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एफडीआई निति में बदलाव करने की योजना बना रही सरकार, बीपीसीएल के निजीकरण से होगा फायदा
Posted Date : 28-May-2021 5:02:57 pm

एफडीआई निति में बदलाव करने की योजना बना रही सरकार, बीपीसीएल के निजीकरण से होगा फायदा

नयी दिल्ली ,28 मई । सरकार मौजूदा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति में बदलाव करने पर विचार कर रही है, ताकि विदेशी निवेशकों को भारत की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में बहुलांश हिस्सेदारी लेने की अनुमति मिल सके।  सरकार बीपीसीएल का निजीकरण कर रही है और वह कंपनी में अपनी पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है। वेदांत समूह ने बीपीसीएल में सरकार की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए अभिरुचि पत्र (ईओआई) दाखिल किया था। बताया जा रहा है कि अन्य दो बोलीदाता वैश्विक फंड हैं, जिनमें एक अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट है। सूत्रों ने बताया कि इस बारे में एक प्रस्ताव पर विनिवेश विभाग (डीआईपीएएम), उद्योग विभाग (डीपीआईआईटी) और आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) के बीच चर्चा जारी है। इस समय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) द्वारा संचालित पेट्रोलियम रिफाइनिंग में स्वचालित मार्ग के माध्यम से केवल 49 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है और ऐसा बिना किसी विनिवेश या मौजूदा पीएसयू की घरेलू इच्टिी को घटाए बिना ही किया जा सकता है। इस प्रावधान से कोई विदेशी खिलाड़ी बीपीसीएल में 49 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं खरीद पाएगा। डीआईपीएएम ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र के केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने के लिए मौजूदा एफडीआई नीति में संशोधन करने का सुझाव दिया है। दूसरी ओर उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने इस खास मामले के लिए अलग से एक प्रावधान करने का सुझाव दिया है।

जीएसटी परिषद की बैठक शुरू, कोविड से जुड़े सामान की कर दरों, राज्यों को क्षतिपूर्ति पर होगी चर्चा
Posted Date : 28-May-2021 5:02:37 pm

जीएसटी परिषद की बैठक शुरू, कोविड से जुड़े सामान की कर दरों, राज्यों को क्षतिपूर्ति पर होगी चर्चा

नयी दिल्ली ,28 मई । जीएसटी परिषद की बैठक आज शुरू हुई, जिसमें कोविड से जुड़ी सामग्री मसलन दवाइयों, टीकों और चिकित्सा उपकरणों पर कर की दर को कम करने पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा बैठक में राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई के तौर-तरीकों पर भी चर्चा होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई वाली परिषद की 43वीं बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हो रही है। करीब आठ महीने में यह परिषद की बैठक पहली बैठक है। बैठक से पहले गैर-भाजपा शासित राज्यों मसलन राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, झारखंड, केरल और पश्चिम बंगाल ने कोविड से जुड़ी आवश्यक सामग्रियों पर शून्य कर की दर के लिए दबाव बनाने की संयुक्त रणनीति तैयार की है। जीएसटी परिषद में सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
कर की दरों पर विचार विमर्श के अलावा परिषद में राज्यों को अनुमानत: 2.69 लाख करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराने पर भी चर्चा होगी। वर्ष 2017 में जीएसटी व्यवस्था लागू करते समय राज्यों को वैट और अन्य कर लगाने के उनके अधिकार को छोडऩे पर राजी करते हुये उनके राजस्व नुकसान की भरपाई का वादा किया गया था। सूत्रों ने बताया कि जीएसटी दरों पर फिटमेंट समिति ने परिषद को कोविड टीके, दवाओं और अन्य उपकरणों पर कर की दर को शून्य करने के गुण-दोष पर रिपोर्ट सौंप दी है। इस समिति में केंद्र और राज्यों के कर अधिकारी शामिल हैं। यदि अंतिम उत्पाद को जीएसटी से छूट दी जाती है तो विनिर्माताओं के पास कच्चे माल पर इनपुट कर क्रेडिट के लाभ का दावा करने का विकल्प नहीं बचेगा। ऐसे में उपभोक्ताओं को कोई विशेष लाभ नहीं मिलेगा। वर्ष 2018 में परिषद ने कई महिला संगठनों की मांग पर सेनेटरी नैपकिंस को जीएसटी मुक्त किया था। इस पर 12 प्रतिशत की दर से यह कर लगता था। लेकिन जीएसटी मुक्त किये जाने के बाद उपभोक्ताओं को कोई खास लाभ नहीं मिला क्योंकि विनिर्माताओं को आपूर्ति श्रृंखला में लगने वाले कर की वापसी का लाभ नहीं मिला। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस माह के शुरू में कोविड संबंधी टीकों, दवाओं और आक्सीजन कंसन्ट्रेटर को जीएसटी से छूट दिये जाने की मांग को एक तरह से खारिज करते हुये कहा कि इस तरह की छूट दिये जाने से उपभोक्ताओं के लिये ये जीवनरक्षक सामग्री महंगी हो जायेगी क्योंकि इसके विनिर्माताओं को कच्चे माल पर दिये गये कर का लाभ नहीं मिल पायेगा। वर्तमान में टीके की घरेलू आपूर्ति और वाणिज्यिक तौर पर आयात पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है जबकि कोविड दवाओं और आक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू है। जहां तक राज्यों के राजस्व क्षतिपूर्ति की बात है केन्द्र ने चालू वित्त वर्ष के दौरान इस मद में 2.69 लाख करोड़ रुपये की कमी रहने का अनुमान लगाया है। केन्द्र को विलासिता, अहितकर और तंबाकू उत्पादों पर लागू उपकर से 1.11 लाख करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है जबकि शेष 1.58 लाख करोड़ रुपये उधार से जुटाने होंगे।

