मुख्यमंत्री द्वारा स्वामी आत्मानंद मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना अंतर्गत प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का हुआ सम्मान
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने रायगढ़ जिले के छात्र कमलेश्वर प्रधान और निशा पटेल से की बात, उज्ज्वल भविष्य की दी शुभकामनाएं
रायगढ़, 23 मई2021/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह के वर्चुअल कार्यक्रम में माध्यमिक शिक्षा मंडल की वर्ष 2019 एवं वर्ष 2020 की 10वीं एवं 12वीं बोर्ड की परीक्षा में प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त करने वाले 159 मेधावी छात्र-छात्राओं एवं विशेष पिछड़ी जनजाति के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को स्वामी आत्मानंद मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत मेडल और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने सभी प्रतिभावान छात्र-छात्राओं सहित उनके पालकों और शिक्षकों को बधाई और शुभकामनाएं दी। स्वामी आत्मानंद मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को 1.50 लाख रूपए की राशि दी जाती है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रतिभा सम्मान समारोह का यह पल अत्यंत गौरवशाली है। उन्होंने कहा कि शिक्षा से ही जीवन लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। इससे जीवन को सकारात्मक दिशा मिलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सब देश और प्रदेश के भविष्य हैं। उन्होंने प्रतिभावान विद्यार्थियों से ज्ञान-विज्ञान, कला, संस्कृति, प्रशासन सहित सभी क्षेत्रों में विकास के नए आयाम स्थापित करने का आव्हान किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान सभी विद्यार्थियों से एक-एक कर उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि और उनके जीवन लक्ष्य के बारे में भी जानकारी ली।
रायगढ़ से इस कार्यक्रम में कलेक्टर श्री भीम सिंह, सीईओ जिला पंचायत डॉ.रवि मित्तल, जिला शिक्षा अधिकारी श्री आर.पी.आदित्य, डीएमसी श्री रमेश देवांगन की गरिमामयी उपस्थिति में मेधावी छात्र-छात्राओं को कलेक्टर श्री सिंह ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने बच्चों से चर्चा की और उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित होने पर बधाई दी। कलेक्टर ने कहा कि प्रावीण्य सूची में स्थान बनाना बड़े गौरव का विषय है। आगे भी खूब मन लगाकर पढ़ाई करें और सफलता की नयी उचाइयां छूते रहें।
सीएम से क्या कहा जिले के मेधावी छात्र-छात्राओं ने
वर्ष 2020 में कक्षा 12 वीं में प्रथम आए मेधावी छात्र श्री कमलेश्वर प्रधान तथा वर्ष 2019 में कक्षा दसवीं में प्रथम आई कुमारी निशा पटेल से मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से चर्चा की। चर्चा के दौरान मेधावी छात्र कमलेश्वर प्रधान ने सीएम से कहा कि वह आगे चलकर आईएएस बनना चाहता है। वहीं कुमारी निशा ने कहा कि वह डॉक्टर बनना चाहती है। जिस पर सीएम ने बच्चों को उनके लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए शुभकामनाएं दी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जिले के मेधावी छात्र-छात्राओं से बातचीत की। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जिले के मेधावी छात्र-छात्राओं से जीवन में उनके लक्ष्य व सपनो के विषय में जानकारी लेते हुएए उन्हें और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित किया एवं सभी छात्र- छात्राओं को उनकी मेहनत और सफलता के लिए बधाइयाँ दी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सभी मेधावी छात्र छात्राओं को अपने परिवार व आस-पड़ोस के अन्य छात्र-छात्राओं को भी और अधिक मेहनत कर शिक्षा के क्षेत्र में लगातार आगे बढऩे के लिए प्रेरित करने को कहा।
