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दिल्ली में 77 रुपये लीटर से नीचे आया पेट्रोल, डीजल में भी राहत
Posted Date : 17-Nov-2018 10:57:08 am

दिल्ली में 77 रुपये लीटर से नीचे आया पेट्रोल, डीजल में भी राहत

नई दिल्ली ,17 नवंबर। पेट्रोल और डीजल के दाम में राहत का सिलसिला लगातार तीसरे दिन शनिवार को भी जारी रहा। दिल्ली में पेट्रोल का दाम 77 रुपये प्रति लीटर से घटकर 76.91 रुपये लीटर हो गया है, जबकि डीजल का दाम भी घटकर 71.74 रुपये प्रति लीटर हो गया है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में बीते दिनों आई गिरावट के कारण पिछले एक महीने से पेट्रोल और डीजल के दाम में गिरावट का सिलसिला जारी है। 
हालांकि, तेल आपूर्तिकर्ता देशों का समूह ओपेक द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करने की संभावनाओं के कारण शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों में तेजी आई। दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में शनिवार को पेट्रोल के दाम में 19 पैसे और चेन्नई में 20 पैसे प्रति लीटर की कमी आई। डीजल का भाव दिल्ली और कोलकाता में 19 पैसे प्रति लीटर घटा, जबकि चेन्नई और मुंबई 20 पैसे प्रति लीटर। 
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम क्रमश: 76.91 रुपये, 78.85 रुपये, 82.43 रुपये और 79.87 रुपये प्रति लीटर दर्ज किए गए। चारों महानगरों में डीजल क्रमश: 71.74 रुपये, 73.60 रुपये, 75.16 रुपये और 75.82 रुपये प्रति लीटर हो गया है। दिल्ली में छह सितंबर को डीजल का भाव 71.55 रुपये लीटर था, उसके बाद तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होने से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डीजल चार अक्टूबर को 75.45 रुपये प्रति लीटर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर चला गया था।
पेट्रोल का भाव पांच अगस्त को दिल्ली में 76.85 रुपये लीटर था, जबकि चार अक्टूबर को 84 रुपये लीटर हो गया था।अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में सप्ताह के आखिरी कारोबारी सत्र में शुक्रवार को पिछले सत्र के मुकाबले थोड़ी तेजी दर्ज की गई। नायमैक्स पर डब्ल्यूटीआई का दिसंबर अनुबंध 0.66 फीसदी की बढ़त के साथ 56.83 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। वहीं, आईसीई पर ब्रेंट क्रूड जनवरी डिलीवरी वायदा अनुबंध 0.57 फीसदी के तेजी के साथ 67 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। 

 

अपने मेंबर्स को घर देगा ईपीएफओ, जल्द लॉन्च होगी स्कीम
Posted Date : 17-Nov-2018 10:56:04 am

