बोगोटा। उत्तरी कोलम्बिया में बर्रेनको डी लोबा नगरपालिक क्षेत्र में सोने की खदान धंसने से 180 मीटर गहराई में 14 खनिक फंस गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने यह जानकारी दी है। स्थानीय प्रशासन के प्रमुख मैनुअल रामोस ने बुधवार देर रात बताया कि फोगाजे खदान के धंसने से उसमें काम कर रहे 14 खनिक फंस गए है।
वहीं एक अन्य अधिकारी के मुताबिक चार मीटर की गहराई में भूस्खलन आना खदान धंसने का कारण माना जा रहा है। राहत एवं बचाव कार्य जारी है। बाद में राष्ट्रीय खनन एजेंसी ने कहा कि 14 खनिकों को खदान के मलबे से बाहर निकाल लिया गया है। एजेंसी ने ट्वीट कर कहा, हमने बोलिवर विभाग में भूमिगत सोने की खदान में फंसे 14 खनिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है।
ब्रासीलिया। ब्राजील में चीन की कोरोना वैक्सीन के परीक्षण को हरी झंडी दे दी गयी है। यह जानकारी ब्राजील के स्वास्थ्य नियंत्रक ने बुधवार को दी। स्वास्थ्य नियंत्रक ने बताया कि हमने चीन की कोरोना वैक्सीन के परीक्षण की अनुमति प्रदान कर ही है, जिस पर गत दिनों रोक दिया गया था।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार ब्राजील के अनवीसा संस्थान ने एक गंभीर घटना का हवाला देते हुए दो दिन पहले वैक्सीन के परीक्षण पर रोक लगा दी थी। जिसमें कोरोना वक्सीन परीक्षण में एक वालंटियर की मौत हो गयी थी।
संस्थान के प्रमुख ने हालांकि कहा कि वालंटियर की मौत का वैक्सीन के साथ कोई संबंध नहीं है। उधर संस्थान ने बुधवार को एक बयान में कहा कि अब वैक्सीन के परीक्षण की पुख्ता सूचना है। उन्होंने कहा, यह स्पष्ट करना महत्वपूर्ण है कि वैक्सीन के परीक्षण को रोकने का मतलब यह नहीं है कि जांच में वैक्सीन उत्पाद गुणवत्ता, सुरक्षा या प्रभावकारिता सही नहीं पाया गया है। उल्लेखनीय है कि वैक्सीन के परीक्षण फिर से शुरू करना राष्ट्रपति जायल बोलसोनारो ने वैक्सीन के परीक्षण के निलंबन को विजय बताया है, लेकिन अब इसका फिर से परीक्षण शुरू हो गया है। इसलिए यह श्री जायर के नीति के खिलाफ है।
इस वैक्सीन को चीन की सिनोवैक बायोटेन ने विकसित किया है, जो वैश्विक स्तर पर परीक्षण के अंतिम चरण में हैं।
वाशिंगटन। अमेरिका के न्यूयॉर्क में कोरोना वायरस (कोविड-19) के मामले बढऩे के मद्देनजर बार, रेस्तरां और जिम पर कर्फ्यू लगा दी गयी है तथा किसी भी समारोह में सिर्फ 10 लोग शामिल हो सकेंगे।
न्यूयर्ॉ के गर्वनर एंड्रयू कुओमो ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ने कोरोना के मामले फैलने से रोकने के लिए यह फैसला लिया गया है। राज्य के बार और रेस्तरां सहित लाइसेंस वाली शराब की दुकानों रात दस बजे के बाद बंद करने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा जिम भी दस बजे के बाद बंद रहेंगे। ये नए राज्यव्यापी नियम शुक्रवार रात 10 बजे से प्रभावी होंगे। उन्होंने कहा कि पूरे अमेरिका में कोरोना से स्थिति दिन- प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। हम जानते है कि कोरोना के फैलने का सबसे बड़ा कारण इंडोर समारोह और पार्टियां आयोजित करना है। इसलिए हमने यह फैसला किया है कि इंडोर समारोह और पार्टियों में सिर्फ10 लोग ही शामिल हो सकेंगे। न्यूयॉर्क में बुधवार को कोरोना के 5000 नए मामले सामने आने की पुष्टि हुई है।