इन छात्र-छात्राओं का हुआ सम्मान
आज जिले के जिन मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया उनमें कक्षा दसवीं से कुमारी निशा पटेल अभिनव विद्या मंदिर पुसौर रायगढ़ (स्वर्ण पदक), रानी भगत जिंदल आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय किरोड़ीमल नगर रायगढ़, अदिति प्रधान अभिनव विद्या मंदिर स्कूल पुसौर रायगढ़, युगल किशोर नायक आदर्श ग्राम्य भारती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आमगांव रायगढ़, जिंदल आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय किरोड़ीमल नगर रायगढ़ से श्री राज सिंह एवं कुमारी भावना पटेल, सुशील कुमार पटेल सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बरमकेला रायगढ़, रामसिंह बिरहोर (बिरहोर विशिष्ट पिछड़ी जनजाति)व वर्ष 2019 कक्षा बारहवीं से श्री सुंदरलाल प्रधान आदर्श ग्राम्य भारती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पुसौर रायगढ़, कुमारी बिंदिया चौधरी मोना मॉडर्न उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बरमकेला (स्वर्ण पदक), सीमा प्रधान शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरिया, नरेश चौहान अभिनव विद्या मंदिर पुसौर तथा वर्ष 2020 कक्षा दसवीं से महेश गुप्ता अभिनव विद्या मंदिर पुसौर, कुमारी कुंती साव शासकीय हाई स्कूल बड़े हरदी, जिंदल आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय किरोड़ीमल नगर रायगढ़ से कुमारी पीयू माइती एवं मानस रंजन हाइबुरु, कुमारी उमेश्वरी पटेल शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नवापारा टेण्डा, कुमारी खुशी पाण्डेय जिंदल आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय किरोड़ीमल नगर, श्री शुभम साहू सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तमनार, कुमारी आरती बिरहोर (विशेष पिछड़ी जनजाति), शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खडग़ांव रायगढ़ तथा वर्ष 2020 कक्षा बारहवीं से श्री कमलेश्वर प्रधान आदर्श ग्राम्य भारती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पुसौर, मुख्य सूची विज्ञान संकाय में (स्वर्ण पदक)एवं श्री विनोद पटेल मोना मॉडर्न उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बरमकेला (स्वर्ण पदक) से सम्मानित किए गए।
राजस्व अधिकारियों की वर्चुअल समीक्षा बैठक आयोजित
रायगढ़, 23 मई2021/ कलेक्टर श्री भीम सिंह ने राजस्व अधिकारियों की वर्चुअल बैठक ली। कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक में नजूल पट्टों की भूमि को फ्री होल्ड करने, 7500 वर्गफूट भूमि के व्यवस्थापन तथा शहरी स्लम पट्टों के नवीनीकरण व फ्री होल्ड के प्रकरणों की समीक्षा की। कलेक्टर श्री सिंह ने सभी एसडीएम को निर्देशित करते हुए कहा कि नजूल भूमि के संबंध में शासन की फ्री होल्ड और व्यवस्थापन योजना के साथ पट्टों के नवीनीकरण प्रकरणों में तेजी से कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने लंबित प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाने एवं राजस्व संबंधी योजनाओं के क्रियान्वयन में पूरी गंभीरता के साथ कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण यह कार्य धीमा हुआ है लेकिन आने वाले माह में इस कार्य को पूरी गंभीरता के साथ करना है।