अपने मेंबर्स को घर देगा ईपीएफओ, जल्द लॉन्च होगी स्कीम

नई दिल्ली ,17 नवंबर । कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने खाता धारकों के लिए हाउसिंग स्कीम का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। अब इस ड्राफ्ट को सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (सीबीटी) के समक्ष पेश किया जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने पर ईपीएफओ मेंबर्स के लिए हाउसिंग प्रॉजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा। बता दें कि सीबीटी की बैठक दिसंबर में होगी और इसी दौरान ईपीएफओ अपने इस ड्राफ्ट को पेश करेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले इस हाउसिंग प्रॉजेक्ट योजना को पूर्ण तरीके से लॉन्च कर दिया जाएगा। 
इस बारे में ईपीएफओ के सदस्य विरजेश उपाध्याय से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि ईपीएफओ इस स्कीम के तहत अपने मेंबर्स के लिए सस्ते दामों में घर उपलब्ध कराना चाहता है। ऐसे में ये भी तय है कि इस स्कीम में कुछ शर्तें भी जुड़ी हुई होंगी। शर्तों की बात करें तो ईपीएफओ के वही मेंबर्स ही इस स्कीम के तहत मकान ले पाएंगे, जिनके पास अपना मकान नहीं है। ईपीएफओ सदस्य का ईपीएफ खाता भी न्यूनतम 3 साल पुराना होना चाहिए। घर खरीदने के लिए पीएफ खाते से 90 प्रतिशत की राशि निकालने की छूट मिलेगी। इसके अलावा जो राशि लोन के तहत ली जाएगी, उसकी ईएमआई भी पीएफ खाते के जरिए ही चुकता होगी। 
ईपीएफओ द्वारा तैयार किए गए इस ड्राफ्ट में नैशनल हाउसिंग असोसिएशन बनाए जाने की बात कही गई है। इसका काम सभी राज्यों में भूमि अधिग्रहण का होगा, जिस पर इनके हाउसिंग प्रॉजेक्ट तैयार होंगे। ऐसे में कोशिश ये होगी कि राज्यों से जमीन  सस्ते दामों पर खरीदी जा सके। इसके बाद बिल्डर्स कंपनियों से बातचीत होगी, जो हाउसिंग प्रॉजेक्ट का निर्माण करेंगे। इसके अलावा ईपीएफओ घर खरीदने के लिए लोन भी देगा, लेकिन इसमें कुछ शर्तें भी होंगी। खास बात ये कि इस स्कीम में ईपीएफओ की ओर से मुनाफा कमाने की कोशिश नहीं होगी। सीधे शब्दों में कहें तो घर बनाने में जितनी लागत होगी, उसी के आधार पर कीमत भी तय होगी। 

 

सेंसेक्स में 0.84 फीसदी और निफ्टी में 0.91 फीसदी की तेजी
Posted Date : 17-Nov-2018 10:54:31 am

सेंसेक्स में 0.84 फीसदी और निफ्टी में 0.91 फीसदी की तेजी

मुंबई ,17 नवंबर। बीते सप्ताह भारतीय शेयर बाजारों में हल्की तेजी दर्ज की गई, जिसमें कच्चे तेल के दाम में हाल में आई कमी की मुख्य भूमिका रही। साप्ताहिक आधार पर, सेंसेक्स 298.61 अंकों या 0.84 फीसदी की तेजी के साथ 35,457.16 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 97 अंकों या 0.91 फीसदी की तेजी के साथ 10,682.20 पर बंद हुआ।
बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 53.61 अंकों या 0.35 फीसदी की तेजी आई और यह 14,997.81 पर बंद हुआ। वहीं, बीएसई का स्मॉलकैप सूचकांक 185.97 अंकों या 1.26 फीसदी की गिरावट के साथ 14,485.88 पर बंद हुआ। सोमवार को बाजार में तेज गिरावट दर्ज की गई और सेंसेक्स 345.56 अंकों या 0.98 फीसदी की गिरावट के साथ 34,812.99 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 103 अंकों या 0.97 फीसदी की गिरावट के साथ 10,482.20 पर बंद हुआ।
मंगलवार को बाजार में अच्छी तेजी रही और सेंसेक्स 331.50 अंकों या 0.95 फीसदी की तेजी के साथ 35,144.49 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 100.30 अंकों या 0.96 फीसदी की तेजी के साथ 10,582.50 पर बंद हुआ। बुधवार को बाजार में मामूली गिरावट दर्ज की गई और सेंसेक्स 2.50 अंकों या 0.01 फीसदी की गिरावट के साथ 35,141.99 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 6.20 अंकों या 0.06 फीसदी की गिरावट के साथ 10,576.30 पर बंद हुआ। 
गुरुवार को एक बार फिर शेयर बाजारों में तेजी लौटी और सेंसेक्स 118.55 अंकों या 0.34 फीसदी की तेजी के साथ 35,260.54 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 40.40 अंकों या 0.38 फीसदी की तेजी के साथ 10,616.70 पर बंद हुआ। शुक्रवार को सेंसेक्स 196.62 अंकों या 0.56 फीसदी की तेजी के साथ 35,457.16 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 65.50 अंकों या 0.62 फीसदी की गिरावट के साथ 10,682.20 पर बंद हुआ। बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे- रिलायंस इंडस्ट्रीज (3.12 फीसदी) और आइशर मोटर्स (9.85 फीसदी)। सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में - टाटा मोटर्स (8.18 फीसदी), कोल इंडिया (1.77 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (3.68 फीसदी) और सन फार्मा (12.8 फीसदी) प्रमुख रहे।
आर्थिक मोर्चे पर, खाद्य पदार्थो की कीमतें गिरने से अक्टूबर में देश की खुदरा मुद्रास्फीति गिरकर 3.31 फीसदी रही, जबकि सितंबर में यह बढक़र 3.70 फीसदी थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) अक्टूबर में नकारात्मक 0.86 फीसदी रही, जोकि सितंबर से 0.51 फीसदी अधिक है। वहीं, औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर सितंबर में गिरकर 4.5 फीसदी रही है। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर सितंबर में घटकर 4.5 फीसदी रही है, जबकि अगस्त में यह 4.66 फीसदी पर थी। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित देश की सालाना मुद्रास्फीति दर अक्टूबर में बढक़र 5.28 फीसदी रही है, जबकि सितंबर में यह 5.13 फीसदी थी। 