भारत सरकार के नए आईटी नियमों पर गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने दिया बड़ा बयान
Posted Date : 27-May-2021 5:43:21 pm

भारत सरकार के नए आईटी नियमों पर गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने दिया बड़ा बयान

नयी दिल्ली ,27 मई । गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने आज कहा कि कंपनी स्थानीय कानूनों का पालन करने के लिए और सरकारों के साथ रचनात्मक रूप से जुडऩे के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकारें तेजी से विकसित हो रहे प्रौद्योगिकी क्षेत्र से तालमेल बैठाने के लिए नियामक ढांचे बनाती हैं। पिचाई ने एशिया प्रशांत क्षेत्र के चुनिंदा पत्रकारों के साथ एक आभासी सम्मेलन में कहा, ‘‘यह स्पष्ट रूप से शुरुआती दिन हैं और हमारे स्थानीय दल बहुत व्यस्त हैं... हम हमेशा हर देश में स्थानीय कानूनों का सम्मान करते हैं और हम रचनात्मक रूप से काम करते हैं। हमारे पास स्पष्ट पारदर्शिता रिपोर्ट है, जब हम सरकारी अनुरोधों का अनुपालन करते हैं, तो हम इसका उल्लेख अपनी पारदर्शिता रिपोर्ट में करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि एक स्वतंत्र और खुला इंटरनेट ‘‘बुनियादी बात’’ है और भारत में इसकी लंबी परंपराएं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘एक कंपनी के रूप में हम स्वतंत्र और खुले इंटरनेट के मूल्यों और इससे होने वाले लाभों के बारे में स्पष्ट रूप से जानते हैं और हम इसकी वकालत करते हैं, और हम दुनिया भर के नियामकों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ते हैं, हम इन प्रक्रियाओं में भाग लेते हैं।’’ पिचाई ने आगे कहा कि कंपनी विधायी प्रक्रियाओं का सम्मान करती है, और जिन मामलों में उसे पीछे हटने की जरूरत होती है, वह ऐसा करती है। सरकार ने नए डिजिटल नियमों का पूरी निष्ठा के साथ बचाव करते हुए कहा कि वह निजता के अधिकार का सम्मान करती है और व्हॉट्सएप जैसे संदेश मंचों को नए आईटी नियमों के तहत चिन्हित संदेशों के मूल स्रोत की जानकारी देने को कहना निजता का उल्लंघन नहीं है। इसके साथ ही सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से नये नियमों को लेकर अनुपालन रिपोर्ट मांगी है। व्हॉट्सएप ने सरकार के नए डिजिटल नियमों को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी है जिसके एक दिन बार सरकार की यह प्रतिक्रिया आई है। व्हॉट्सएप का कहना है कि कूट संदेशों तक पहुंच उपलब्ध कराने से निजता का बचाव कवर टूट जायेगा। नए नियमों की घोषणा 25 फरवरी को की गयी थी। इस नए नियम के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे बड़े सोशल मीडिया मंचों (जिनके देश में 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ता हैं) को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी। इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और भारत स्थित शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं। नियमों का पालन न करने पर इन सोशल मीडिया कंपनियों को अपने इंटरमीडिएरी दर्जे को खोना पड़ सकता है। यह स्थिति उन्हें किसी भी तीसरे पक्ष की जानकारी और उनके द्वारा ‘होस्ट’किए गए डाटा के लिए देनदारियों से छूट और सुरक्षा प्रदान करती है। दूसरे शब्दों में इसका दर्जा समाप्त होने के बाद शिकायत होने पर उन पर कार्रवाई की जा सकती है।