कलेक्टर श्री सिंह ने मकान क्षति एवं पशु हानि के प्रकरणों पर पात्र व्यक्तियों को तत्काल मुआवजा वितरण करने तथा असामायिक मृत्यु के प्रकरणों में भी उनके वारिसानों को अविलंब सहायता राशि स्वीकृत करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों को पेडिंग न रखे।
कलेक्टर श्री सिंह ने गांव के कृषकों के बीच रागी फसल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये कहा। ताकि उनको अधिक से अधिक आय प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत सामान्य धान एवं दलहन-तिलहन में जो राशि मिल रही है। उससे अधिक लाभ किसानों को रागी फसल के उत्पादन से मिलेगी। जिला प्रशासन किसानों से 45 रुपये में रागी खरीदेगी। जिसका उपयोग आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को पोषण आहार देने में किया जाएगा। इसलिये रागी फसल लेने के लिये किसानों को प्रोत्साहित कराये।
कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए गाइडलाइन्स का सख्ती से करवायें पालन
कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए लगातार गाइडलाइन्स का पालन करवाना सुनिश्चित करना होगा। गांवों में संक्रमण के मामले अभी बढ़े है। हमें किसी भी तरह से लापरवाही नहीं करनी है। गांवों से प्राय:यह शिकायत सामने आ रही है कि होम आईसोलेटेड मरीज अपने घर से बाहर निकलकर घूम रहे है। उन्होंने सभी एसडीएम को विशेष रूप से इसकी निगरानी रखने के लिये कहा कि कोई भी पॉजिटिव मरीज ऐसा करते पाये जाते है तो उन पर सचिव के माध्यम से जुर्माना कराये और उन्हें समझाईश दें कि आपके ऐसा करने पर और भी लोग संक्रमित होंगे।
गांव में होम आईसोलेटेड कोविड पाजिटिव मरीज तालाब या अन्य सार्वजनिक जगहों पर नहाने न जाये इस बात का विशेष ध्यान रखें। बिना संक्रमित गांव वाले भी बाहर जब निकले तो हमेशा मॉस्क लगाकर निकले। शादी एवं अत्येष्टि के अलावा गांव में किसी भी कार्यक्रम के लिये शासन के निर्देशों के अनुसार कार्य करना है। वैवाहिक कार्यक्रम में वर-वधु दोनों पक्षों के लोगों का कोविड टेस्ट कराना है नेगेटिव आये लोगों को ही सम्मिलित होने की अनुमति होगी।
कलेक्टर श्री भीम सिंह ने गांवों में ऑक्सीमीटर की सुविधा बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि प्राय: गांवों से डेथ के कई केस सामने आ रहे है। जिसका मुख्य कारण उनका लेट से हास्पिटल में इलाज के लिये आना। उन्होंने सभी एसडीएम को कहा कि सभी गांवों में कम से कम 10-12 ऑक्सीमीटर उपलब्ध हो। जहां-जहां जरूरत हो वहां पर प्रयोग करें। ताकि गंभीर मरीज जल्द से जल्द हॉस्पिटल पहुंचे।
चलाना है कोरोना मुक्त गांव अभियान
कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिये कोरोना मुक्त गांव अभियान चलाना है। इसके अंतर्गत जिस गांव में कोरोना के मामले नहीं हो उस गांव को कोरोना फ्री गांव का दर्जा दें। साथ ही जहां कोरोना के केसेस है वहां संक्रमण के नियंत्रण के लिये विशेष प्रयास करें। माईन्स तथा उद्योग वाले इलाकों में कोरोना संक्रमण को कंट्रोल करने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतें। जिस गांवों में 50 से ज्यादा केस सामने आ रहे है, वहां कन्टेनमेंट नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें तथा संक्रमण बढऩे के कारणों की समीक्षा करते हुए तत्काल जरूरी कदम उठाएं। रेलवे एवं बाहर से फैक्ट्री में आने वाले लोगों को क्वारेंटीन करें एवं बार्डर में लगातार निगरानी रखें व चेकिंग करते रहे। कोरोना के संबंध ग्रामीण इलाकों में जागरूकता के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है ताकि वे गांव वालों को वैक्सीनेशन की जानकारी देंगे एवं कोविड का पालन करवायेंगे। इसका नियमित रूप से मॉनिटरिंग करें।