 

निवेश मांग बढऩे से सोना निखरा, चांदी चमकी
Posted Date : 17-Nov-2018 10:53:27 am

निवेश मांग बढऩे से सोना निखरा, चांदी चमकी

नई दिल्ली ,17 नवंबर। निवेश मांग बढऩे से विदेशी बाजार में सोने और चांदी के भाव में शुक्रवार को जोरदार तेजी आई। विदेशी बाजार में आई तेजी घरेलू वायदा बाजार में भी सोने और चांदी का भाव तेज था। विदेशी बाजार में सोने के दाम में एक सप्ताह के बाद तेजी लौटी है। बाजार के जानकारों ने बताया कि डॉलर में नरमी के कारण सोने और चांदी में तेजी आई है। विश्लेषकों का कहना है कि डॉलर में आई कमजोरी से कीमती धातुओं में निवेश मांग बड़ी है।
इस बीच अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव दूर करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का भी असर है कि महंगी धातुओं के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ा है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने का दिसंबर डिलीवरी अनुंबध कारोबार सप्ताह के आखिरी सत्र में शुक्रवार रात 10.05 बजे 169 रुपये यानी 0.55 फीसदी की तेजी के साथ 30,990 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बना हुआ था। इससे पहले दिसंबर डिलीवरी सोने का भाव 31,147 रुपये प्रति दस ग्राम तक उछला।
एमसीएक्स पर चांदी का दिसंबर अनुबंध 245 रुपये यानी 0.67 फीसदी की तेजी के साथ 36,936 रुपये प्रति किलोग्राम पर बना हुआ था, जबकि इससे पहले भाव 37,155 रुपये प्रति किलोग्राम तक उछला। अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर सोने के दिसंबर अनुबंध में 22.70 डॉलर यानी 1.89 फीसदी की तेजी के साथ 1,221.90 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था। इससे पहले दिसंबर सोने का भाव 1,225.90 डॉलर प्रति औंस तक उछला। 
वहीं, चांदी के दिसंबर अनुबंध में 14.33 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था, इससे पहले भाव 14.38 डॉलर प्रति औंस तक उछला। डॉलर इंडेक्स 0.46 फीसदी की कमजोरी के साथ 96.36 पर बना हुआ था। डॉलर इंडेक्स विश्व की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत का सूचक है। इन मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में कमजोरी आने से डॉलर इंडेक्स नीचे आता है। 

 

भारत में सरकार द्वारा डेटा मांगने में तेज इजाफा : फेसबुक
Posted Date : 17-Nov-2018 10:51:17 am

