगल जोड़ी ने अपनी विपक्षी को वाकओवर दे दिया।

बायो-बबल युग में मानसिक रूप से खुद की देखभाल करने की आवश्यकता है : विराट
Posted Date : 04-Dec-2021 4:54:40 am

बायो-बबल युग में मानसिक रूप से खुद की देखभाल करने की आवश्यकता है : विराट

मुंबई ,03 दिसंबर । एक महीने के ब्रेक के बाद भारतीय टीम में वापसी करने वाले कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि क्रिकेट के बायो-बबल वाले युग में मानसिक रूप से खुद की देखभाल करने की आवश्यकता है। विराट ने टी20 विश्व कप के बाद न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ खेले जाने वाली टी20 सीरीज़ और दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला में पहले टेस्ट से विश्राम लेने का निर्णय लिया था। इस दौरान उन्होंने अपने बल्लेबाज़ी की तकनीक और खेल से जुड़े अन्य पहलुओं पर काफ़ी काम किया। कानपुर में जब भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच टेस्ट मैच चल रहा था तब विराट मुंबई में पूर्व बल्लेबाज़ी कोच संजय बांगर के साथ अपनी बल्लेबाज़ी पर काम कर रहे थे। वह पूरी तरह से तरोताज़ा होकर वापस आए हैं। क्रिकेट के बायो-बबल वाले युग में मानसिक रूप से खुद की देखभाल करने की आवश्यकता पर उन्होंने जोर दिया। विराट ने मुंबई टेस्ट से एक दिन पहले बुधवार को कहा, यह समझना बहुत जरूरी है कि मानसिक रूप से खुद को तरोताज़ा रखना महत्वपूर्ण है।
कप्तान ने कहा,कोविड काल में जब से क्रिकेट में बायो बबल अनिवार्य हुआ है, तब से कई खिलाडिय़ों ने इस बारे में बात की है कि बायो बबल में रह कर क्रिकेट खेलना कितना मुश्किल है। इस दौरान हमारे खिलाडिय़ों और मैनेजमेंट की बीच में एक बढिय़ा तालमेल विकसित हुआ है। हमने एक दूसरे के साथ वर्कलोड को कैसे मैनेज करना है और मानसिक स्वास्थ्य पर काफ़ी बातचीत की है।
विराट ने कहा, एक ऐसी जगह पर अभ्यास करना जहां आप एक बंधे हुए वातावरण में नहीं हैं या 50 कैमरे आपके आस-पास ना हो... ऐसा हम पहले कर सकते थे। ऐसी परिस्थिति में हम ऐसा समय निकालने में सक्षम रहते थे, जहां आप अपने गेम पर अकेले काम कर सकते थे। हम कुछ समय के लिए ऑफ़ ले सकते थे, ताकि हम अपने के बारे में सोच सके या खुद को समय दे सकें। इन सब चीज़ों से काफ़ी फर्क़ पड़ता है।
उन्होंने कहा,क्रिकेट की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए, क्रिकेटरों की क्षमता को अधिकतम करने के लिए, खिलाडिय़ों को एक बेहतर जगह पर रखना, उन्हें स्पेस देना, जैसी चीज़ों पर विचार करना बहुत महत्वपूर्ण है। यह न केवल हमारी टीम के लिए बल्कि विश्व के सभी खिलाडिय़ों के लिए लागू होना चाहिए। दुनिया भर में खिलाड़ी अपने वर्कलोड को शारीरिक दृष्टिकोण से देखने के बजाय मानसिक दृष्टिकोण से मेनेज करने की सोच रहे हैं।
विराट अब बिना शतक के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के दो साल पूरे कर चुके हैं। इस अवधि में महामारी और उनके पितृत्व अवकाश (पैटरनिटी लीव)का भी ब्रेक शामिल है, लेकिन एक शतक बनाने के लिए कभी भी कोहली ने 12 टेस्ट और 15 एकदिवसीय मैचों का लंबा इंतज़ार नहीं किया है। उनसे पूछा गया कि इस सप्ताह के दौरान क्या उन्हें ऐसा लगा कि उन्हें कुछ ख़ास काम करने की जरूरत है? नहीं, कोहली ने कहा।
यह सिर्फ लाल गेंद वाले क्रिकेट खेलने की लय में रहने के लिए था। यह सिफऱ् दो क्रिकेट प्रारूपों के बीच स्विच करने के लिए एक निश्चित स्ट्रक्चर में आने के लिए था। मैंने अपने ब्रेक के दौरान यही प्रयास किया है कि एक फ़ॉर्मेट से दूसरे फ़ॉर्मेट में आने के लिए उसके प्रति अनुकुलित हुआ जाए। यह मेरी बल्लेबाज़ी पर काम करने के लिए नहीं था बल्कि मानसिक रूप से तैयार होने के बारे में था। आप जितना अधिक क्रिकेट खेलते हैं, आप अपने खेल को उतना ही अधिक समझते हैं। यह सिफऱ् उस मूड में पहुंचने के बारे में है जिसे आप एक निश्चित प्रारूप में, एक निश्चित तरीके से खेलना चाहते हैं। यह विशुद्ध रूप से उसी पर आधारित था।

रामकुमार रामनाथन ने जीता पहला एटीपी चैलेंजर खिताब
Posted Date : 01-Dec-2021 4:11:59 am

रामकुमार रामनाथन ने जीता पहला एटीपी चैलेंजर खिताब

मनामा  । भारतीय टेनिस खिलाड़ी रामकुमार रामनाथन ने यहां एटीपी80 मनामा टूर्नामेंट में रूस के एवगेनी कार्लोवस्की को हराकर अपना पहला एटीपी चैलेंजर एकल खिताब जीता।
टूर्नामेंट में छठी वरीयता प्राप्त रामनाथन ने कार्लोवस्की को 68 मिनट तक चले मुकाबले में 6-1, 6-4 से हराकर खिताब अपने नाम किया। रामनाथन ने युगल स्पर्धा में अर्जुन काधे के साथ चुनौती दी, लेकिन उन्हें सेमीफाइनल में नूनो बोर्गेस और फ्रांसिस्को कैब्रल की पुर्तगाली जोड़ी से 6-3, 1-6, 10-7 से हार का सामना करना पड़ा।
उन्होंने टूर्नामेंट के पहले दौर में यूक्रेन के व्लादिस्लाव ओरलोव, दूसरे दौर में क्रोएशिया के ड्यूज अजदुकोविक को हराया, जबकि चर्टर फाइनल में पुर्तगाल के गोंकालो ओलिवेरा को पछाड़ा और सेमीफाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के जे क्लार्क को पराजित किया।
उल्लेखनीय है कि 27 वर्षीय रामनाथन 2009 में पेशेवर टेनिस खिलाड़ी बने थे और तब से उन्होंने छह बार चैलेंजर फाइनल खेला, लेकिन हर बार हार का सामना किया। उन्होंने इस साल जुलाई में कैरी चैलेंजर्स में आखिरी चैलेंजर फाइनल खेला था।
अपनी पहली एटीपी चैलेंजर्स खिताब जीत के साथ रामनाथन ने 80 रैंकिंग अंक अर्जित किए हैं। 186 की एटीपी विश्व रैंकिंग के साथ वह अब सर्वोच्च रैंक वाले भारतीय बन गए हैं। उन्होंने प्रजनेश गुणेश्वरन और सुमित नागल को पीछे छोड़ दिया है जो क्रमश: 215वें और 219वें स्थान पर हैं।