इस अवसर पर एडीएम श्री राजेन्द्र कटारा, अपर कलेक्टर श्री आर.ए.कुरूवंशी, सभी एसडीएम, तहसीलदार एवं राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारी वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जुड़े रहे।
किसानों को गोधन न्याय योजना का लाभ दिलाने में हमारा जिला दूसरे नंबर पर
21 मई को हुए भुगतान में जिले के पशुपालकों को मिले 1 करोड़ रुपए
कलेक्टर श्री भीम सिंह योजना के क्रियान्वयन की कर रहे लगातार मॉनिटरिंग
रायगढ़, 23 मई2021/ लगभग 50 हजार क्विंटल गोबर की खरीदी कर और लगभग एक करोड़ रुपये किसानों के खाते में देकर रायगढ़ जिला गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन में दूसरे स्थान पर है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 21 मई को गोधन न्याय योजना के पिछले चार चक्रों की राशि पशुपालकों के खाते में अंतरित की। जिसके तहत 01 करोड़ रुपए जिले के पशुपालकों को मिले। कोरोना महामारी से उपजे हालातों के बीच योजना से पशुपालकों को सीधा मिल रहा आर्थिक लाभ उनके लिए बड़ी राहत की बात है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के इस महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन हेतु कलेक्टर श्री भीम सिंह के मार्गदर्शन में जिले में व्यापक स्तर पर कार्य किया गया है। जिला पंचायत तथा कृषि विभाग द्वारा गोधन न्याय योजना में किसानों को प्रेरित करने तथा उन्हें इसका लाभ दिलाने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाया गया है। इसका जमीनी असर दिख रहा है और रायगढ़ जिले ने पूरे प्रदेश में गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन में द्वितीय स्थान हासिल किया है। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर श्री भीम सिंह लगातार गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वह गोबर खरीदी के साथ ही कंपोस्ट खाद बनाए जाने की प्रक्रिया के संबंध में भी लगातार बैठक कर विभागीय अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं। गौठानों का नियमित भ्रमण कर योजना के धरातलीय क्रियान्वयन का निरीक्षण करते रहे हैं। कलेक्टर श्री सिंह ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि गोधन न्याय योजना मूल रूप से गौठान को स्वावलंबी बनाने की योजना है। गौठान के स्वावलंबी होने से किसानों की आय वृद्धि में मदद मिलेगी इसके साथ ही जैविक खेती को भी बढ़ावा देने में सहयोग मिलेगा। उल्लेखनीय है कि बड़े पैमाने पर किसान गोधन योजना का लाभ लेने आगे आ रहे हैं। वे गोबर बेच रहे हैं और इससे उन्हें अतिरिक्त आय हासिल हो रही है। किसान इस वजह से पशुपालन की ओर भी प्रेरित हो रहे हैं इससे पशुपालन को भी बढ़ावा मिल रहा है और अंतत: कृषि के साथ पशुपालन को बढ़ावा देने से ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिल रहा है।
मोहनपुर और नवापारा मांड के मामले बताते हैं लापरवाही से कैसे कोरोना के चपेट में आये ये गांव
कोरोना के नियंत्रण के लिए व्यक्तिगत के साथ सामूहिक अनुशासन है जरूरी
रायगढ़, 23 मई2021/ कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच जहां सुदूर गांवों तक जांच और इलाज पहुंचाने की कवायद हो रही है। प्रशासन का शहरी क्षेत्र के साथ गांवों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरा फोकस है। कलेक्टर श्री भीम सिंह के नेतृत्व में प्रशासन जहां एक ओर कोरोनामुक्त गांव की संख्या बढ़ाने के लिए अपनी पूरी प्रतिबद्धता और सुदृढ रणनीति के साथ काम कर रहा है। इसके लिए राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग तथा शिक्षा विभाग की संयुक्त टीम बनाकर गांव में बढ़ते संक्रमण के मामले आने से रोकने