आ गया प्लाज्मा जेट स्प्रे
लॉस एंजेलिस। कोरोना वायरस की महामारी को लेकर एक अच्छी खबर सामने आई है। वैज्ञानिकों के नए शोध के मुताबिक अब कोरोना को कुछ ही सेकंडों में खत्म किया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने एक थ्री-डी प्रिंटर से प्रेशर प्लाज्मा जेट का स्प्रे बनाया है, जिससे सिर्फ 30 सेकंड में कोरोना वायरस को खत्म किया जा सकता है।
यह सोध अमेरिका के लॉस एंजेलिस स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में किया गया, जिसका प्रयोग सफल रहा। इस प्लाज्मा जेट से धातु, चमड़े और प्लास्टिक की सतह पर मौजूद कोरोना वायरस को 30 सेकंड से भी कम समय में खत्म किया जा सकता है। इस शोध को कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही जंग में महत्वपूर्ण सफलता माना जा रहा है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक जब इस स्प्रे को प्लास्टिक, धातु, कार्ड बोर्ड और लेदर (बास्केटबॉल, फुटबॉल और बेसबॉल) आदि की सतहों पर प्रयोग किया गया तो पाया कि इनकी सतहों पर मौजूद कोरोना वायरस को तीन मिनट से भी कम समय में मार दिया, जिसमें से अधिकांश वायरस को मारने में 30 सेकंड से भी कम का समय लिया। वहीं, इस स्प्रे का मुंह पर लगाने वाले मास्क पर प्रयोग किया गया तो पाया गया कि ये स्प्रे मास्क पर भी समान रूप से काम करता है।
फिजिक्स ऑफ फ्लूड्स नाम के जर्नल में प्रकाशित इस शोध के बारे में बताया गया है कि प्लाज्मा जेट चार बुनियादी अवस्थाओं में से एक है। स्थिर गैस को गर्म करके या इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड के संपर्क में लाकर इसे बनाया जा सकता है जून में इस शोध प्रयोग धातु, चमड़े और प्लास्टिक की सतहों पर मौजूद कोरोना वायरस जैसे विषाणुओं पर किया गया था।
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी महागठबंधन के मुंह से जीत का निवाला निकाल कर गेमचेंजर साबित हुए। पहले चरण में बुरी तरह पिटे राजग ने अगले दो चरणों में पीएम मोदी के चेहरे और केंद्रीय योजनाओं के सहारे न सिर्फ सीएम नीतीश के खिलाफ एंटी इनकंबैंसी की बयार रोकी, बल्कि जीती बाजी पलटने में भी कामयाब रही। पूरी लड़ाई में नीतीश कमजोर पड़े तो हार के बावजूद तेजस्वी ने अपने नेतृत्व का लोहा मनवाया। हां, इस पूरी लड़ाई में अपने घर को फूंक कर चिराग भाजपा का घर रोशन कर गए।
दरअसल पहले चरण के चुनाव में राजग पर जबर्दस्त बढ़त हासिल कर विपक्षी महागठबंधन ने एक समय राज्य में सत्ता परिवर्तन की पटकथा लिख दी थी। मगर दूसरे चरण में पीएम मोदी और केंद्रीय योजनाओं के सहारे राजग ने वापसी की तो तीसरे चरण में जबर्दस्त प्रदर्शन कर विपक्षी महागठबंधन की सत्ता पाने की मजबूत उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