भारत में सरकार द्वारा डेटा मांगने में तेज इजाफा : फेसबुक

नई दिल्ली ,17 नवंबर। साल 2018 के पहले छह महीनों में फेसबुक ने भारत सरकार द्वारा डेटा मांगने में तेज वृद्धि दर्ज की गई और कंपनी को कुल 16,580 डेटा आवेदन प्राप्त हुए, जबकि इसके पिछले साल भारत सरकार ने (पूरे साल में) कुल 22,024 आवेदन भेजे थे तथा साल 2016 में पूरे साल में कुल 13,613 आवेदन भेजे थे। 
सोशल मीडिया दिग्गज ने गुरुवार को प्रकाशित पारदर्शिता रिपोर्ट में कहा कि साल 2018 की जनवरी-जून की अवधि में फेसबुक ने सरकार को 53 फीसदी मामलों में डेटा मुहैया कराया, लेकिन कंपनी ने यह खुलासा नहीं किया कि उसने सरकार को किस प्रकार का डेटा मुहैया कराया। फेसबुक किसी देश के कानून और वहां की सेवा शर्तो के मुताबिक सरकार के आवेदन का जबाव देता है। 
कंपनी ने कहा, प्रत्येक आवेदन की हम सावधानीपूर्वक जांच करते हैं कि वे कानूनी रूप से पर्याप्त है या नहीं और उसी आधार पर हम उसे स्वीकार करते हैं या खारिज करते हैं। फेसबुक ने इसके अलावा भारत में कुल 15,963 आवेदन कानूनी प्रक्रिया के लिए प्राप्त किए, जिसमें 23,047 यूजर्स के आवेदन थे और 617 आपातकालीन अनुरोध थे (इनमें से आधे पूरे किए गए)।
फेसबुक ने कहा कि दुनिया भर में सरकारों द्वारा डेटा मांगने के अनुरोध में इस साल की पहली छमाही में 26 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, और डेटा मांगने के कुल 1,03,815 आवेदन मिले, जबकि पिछले साल की दूसरी छमाही में इन आवेदनों की संख्या 82,341 थी। अमेरिका में फेसबुक से डेटा मांगने के सरकारी अनुरोध में करीब 30 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें से 56 फीसदी में गैर-प्रकटीकरण आदेश दिया गया, जो इसके बारे में यूजर्स को जानकारी देने से मना करता है।

 

इनकम टैक्स कलेक्शन में मुंबई के करीब पहुंची दिल्ली, सुस्त हुई बिजनस कैपिटल की ग्रोथ
Posted Date : 16-Nov-2018 8:39:45 am

इनकम टैक्स कलेक्शन में मुंबई के करीब पहुंची दिल्ली, सुस्त हुई बिजनस कैपिटल की ग्रोथ

नई दिल्ली ,16 नवंबर । भारत का आर्थिक परिदृश्य किस तरह तेजी से बदल रहा है, इसका संकेत अलग-अलग शहरों के इनकम टैक्स कलेक्शन से भी मिलता है। देश की बिजनस कैपिटल मुंबई का कुल इनकम टैक्स रेवेन्यू में 29 फीसदी हिस्सा है, लेकिन यह शेयर लगातार कम हो रहा है। राजधानी दिल्ली देश के कुल टैक्स कलेक्शन में दूसरे नंबर पर है। 2017 के मुकाबले अप्रैल से नवंबर के दौरान दिल्ली के टैक्स कलेक्शन में 45 फीसदी का इजाफा हुआ है।
मुंबई के टैक्स कलेक्शन में महज 5 पर्सेंट का ही इजाफा हुआ है। मुंबई में इनकम टैक्स की कमजोर ग्रोथ की वजह मोटा रिफंड भी है। दिल्ली के इनकम टैक्स कलेक्शन में बड़ा इजाफा होने से उत्तर भारत क्षेत्र के शेयर में इजाफा हुआ है। बीते साल के मुकाबले दिल्ली के टैक्स कलेक्शन में 5 फीसदी का उछाल आया है और यह 16.5 पर्सेंट तक पहुंच गया है। 
दिल्ली की यह ग्रोथ कोलकाता और चेन्नै जैसे छोटे सेंटर्स की तुलना में भी कहीं ज्यादा है, जो बीते साढ़े सात महीनों में सिंगल डिजिट के करीब ही रही है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने अधिक जानकारी देने से इनकार करते हुए बताया, देश भर में रिफंड के मामले में डिपार्टमेंट खासा ऐक्टिव है। लेकिन, मुंबई में रिफंड की बात की जाए तो यह काफी अधिक है। 
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में रिफंड का क्लेम बहुत अधिक नहीं है, जिसका असर ग्रॉस कलेक्शन पर दिख रहा है। हालांकि उन्होंने इसका कुल आंकड़ा बताने से यह कहकर इनकार कर दिया कि इस संबंध में अभी पूरी जानकारी नहीं मिल सकी है।