की दिशा में लगातार स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैय्या कराने के साथ गाइडलाइन्स के पालन और जन जागरूकता कार्यक्रम के जरिए प्रयासरत हैं। इससे संक्रमण की रफ्तार कम करने में काफी मदद मिली है। वहीं कुछ ऐसे गांव भी हैं, जहां की लापरवाही से सामने आए दुष्परिणाम हम सभी के लिए एक बड़ा सबक है कि, शहरों के साथ विशेषकर गांवों में संक्रमण को रोकने के लिए सामूहिक अनुशासन के साथ आत्मानुशासन कितना जरूरी है। हर किसी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। सभी को सजग और सतर्क रहना होगा। नहीं तो जिले के मोहनपुर और नवापारा मांड इन दो गांवों की लापरवाही की वजह से यहां जो परिणाम सामने आए हैं, वो ये समझाने के लिए काफी है कि ऐसी लापरवाही हमें कितनी भारी पड़ सकती है।
सामाजिक आयोजनों में भीड़ बनी भयावह संक्रमण की वजह
पहला मामला है, लैलूंगा विकासखण्ड के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लारीपानी के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत मोहनपुर का, मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार यहां गत 12 अप्रैल 2021 को एक दशकर्म कार्यक्रम हुआ था, जिसमें उड़ीसा एवं जशपुर से काफी संख्या में लोग शामिल हुये थे। उसके दो दिन पश्चात उसी ग्राम में 14 अप्रैल 2021 को एक परिवार में सगाई समारोह हुआ। तत्पश्चात ग्राम मोहनपुर में बड़ी संख्या में बुखार, खांसी, सर्दी के लक्षण आने लगे, जब मितानिनों द्वारा एएनएम को सूचित किया गया की बुखार के केस दो दिन से ज्यादा आने लगे है तो एएनएम द्वारा उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लारीपानी में कोविड टेस्ट के लिये भेजा गया। तब 18 अप्रैल को कोविड पाजिटिव के 3 मरीज मिले, उसके बाद फिर गांव में जितने भी बुखार, सर्दी, खांसी के मरीज थे सभी का कोविड टेस्ट किया गया। जिसके बाद से अब तक मोहनपुर ग्राम में कोविड के 151 केस मिल चुके हैं। ये परिणाम सबक है कि कोरोना गाइडलाइन की अवहेलना व शादी ब्याह के आयोजनों में नियम विरुद्ध भीड़ भयावह संक्रमण की वजह बन सकती है।
सामाजिक दूरी व मॉस्क ना पहनने की लापरवाही पड़ सकती है भारी
दूसरा मामला है, पुसौर विकासखण्ड के ग्राम नावापारा माण्ड पोस्ट-पुटकापुरी तहसील का। जिसके बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार यहां कोरोना संक्रमण के मामले माह अप्रैल में बढऩे लगे जिसके कारणों का जब पता किया गया तो मालूम पड़ा कि नावापारा के नीचे बस्ती के लोगों के द्वारा रेत के खनन में मजदूरी का कार्य किया जा रहा था। वहां पर कार्य करने वाले लोगों द्वारा सामाजिक दूरी, मास्क ना पहनने व सेनेटाइजर का उपयोग ना करने संबंधी लापरवाही भयानक संक्रमण की वजह बनी। स्थानीय लोग बाहर से आने वाले ट्रैक्टर ड्राइवर्स से बिना मास्क लगाए व सामाजिक दूरी का पालन किये संपर्क में आये। अप्रैल माह के मध्य में काम करने वाले मजदूरों व उनके परिवार के सदस्यों को सर्दी, बुखार के मामले सामने आने लगे। प्रशासन द्वारा सर्दी, बुखार वाले लोगों के लिये नावापारा माण्ड में कोविड जांच का शिविर रखा गया। दिनांक 20 अप्रैल 2021 को कोविड टेस्ट किया गया, जिसमें 75 में 27 लोग पॉजीटिव आये। जिसमें से ज्यादातर युवा थे। दिनांक 23 अप्रैल 2021 को फिर कोविड टेस्ट किया जिसमें 75 में 20 लोग पाजीटिव आये। माह अप्रैल में कोविड टेस्ट में कुल मरीजों की संख्या 56 हो गई। गांव में सभी सर्दी, खांसी, बुखार की दवा वितरण व कोविड जांच की गई। गांव को कंटेनमेंट जोन बनाया गया व सभी लोगों को सामाजिक दूरी, मास्क और हाथ धोने रहने की सलाह दी गई।