जेफ बेजोस पांच जुलाई को छोड़ेंगे अमेजन सीईओ का पद
Posted Date : 27-May-2021 5:42:36 pm

जेफ बेजोस पांच जुलाई को छोड़ेंगे अमेजन सीईओ का पद

न्यूयॉर्क ,27 मई । अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस ने कहा कि वह पांच जुलाई को सीईओ का पद छोड़ देंगे। अमेजन को इंटरनेट बुकस्टोर से ऑनलाइन शॉपिंग क्षेत्र की दिग्गज कंपनी बनाने वाले बेजोस ने कहा कि अमेजन के कार्यकारी एंडी जेसी पांच जुलाई को सीईओ की भूमिका संभाल लेंगे। बेजोस ने अमेजन के शेयरधारकों की बैठक के दौरान कहा, ‘‘हमने इस तारीख को चुना, क्योंकि मेरे लिए इसका भावनात्मक महत्व है। ’’ उन्होंने बताया कि ठीक 27 साल पहले 1994 में इसी दिन अमेजन की स्थापना हुई थी। कंपनी ने इस साल फरवरी में कहा था कि बेजोस कंपनी के सीईओ का पद छोड़ देंगे, लेकिन तब इसके लिए कोई तारीख नहीं बताई गई थी। कंपनी ने बताया था कि सीईओ का पद छोडऩे के बाद वह कार्यकारी अध्यक्ष की नई भूमिका में होंगे। बेजोस ने कहा है कि उनके पास अन्य परियोजनाओं के लिए अधिक समय होगा, जिसमें उनकी अंतरिक्ष अन्वेषण कंपनी ब्लू ओरिजिन, उनके द्वारा चलाए जाने वाले परोपकार के काम और वाशिंगटन पोस्ट की देखरेख शामिल है। इस समय अमेजन में 13 लाख लोग काम करते हैं और ये दुनिया भर में करोड़ो लोगों और कारोबारों को सेवाएं देते हैं।

 