मोदी साबित हुए गेमचेंजर
दरअसल राज्य में नीतीश और खास कर उनके तीसरे कार्यकाल के खिलाफ मतदाताओं में भारी नाराजगी थी। नाराजगी का आलम यह था कि भाजपा समर्थक मतदाता भी जदयू के पक्ष में वोट करने के लिए तैयार नहीं थे। इसी बीच पीएम मोदी ने मोर्चा संभाला और जंगलराज के मुद्दे को हवा देने के साथ तेजस्वी की लोकलुभावन घोषणाओं पर तथ्यात्मक वार शुरू किया। तेजस्वी को जंगलराज का युवराज बता कर राज्य के लोगों को लालू-राबड़ी शासनकाल की याद दिलाई। हालात को भांपते हुए राजग ने मोदी को चेहरा बनाया। कई रैलियों में खुद नीतीश मोदी के नाम पर वोट मांगते दिखे। इससे दूसरे और तीसरे चरण में अचानक नीतीश के खिलाफ चल रही एंटी इनकंबैंसी की बयार थमती दिखी।
केंद्र्रीय योजनाओं-महिलाओं ने निभाई भूमिका
राजग की सत्ता बरकरार रखने में केंद्रीय योजनाओं और महिलाओंं ने भी अहम भूमिका निभाई। कोरोना काल में जनधन योजना की महिला खाताधारकों में नकद राशि भेजने, मुफ्त अनाज कार्यक्रम, लाखों की संख्या में बने शौचालय और इतनी ही संख्या में बांटे गए मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन का असर जमीन पर दिखा। जमीन पर भले ही नीतीश के खिलाफ नाराजगी थी, मगर यही नाराजगी भाजपा के खिलाफ नहीं थी। इससे पहले नीतीश की शराबबंदी योजना, पंचायत चुनावों में महिलाओं को आरक्षण और स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का लाभ राजग को मिला था।
कांग्रेस ने डुबा दी महागठबंधन की नैया
चुनाव में कांग्रेस खुद तो डूबी ही अपने साथ विपक्षी महागठबंधन को भी डुबा दिया। ढंग के उम्मीवार की कमी और बेहद कमजोर संगठन के बावजूद कांग्रेस 70 सीटों पर लड़ी और महज 17 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई। जाहिर तौर पर अगर कांग्रेस कम सीटों पर लड़ती तो बिहार की सियासी तस्वीर बदलनी तय थी। बीते चुनाव में कांग्रेस 41 सीटों पर लड़ कर 27 सीट हासिल की थी। हालांकि तब जदयू-राजद ने कांग्रेस को डेढ़ दर्जन उम्मीदवार दिए थे। इस बार अतिआत्मविश्वास में डूबी कांग्रेस ने पार्टी के उम्मीदवार उतारे और महागठबंधन का बंटाधार कर दिया।
वाम दलों की बढ़ी ताकत
चुनाव में खास बात वाम दलों की ताकत में इजाफा है। इस चुनाव में महागठबंधन के साथ उतरे वाम दलों ने अपने हिस्से की 29 सीटों में से 16 सीटों पर जीत हासिल कर राजद से भी अच्छा प्रदर्शन किया। बीते चुनाव में वाम दलों में सीपीआई माले को चार सीटें मिली थी। इस पर वाम दलों ने अपनी सीटों में चार सौ फीसदी का इजाफा किया।
कमजोर हुए नीतीश घटा सियासी कद
नीतीश कुमार भले ही सीएम बनने में कामयाब हो गए, मगर वह न सिर्फ पहले की तुलना में कमजोर हुए बल्कि उनका सियासी कद भी बेहद घट गया। उनकी पार्टी जदयू न सिर्फ भाजपा का छोटा भाई बनने पर मजबूर हुई, बल्कि राज्य में तीसरे नंबर की पार्टी बन गई। चुनाव के दौरान भी नीतीश और जदयू को पीएम मोदी के नाम पर वोट मांगना पड़ा। जाहिर तौर पर नीतीश भले ही फिर से सीएम बन जाएं, मगर उनकी सियासी हनक पहले जैसी नहीं रहेगी।