इन गांवों में इनकी छोटी-छोटी लापरवाही की वजह से अचानक बढ़ते हुए आंकड़े ये सबक देते है कि शादी ब्याह, व्यक्तिगत व सामूहिक, पारिवारिक आयोजनों के साथ कोरोना से बचाव के दिशा निर्देशों की अनदेखी करना, मास्क नही लगाना, सामाजिक दूरी का पालन नही करना जैसी लापरवाही व चूक, बड़े व भयावह संक्रमण की वजह बन रही है। जिससे हमें सीख लेकर अपने इन अवांछित व्यवहार में सुधार लाते हुए कोरोना संक्रमण से बचाव के हर संभव उपाय को अपनाना होगा। तभी जिले में कोरोना संक्रमण में प्रभावी तरीके से काबू पाने में हम सफल होंगे।
मोहनपुर और नवापारा मांड के मामले बताते हैं लापरवाही से कैसे कोरोना के चपेट में आये ये गांव
कोरोना के नियंत्रण के लिए व्यक्तिगत के साथ सामूहिक अनुशासन है जरूरी
रायगढ़, 23 मई2021/ कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच जहां सुदूर गांवों तक जांच और इलाज पहुंचाने की कवायद हो रही है। प्रशासन का शहरी क्षेत्र के साथ गांवों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरा फोकस है। कलेक्टर श्री भीम सिंह के नेतृत्व में प्रशासन जहां एक ओर कोरोनामुक्त गांव की संख्या बढ़ाने के लिए अपनी पूरी प्रतिबद्धता और सुदृढ रणनीति के साथ काम कर रहा है। इसके लिए राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग तथा शिक्षा विभाग की संयुक्त टीम बनाकर गांव में बढ़ते संक्रमण के मामले आने से रोकने की दिशा में लगातार स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैय्या कराने के साथ गाइडलाइन्स के पालन और जन जागरूकता कार्यक्रम के जरिए प्रयासरत हैं। इससे संक्रमण की रफ्तार कम करने में काफी मदद मिली है। वहीं कुछ ऐसे गांव भी हैं, जहां की लापरवाही से सामने आए दुष्परिणाम हम सभी के लिए एक बड़ा सबक है कि, शहरों के साथ विशेषकर गांवों में संक्रमण को रोकने के लिए सामूहिक अनुशासन के साथ आत्मानुशासन कितना जरूरी है। हर किसी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। सभी को सजग और सतर्क रहना होगा। नहीं तो जिले के मोहनपुर और नवापारा मांड इन दो गांवों की लापरवाही की वजह से यहां जो परिणाम सामने आए हैं, वो ये समझाने के लिए काफी है कि ऐसी लापरवाही हमें कितनी भारी पड़ सकती है।
सामाजिक आयोजनों में भीड़ बनी भयावह संक्रमण की वजह
पहला मामला है, लैलूंगा विकासखण्ड के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लारीपानी के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत मोहनपुर का, मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार यहां गत 12 अप्रैल 2021 को एक दशकर्म कार्यक्रम हुआ था, जिसमें उड़ीसा एवं जशपुर से काफी संख्या में लोग शामिल हुये थे। उसके दो दिन पश्चात उसी ग्राम में 14 अप्रैल 2021 को एक परिवार में सगाई समारोह हुआ। तत्पश्चात ग्राम मोहनपुर में बड़ी संख्या में बुखार, खांसी, सर्दी के लक्षण आने लगे, जब मितानिनों द्वारा एएनएम को सूचित किया गया की बुखार के केस दो दिन से ज्यादा आने लगे है तो एएनएम द्वारा उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लारीपानी में कोविड टेस्ट के लिये भेजा गया। तब 18 अप्रैल को कोविड पाजिटिव के 3 मरीज मिले, उसके बाद फिर गांव में जितने भी बुखार, सर्दी, खांसी के मरीज थे सभी का कोविड टेस्ट किया गया। जिसके बाद से अब तक मोहनपुर ग्राम में कोविड के 151 केस मिल चुके हैं। ये परिणाम सबक है कि कोरोना गाइडलाइन की अवहेलना व शादी ब्याह के आयोजनों में नियम विरुद्ध भीड़ भयावह संक्रमण की वजह बन सकती है।
सामाजिक दूरी व मॉस्क ना पहनने की लापरवाही पड़ सकती है भारी