प्रोत्साहन पैकेज की तैयारी में मोदी सरकार
Posted Date : 27-May-2021 5:42:25 pm

प्रोत्साहन पैकेज की तैयारी में मोदी सरकार

नयी दिल्ली ,27 मई । कोविड-19 महामारी के कारण आर्थिक पुनरूद्धार पर मंडराते खतरे को देखते हुए सरकार लॉकडाउन में ढिलाई के तुंरत बाद प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कर सकती है। ब्रोकरेज कंपनी बर्नस्टीन ने एक बयान में कहा कि उसका वृहत आर्थिक सूचकांक अप्रैल और मई के दौरान आर्थिक गतिविधियों में गिरावट का संकेत दिखा रहा है। सरकार लॉकडाउन से सबसे अधिक प्रभावित छोटे कारोबार और स्वरोजगारों के लिए यह पैकेज ला सकती है। उसने कहा, ‘‘मई में ऊर्जा खपत में चार प्रतिशत और ईंधन खपत में 16 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई हैं। ई-वे बिल में 16 प्रतिशत की कमी आयी है। खुदरा दुकानों के बंद रहने के कारण कारखानों में कुछ श्रेणियों के उत्पादन में कमी आई है।’’ बर्नस्टीन ने कहा, ‘‘खुदरा दुकानों का बंद रहना उत्पादन को बढ़ाने की क्षमता को सीमित कर रहा है। आपूर्ति प्रबंध पर हालांकि उतना गहरा प्रभाव नहीं पड़े, क्योंकि अधिकतर राज्यों में कारखाने के संचालन पर प्रतिबंध कम हैं।’’ उसने कहा, ’’हमारा मानना है कि... लॉकडाउन हटने पर सरकार एक और प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कर सकती है। कोरोना के कारण एसएमई (सूक्ष्म और मझोले उद्यम) क्षेत्र और स्व नियोजित रोजगार वाले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। निम्न मध्यम वर्ग पर तो प्रभाव पड़ा ही है लेकिन इस बार उच्च-मध्यम वर्ग में उपभोक्ता भावना कमजोर हो सकती है और इस पहलू पर ध्यान देने की जरूरत है।’’ बर्नस्टीन कहा कि इस बार जो हम देख रहे, उसमे अर्थव्यवस्था के लिए चौकाने वाली कोई बात नहीं है। वृहत आर्थिक मोर्चे पर हालत थोड़ी बिगड़ रही है लेकिन पिछले वर्ष लगाए गए लॉकडाउन के मुकाबले कम गति से। इस बार भी कुछ महीनों तक अर्थव्यवस्था की गति धीमी रह सकती है, क्योंकि पिछले बार भी लॉकडाउन हटने के कुछ महीनो तक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव देखा गया था।

साल 2025 तक नए वाहनों की बिक्री में इलेकट्रिक दोपहिया की बढ़ेगी हिस्सेदारी
Posted Date : 26-May-2021 1:50:36 pm

साल 2025 तक नए वाहनों की बिक्री में इलेकट्रिक दोपहिया की बढ़ेगी हिस्सेदारी

मुंबई ,26 मई । देश में 2025 तक नए वाहनों की बिक्री में इलेक्ट्रिक दोपहिया का हिस्सा करीब 8 से 10 प्रतिशत होगा। वहीं इलेक्ट्रिक तिपहिया का हिस्सा 30 प्रतिशत रहेगा। इक्रा ने कहा कि परिचालन की कम लागत और आकर्षक सब्सिडी समर्थन की वजह से कुल वाहन बिक्री में इलेकट्रिक दोपहिया और तिपहिया की हिस्सेदारी बढ़ेगी। रेटिंग एजेंसी ने हालांकि कहा कि मध्यम अवधि में कारों और ट्रकों के मामलों में यह स्तर नीचे रहेगा। इक्रा ने कहा कि कैलेंडर वर्ष 2020 में वैश्विक स्तर पर नई कारों की बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 4.4 प्रतिशत रही। चालू कैलेंडर वर्ष में यह पांच प्र्रतिशत से अधिक रहेगी। इक्रा ने कहा कि इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया खंडों की वाणिज्यिक चार्जिंग ढांचे पर निर्भरता काफी कम है क्योंकि उन्हें अधिक लंबी दूरी की यात्रा नहीं करनी होती। इसके अलावा उनके लिए बैटरी अदला-बदली की सुविधा भी है। साथ ही परिचालन की लागत भी इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया के पक्ष में है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारत अपने बड़े दोपहिया और तिपहिया खंड का लाभ उठाकर वैश्विक स्तर पर प्रमुख इलेक्ट्रिक दोपहिया एवं तिपहिया विनिर्माता बन सकता है। हालांकि, इलेक्ट्रिक कारों के मामले में भारत पीछे रहेगा। इक्रा ने कहा कि बीते कैलेंडर साल में कोविड-19 की वजह से वैश्विक स्तर पर वाहनों की मांग घटी। इसके बावजूद इलेक्ट्रिक वाहनों ने इससे पिछले साल की तुलना में 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।