व्यापार

18-Dec-2020 11:58:58 am
Posted Date

पीपीएफ खाता निष्क्रिय होने पर होते हैं तीन नुकसान

नई दिल्ली । कोरोना के बाद जमा पर घटते ब्याज के बीच पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) मौजूदा समय में निवेश का एक लोकप्रिय विकल्प है। ऐसा इसलिए की पीपीएफ पर अभी भी 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है। वहीं, सावधि जमा (एफडी) पर ब्याज की दर घटकर छह फीसदी से नीचे आ गई है। हालांकि, एक ओर जहां पीपीएफ खाते पर अधिक ब्याज और कर छूट का फायदा मिलता है, वहीं दूसरी ओर खाता परिपक्वता अवधि से पहले निष्क्रिय होने पर खाताधारक को तीन तरह का नुकसान भी उठाना पड़ता है।  सरकार ने 2016 में पीपीएफ नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है। इसमें सरकार ने कुछ खास स्थितियों में परिपक्वताके पहले पीपीएफ खाते को बंद करने की अनुमति दी है। जिन स्थितियों में खाता बंद करने की सुविधा दी गई है उसमें जानलेवा बीमारी का इलाज या बच्चे की शिक्षा के लिए खर्च शामिल हैं। हालांकि, पीपीएफ खाते के पांच साल चलने के बाद ही अंशदाता ऐसा कर सकते हैं। निष्क्रिय पीएपीएफ खाते के साथ यह सुविधा नहीं मिलती है।
 पीपीएफ खाते से तीसरे वित्त वर्ष के बाद छठे वित्त वर्ष के समाप्त होने तक जमा रकम पर लोन लिया जा सकता है। रुके हुए पीपीएफ खाते में यह सुविधा नहीं मिलती है।
 अगर खाताधारक बंद पड़े पीपीएफ खाते के अलावा कोई अन्य पीपीएफ खाता खुलवाना चाहता है तो नियम इसकी अनुमति नहीं देता है। किसी एक व्यक्ति के दो पीपीएफ खाते नहीं हो सकते हैं। हालांकि, निष्क्रिय हो चुके खाते में भी जमा राशि पर परिपक्वताकी अवधि पर ब्याज की राशि का भुगतान किया जाता है।
जानकारों के मुताबिक, खाता निष्क्रिय की मुख्य वजह होती है इसमें न्यूनतम राशि का भी निवेश नहीं करना। पीपीएफ खाते में हर साल 500 रुपये निवेश करना अनिवार्य है। 15 साल तक निवेशक को कम से कम यह रकम जमा करना पड़ता है। ऐसा नहीं करने पर खाता निष्क्रिय हो जाता है। वहीं, सालाना आधार पर पीपीएफ खाते में निवेशक अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर आयकर की धारा 80सी के तहत आयकर छूट का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
सालाना अधार पर 50 रुपये देनी होगी पेनल्टी
पीपीएफ खाते को दोबारा चालू करने के लिए आपको उस बैंक या डाकघर जाना होगा जहां आपने यह खुला है। यहां आपको खाता दोबारा चालू कराने संबंधी एक फॉर्म भरना होगा। इसके बाद आपको बकाया राशि का भुगतान करना होगा। यानी जितने साल तक आपने जमा नहीं किया उनमें से हर वर्ष के लिए 500 रुपये का न्यनतम भुगतान करना होगा। अगर चार साल जमा नहीं किया है तो 2000 रुपये जमा करने होंगे। इसके साथ ही हर साल के हिसाब से 50 रुपये की पेनल्टी भी देनी होगी।

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