राजद-कांग्रेस के लिए खतरा बने ओवैसी
इस चुनाव ने एआईएमआईएम और पार्टी के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी को नई पहचान दी। मुस्लिम बहुल सीमांचल की पांच सीटों पर पार्टी ने बड़ी जीत हासिल कर राजद और कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी बजा दी। नतीजे ने भविष्य में मुस्लिम इलाकों में ओवैसी का प्रभाव बढऩे की संभावना पैदा की है। जाहिर तौर पर अगर उनकी सियासी ताकत बढ़ी तो इसका सीधा नुकसान कांग्रेस, राजद सहित कथित धर्मनिरपेक्षता की राजनीति करने वाले दलों को उठाना होगा।
खुद बुझ कर भाजपा को रोशन कर गए चिराग
इस सियासी जंग में लोजपा और पार्टी के मुखिया चिराग पासवान खुद जरूर बुझे, मगर भाजपा का घर जरूर रोशन कर दिया। भाजपा समर्थन और नीतीश विरोध की उनकी राजनीति का जदयू को खासा नुकसान उठाना पड़ा। हालांकि इस जंग में चिराग की पार्टी बस खाता खोलने में कामयाब रही। अगर चिराग की रणनीति के पीछे भाजपा थी तो उसे इसका लाभ मिला। भाजपा की गठबंधन में बड़ा भाई बनने की तमन्ना पूरी हो गई।
चूके मगर फाइटर साबित हुए तेजस्वी
कांग्रेस के लचर प्रदर्शन के कारण भले ही तेजस्वी सत्ता की देहरी तक आ कर अटक गए, मगर इस पूरे सियासी जंग में बेहतरीन फाइटर जरूर साबित हुए। मोदी-नीतीश-शाह-योगी जैसे सियासी धुरंधरों को अपने दम पर जबर्दस्त टक्कर दी। राजद का सबसे बड़ी पार्टी का ओहदा बरकरार रखा। तेजस्वी ने यह कमाल तब दिखाया जब इस जंग में उनके पिता लालू प्रसाद यादव उनके साथ नहीं थे। चुनाव मेंं उनकी छवि फाइटर के रूप में उभरी है।
चरण दर चरण बदलता गया खेल
पहले चरण में तेजस्वी की अगुवाई में विपक्षी महागठबंधन ने सत्तारूढ़ राजग पर जबर्दस्त बढ़त बनाई थी। हालांकि बाद में चरण दर चरण खेल बदलता चला गया और आखिरकार बाजी फिर से राजग के हाथ लगी। दरअसल पहले चरण की 71 सीटों में से महागठबंधन को 48 तो राजग को महज 21 सीटें हाथ लगी। इसके बाद दूसरे चरण में राजग ने वापसी की और इस चरण की 94 में से 52 सीटों पर कब्जा जमाया। यहां महागठबंधन को 42 सीटें हाथ लगी। तीसरे चरण की 78 सीटोंं ने बाजी पलट दी। इस चरण में राजग को 53 तो महागठबंधन को महज 20 सीटें हाथ आई। तीसरे चरण में कांग्रेस ने ज्यादातर सीटों पर हार कर महागठबंधन को कहीं का नहीं छोड़ा।
हर चरण के लिए अगर रणनीति
भाजपा ने हर चरण के लिए अलग रणनीति अपनाई। मसलन दलित वर्चस्व वाले पहले चरण की सीटों पर महागठबंधन से मात खाने के संकेत के बाद पार्टी ने रणनीति बदली। नीतीश पर्दे के पीछे चले गए और अचानक राजग ने चेहरा के रूप में पीएम मोदी को आगे किया। जंगलराज जैसे मुद्दों को हवा देने के साथ तेजस्वी की लोकलुभावन घोषणाओं पर वार करना शुरू किया। तीसरे चरण में मोदी की अगुवाई में राजग ने राष्टï्रवाद और विकास की लाइन ली और सियासी बाजी अपने पक्ष में करने में सफल रहे।
क्यों चूक गए तेजस्वी?