दूसरा मामला है, पुसौर विकासखण्ड के ग्राम नावापारा माण्ड पोस्ट-पुटकापुरी तहसील का। जिसके बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार यहां कोरोना संक्रमण के मामले माह अप्रैल में बढऩे लगे जिसके कारणों का जब पता किया गया तो मालूम पड़ा कि नावापारा के नीचे बस्ती के लोगों के द्वारा रेत के खनन में मजदूरी का कार्य किया जा रहा था। वहां पर कार्य करने वाले लोगों द्वारा सामाजिक दूरी, मास्क ना पहनने व सेनेटाइजर का उपयोग ना करने संबंधी लापरवाही भयानक संक्रमण की वजह बनी। स्थानीय लोग बाहर से आने वाले ट्रैक्टर ड्राइवर्स से बिना मास्क लगाए व सामाजिक दूरी का पालन किये संपर्क में आये। अप्रैल माह के मध्य में काम करने वाले मजदूरों व उनके परिवार के सदस्यों को सर्दी, बुखार के मामले सामने आने लगे। प्रशासन द्वारा सर्दी, बुखार वाले लोगों के लिये नावापारा माण्ड में कोविड जांच का शिविर रखा गया। दिनांक 20 अप्रैल 2021 को कोविड टेस्ट किया गया, जिसमें 75 में 27 लोग पॉजीटिव आये। जिसमें से ज्यादातर युवा थे। दिनांक 23 अप्रैल 2021 को फिर कोविड टेस्ट किया जिसमें 75 में 20 लोग पाजीटिव आये। माह अप्रैल में कोविड टेस्ट में कुल मरीजों की संख्या 56 हो गई। गांव में सभी सर्दी, खांसी, बुखार की दवा वितरण व कोविड जांच की गई। गांव को कंटेनमेंट जोन बनाया गया व सभी लोगों को सामाजिक दूरी, मास्क और हाथ धोने रहने की सलाह दी गई।
इन गांवों में इनकी छोटी-छोटी लापरवाही की वजह से अचानक बढ़ते हुए आंकड़े ये सबक देते है कि शादी ब्याह, व्यक्तिगत व सामूहिक, पारिवारिक आयोजनों के साथ कोरोना से बचाव के दिशा निर्देशों की अनदेखी करना, मास्क नही लगाना, सामाजिक दूरी का पालन नही करना जैसी लापरवाही व चूक, बड़े व भयावह संक्रमण की वजह बन रही है। जिससे हमें सीख लेकर अपने इन अवांछित व्यवहार में सुधार लाते हुए कोरोना संक्रमण से बचाव के हर संभव उपाय को अपनाना होगा। तभी जिले में कोरोना संक्रमण में प्रभावी तरीके से काबू पाने में हम सफल होंगे।
कलेक्टर श्री भीम सिंह ने जारी किया आदेश
कंटेनमेंट अवधि में कुछ अन्य गतिविधियों को भी 25 मई से संचालन की मिली अनुमति
रायगढ़, 23 मई2021/ कलेक्टर श्री भीम सिंह द्वारा कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुये 31 मई 2021 रात्रि 12 बजे तक रायगढ़ जिला संपूर्ण क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। कंटेनमेंट अवधि में पूर्व में जारी आदेश में विभिन्न गतिविधियों के संचालन की दी गई अनुमति के अतिरिक्त निम्नांकित गतिविधियों के संचालन की अनुमति दी जाती है। यह आदेश 25 मई 2021 से प्रभावशील होगा।
समस्त एकल किराना दुकान, दुग्ध उत्पाद संबंधी दुकान एवं बेकरी दुकानें प्रात: 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक खुल सकेंगे। ग्रीष्मकालीन धान की कटाई प्रारंभ होने की स्थिति को देखते हुए धान और खाद्यान/ फसलों की नीलामी और खरीद/बिक्री से संबंधित मंडियों को सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे के मध्य संचालन करने की अनुमति होगी। केवल उन्हीं मंडियों पर लागू होगा जो परम्परागत रूप से धान और फसलों की नीलामी करती है।
होटल/रेस्टोरेंट को ऑनलाईन या टेलीफोनिक ऑर्डर पर होम डिलीवरी और टेकअवे की अनुमति दी जाती है। होटल की रसोई सेवा उनके इन हाउस मेहमानों के लिए स्वयं के रेस्टोरेंट में भोजन करने की अनुमति दी जाती है किन्तु अगले आदेश तक किसी भी रेस्टोरेंट में इन-डाइनिंग की अनुमति नहीं होगी।
थोक किराना/अनाज बाजार तथा आलू, प्याज विक्रेता प्रात: 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक दुकान का संचालन कर सकेंगे। अन्य समस्त कंडिका की शर्तें एवं निर्देश पूर्ववत् लागू रहेंगे।