यह सच है कि चुनाव में नीतीश के खिलाफ गहरी नाराजगी थी। तेजस्वी की रैलियों में भारी भीड़ भी जुट रही थी। उनका दस लाख सरकारी नौकरी देने, पलायन रोकने और उद्योग लगाने का मुद्दा मतदाताओं के सिर चढ़ कर बोल रहा था। हालांकि नतीजे से साबित हुए कि तेजस्वी रैली में आई भीड़ और लोगों की नाराजगी को वोट में नहीं बदल पाए। संभवत: वह अपनी घोषणाओं के संदर्भ में लोगों के मन में भरोसा पैदा नहीं कर पाए। ऐसा इसलिए कि उन्होंने घोषणा तो की मगर उन पर अमलीजामा पहनाने का रोडमैप पेश नहीं कर पाए। इसके अलावा नतीजे से यह भी साबित हुआ कि बिहार के मतदाताओं के एक बड़े वर्ग में अब भी राजग की पूर्ववर्ती शासनकाल के दौरान छाई रहने वाली अराजकता का भय बरकरार है। यह वर्ग नीतीश से नाराज होने के बावजूद तेजस्वी पर भरोसा नहीं कर पाया।
नईदिल्ली। बिहार विधानसभा में बहुमत पाने के साथ ही अनेक राज्यों में हुए उपचुनावों के परिणाम भारतीय जनता पार्टी के लिए जबरदस्त उत्साह लेकर आए हैं। आधी रात तक बिहार विधानसभा के जो परिणाम घोषित हुए हैं और जो रुझान हैं उनसे साफ है कि बिहार में एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बनने जा रही है। इस बार भाजपा गठबंधन सरकार का सबसे बड़ा दल होगा। वहीं मध्य प्रदेश के उपचुनावों के परिणामों से शिवराज सरकार को पूर्ण बहुमत मिल गया है। उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और तेलंगाना के विधानसभा उपचुनावों में भी बाजी भाजपा के हाथ लगी है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने पार्टी की जीत का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व, केन्द्र सरकार के कामों और कार्यकर्ताओं के परिश्रम को दिया। जेपी नड्डा ने पार्टी की जीत पर सबको बधाई देते हुए कहा कि इस जनादेश के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ। उनके नेतृत्व में भारत वास्तव में वैश्विक शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित होगा जहां समृद्धि, सुरक्षा और सबके लिए आगे बढऩे के समान अवसर होंगे। चाहे बिहार विधानसभा चुनाव हों या फिर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, मणिपुर व तेलंगाना के उप-चुनाव, समग्र राष्ट्र ने प्रधानमंत्री मोदी जी की जनकल्याण नीतियों में अपना अटूट विश्वास बनाए रखा है और जनता का प्रधानमंत्री पर भरोसा और दृढ़ हुआ है। यह चुनाव परिणाम उसके परिचायक हैं।
भाजपा अध्यक्ष ने आगे कहा कि कोविड महामारी के कठिन समय में जब देश संघर्षों एवं चुनौतियों से जूझ रहा था, तब यह मोदी सरकार ही थी जिसने गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए हर संभव कदम उठाये और मुफ्त राशन के साथ-साथ उन्हें आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई। यह मानवता की सेवा का अनुपम उदाहरण था। लोगों ने एक प्रकार से सरकार के कार्यों पर मुहर लगाई है। जेपी नड्डा ने कहा कि बिहार ने निर्णायक रूप से वंशवाद, भ्रष्टाचार व विभाजनकारी राजनीति को खारिज कर दिया है। बिहार के मतदाताओं ने न केवल भारतीय जनता पार्टी और एनडीए को वोट दिया है बल्कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जारी विकास यात्रा में अपना विश्वास भी व्यक्त किया है। भाजपा अध्यक्ष ने बिहार की जनता को स्पष्ट जनादेश देने के लिए बधाई देते हुए कहा कि नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में विकास की गति तेज कर हम बिहार की जनता की अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे। इसके साथ ही भाजपा अध्यक्ष ने मध्य प्रदेश में भाजपा की जीत के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तर प्रदेश में जीत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी बधाई दी।